ट्रम्प की जंग रोकने की धमकी पर रूस बोला:इसमें कुछ नया नहीं, पहले भी बैन लगा चुके, शांति के लिए यूक्रेन को राजी करें
रूस ने डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ लगाने की धमकी पर प्रतिक्रिया दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्रेमलिन (राष्ट्रपति ऑफिस) ने कहा कि ट्रम्प की रूस पर प्रतिबंध लगाने और टैरिफ थोपने की धमकी में कुछ भी नया नहीं है। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रम्प को ये तरीके पसंद हैं। कम से कम पहले राष्ट्रपति काल के दौरान उन्होंने यह जरूर पसंद था। उन्होंने पहले टर्म में भी रूस पर कई प्रतिबंध लगाए थे। पेस्कोव ने कहा कि पुतिन ने पहले भी जंग रोकने की बात कही है। लेकिन अगर जंग रोकनी है तो इसके लिए यूक्रेन को तैयार करना पड़ेगा। हम इस पहल का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि रूस बराबरी की बातचीत के लिए तैयार है। इससे पहले यूनाइटेड नेशन में रूस के डिप्टी एंबेस्डर दिमित्री पोलांस्की ने कहा था कि रूस कोई भी अगला कदम उठाने से पहले यह जानना चाहेगा कि जंग खत्म करने के लिए ट्रम्प क्या चाहते हैं। ट्रम्प बोले- जंग नहीं रोका तो और प्रतिबंध लगाएंगे रूस की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर मॉस्को ने यूक्रेन में जंग को खत्म करने के लिए समझौता नहीं किया तो उस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए जाएंगे। ट्रम्प ने कहा कि वे रूस और पुतिन को इस जंग को खत्म करने के लिए राजी करके उन पर बहुत बड़ा उपकार करेंगे। ट्रम्प ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा था, “मैं रूस को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैंने राष्ट्रपति पुतिन से हमेशा अच्छे रिश्ते बनाए रखे। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि रूस ने दूसरा विश्व युद्ध जीतने में हमारी मदद की थी।” इसके बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन में जंग कभी शुरू ही नहीं होनी चाहिए थी, यहां भयंकर स्थिति है, लाखों लोग मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा- अगर अमेरिका में एक सक्षम राष्ट्रपति होता, तो यह जंग कभी नहीं होती। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो ऐसा नहीं होता। ट्रम्प बोले- जंग खत्म न कर रूस को तबाह कर रहे पुतिन ट्रम्प ने सोमवार को शपथ के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने के लिए समझौता न करके रूस को तबाह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि रूस बड़ी मुसीबत में पड़ने वाला है। उन्हें समझौता करना चाहिए। जेलेंस्की ने मुझसे कहा है कि वे एक सौदा करना चाहते हैं। मुझे नहीं पता है कि पुतिन ऐसा करते हैं या नहीं। हो सकता है कि वह ऐसा न करें। लेकिन मुझे लगता है कि पुतिन को डील करनी चाहिए। ट्रम्प बोले- रूस के 10 लाख सैनिक मरे, देश चलाने का यह तरीका नहीं ट्रम्प ने कहा कि रूस एक तरह से बड़ी मुसीबत में है। आप उनकी इकोनॉमी पर नजर डालें, उनकी महंगाई दर को देखिए। मैं पुतिन के साथ बहुत अच्छा रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि वह यूक्रेन जंग को खत्म करने को लेकर डील करना चाहेंगे। ट्रम्प ने चुनावी अभियान के दौरान वादा किया था कि वे शपथ लेने के अगले दिन ही रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराएंगे। इस वादे को लेकर जब ट्रम्प से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- मेरे पास अभी भी आधा दिन बाकी है (मजाकिया अंदाज में)। फिर उन्होंने कहा कि वे इसे जल्दी ही समाप्त करना चाहते हैं। ट्रम्प ने कहा कि पुतिन ने सोचा था कि वे एक हफ्ते में यूक्रेन को जीत लेंगे। लेकिन अब ये तीसरे साल में एंटर करने को लेकर है। यह बिल्कुल अच्छा नहीं है। पुतिन इससे खुश नहीं होंगे। ट्रम्प ने कहा कि उनके पास डेटा है कि जंग में लगभग 10 लाख रूसी सैनिक मारे गए हैं। वहीं 7 लाख यूक्रेनी सैनिक मरे हैं। रूस बड़ा है। उनके पास खोने के लिए ज्यादा सैनिक हैं लेकिन देश चलाने का यह कोई तरीका नहीं है।

ट्रम्प की जंग रोकने की धमकी पर रूस बोला: इसमें कुछ नया नहीं
रूस ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जंग रोकने की धमकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रूस के अधिकारियों का कहना है कि ट्रम्प की चेतावनी में कुछ नया नहीं है, क्योंकि पहले भी वे ऐसे बैन लगा चुके हैं। रूस का मानना है कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता केवल स्थिति को और बिगाड़ेगी।
रूस का तर्क और ऐतिहासिक संदर्भ
रूस के मुताबिक, पहले भी अमेरिका ने युद्ध को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन इससे किसी भी संकट का समाधान नहीं हुआ। इसके बजाय, रूस ने शांति की अपील की है और स्पष्ट किया है कि उसका लक्ष्य यूक्रेन में स्थिति को स्थिर करना है।
यूक्रेन पर रूस की दृष्टि
रूस ने कहा है कि यदि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का सहयोग यूक्रेन को शांति के मार्ग पर ले जाने में मदद कर सके, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा। अफसोस की बात है कि पिछले कुछ समय में अमेरिका और नाटो देशों के बीच तनाव बढ़ा है, जिससे युद्ध की संभावना बढ़ गई है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
इस मामले में अन्य देशों की प्रतिक्रियाएँ भी महत्वपूर्ण हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रूस और अमेरिका के बीच बातचीत को बढ़ावा दिया जाए, तो इससे क्षेत्रीय स्थिरता में मदद मिलेगी। परंतु, इसके लिए दोनों पक्षों को नरम रुख अपनाने की आवश्यकता होगी।
रूस का उद्देश्य स्पष्ट है – वह चाहता है कि यूक्रेन की सरकार को शांति के लिए तैयार किया जाए। इसके लिए वह अपने सभी संसाधनों का उपयोग करने के लिए तैयार है। इसका मतलब यह है कि रूस बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन निषेधात्मक बयानों की आड़ में नहीं।
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निष्कर्ष
ट्रम्प की जंग रोकने की धमकी पर रूस का यह प्रतिक्रिया दर्शाता है कि वैश्विक राजनीति में घटनाएँ तेजी से बदलती हैं, और सभी पक्षों को समझदारी से काम लेना होगा। आगे की स्थिति का निर्धारण विभिन्न राजनैतिक और सैन्य गतिशीलताओं पर निर्भर करेगा। रूस ने एक बार फिर साबित करने का प्रयास किया है कि वह शांति का पक्षधर है और एक स्थिरता की राह पर चलने को तत्पर है।
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