जाम है आम, नहीं हो रहा समाधान:रामनगर चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था होमगार्ड के भरोसे, ड्युटी पर तैनात पुलिसकर्मी रहते हैं गायब

बाराबंकी जिले के रामनगर चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था की हालत बदहाल बनी हुई है। इस चौराहे पर यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से संभालने के लिए तैनात पुलिसकर्मी असफल नजर आ रहे हैं। थाना रामनगर से तैनात किए गए तीन पुलिसकर्मी अक्सर अपनी ड्यूटी पर होमगार्ड को खड़ा कर देते हैं, जिससे व्यवस्था और अधिक चरमरा जाती है। रामनगर का यह चौराहा बेहद महत्वपूर्ण है, जहां से गोंडा, बहराइच, उतरौला, बलरामपुर, लखनऊ, और दिल्ली जैसे स्थानों के लिए बड़े वाहनों का आना-जाना होता है। यहां पर सरकारी और प्राइवेट बसों के साथ ही भारी वाहनों का दिनभर आवागमन बना रहता है। इसके बावजूद सुबह और देर रात के समय चौराहे पर कोई सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आते, जिससे वाहनों की तेज गति और लापरवाह चालकों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। तेज रफ्तार और जाम बना चिंता का विषय इसी चौराहे पर बुधवार को भी एक चार पहिया वाहन की टक्कर से दुर्घटना हो गई। स्थानीय लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए, लेकिन यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। इसी तरह, हाईवे पर स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान और बस स्टेशन के पास ई-रिक्शा स्टैंड की वजह से हाईवे पर लगातार जाम की समस्या बनी रहती है। यात्रियों को लंबे समय तक जाम में फंसे रहना पड़ता है, जिससे उनका सफर और अधिक कठिन हो जाता है। वहीं, रामनगर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि चौराहे पर तीन ट्रैफिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड्स तैनात किए गए हैं ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। हालांकि, चौराहे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह संख्या पर्याप्त नहीं है। स्थानीय लोग प्रशासन से ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग कर रहे हैं।

Nov 28, 2024 - 18:20
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जाम है आम, नहीं हो रहा समाधान:रामनगर चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था होमगार्ड के भरोसे, ड्युटी पर तैनात पुलिसकर्मी रहते हैं गायब
बाराबंकी जिले के रामनगर चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था की हालत बदहाल बनी हुई है। इस चौराहे पर यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से संभालने के लिए तैनात पुलिसकर्मी असफल नजर आ रहे हैं। थाना रामनगर से तैनात किए गए तीन पुलिसकर्मी अक्सर अपनी ड्यूटी पर होमगार्ड को खड़ा कर देते हैं, जिससे व्यवस्था और अधिक चरमरा जाती है। रामनगर का यह चौराहा बेहद महत्वपूर्ण है, जहां से गोंडा, बहराइच, उतरौला, बलरामपुर, लखनऊ, और दिल्ली जैसे स्थानों के लिए बड़े वाहनों का आना-जाना होता है। यहां पर सरकारी और प्राइवेट बसों के साथ ही भारी वाहनों का दिनभर आवागमन बना रहता है। इसके बावजूद सुबह और देर रात के समय चौराहे पर कोई सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आते, जिससे वाहनों की तेज गति और लापरवाह चालकों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। तेज रफ्तार और जाम बना चिंता का विषय इसी चौराहे पर बुधवार को भी एक चार पहिया वाहन की टक्कर से दुर्घटना हो गई। स्थानीय लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए, लेकिन यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। इसी तरह, हाईवे पर स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान और बस स्टेशन के पास ई-रिक्शा स्टैंड की वजह से हाईवे पर लगातार जाम की समस्या बनी रहती है। यात्रियों को लंबे समय तक जाम में फंसे रहना पड़ता है, जिससे उनका सफर और अधिक कठिन हो जाता है। वहीं, रामनगर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि चौराहे पर तीन ट्रैफिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड्स तैनात किए गए हैं ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। हालांकि, चौराहे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह संख्या पर्याप्त नहीं है। स्थानीय लोग प्रशासन से ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग कर रहे हैं।

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