जींद के मास्टर ने जूड़ो में जीता गोल्ड मेडल:हिमाचल के धर्मशाला में हुई नेशनल प्रतियोगिता के फाइनल में दिल्ली को हराया
जींद के मास्टर राममेहर सिंह ने हिमाचल के धर्मशाला में हुई नेशनल मास्टर्स प्रतियोगिता के जूड़ो में गोल्ड मेडल जीता है। राममेहर सिंह ने फाइनल मुकाबले में दिल्ली के खिलाड़ी को हराकर पहला स्थान प्राप्त किया। 20 से 26 अप्रैल तक हिमाचल के धर्मशाला में इंडोर स्टेडियम में सातवीं नेशनल मास्टर्स प्रतियोगिता चल रही है। इसमें हैंडबॉल, बास्केटबॉल, बेडमिंटन, जूड़ो, कबड्डी समेत कई तरह की प्रतियोगिताएं चल रही हैं, जिनमें 4 हजार से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। हिमाचल के खिलाड़ी को हरा पहुंचा फाइनल में इनमें उचाना के कन्या स्कूल में कार्यरत अंग्रेजी प्रवक्ता राममेहर सिंह ने हरियाणा की तरफ से जूड़ो के 90 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया। राममेहर ने केरल,हिमाचल के खिलाड़ियों को पटखनी देते हुए फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल मुकाबला दिल्ली के खिलाड़ी के साथ हुआ, जिसे हराकर राममेहर सिंह ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। राममेहर ने अपनी सफलता का श्रेय जिला शिक्षा अधिकारी सुमित्रा, प्राचार्या सरोज श्योकंद, अपने बड़े भाई नरेश को दिया। राममेहर ने बताया कि जूड़ो में भी विभिन्न आयु तथा भार वर्ग में 100 से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे थे। ये प्रतियोगिता केवल मास्टर्स के लिए आयोजित हो रही है। राममेहर के वापस लौटने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। राममेहर ने बताया कि वह काफी समय से जूड़ो खेल का अभ्यास कर रहा है।

जींद के मास्टर ने जूड़ो में जीता गोल्ड मेडल
हिमाचल के धर्मशाला में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में जींद के एक मास्टर ने जूड़ो में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया है। इस मुकाबले में दिल्ली के प्रतिद्वंद्वी को हराना उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है।
प्रतियोगिता का आयोजन
धर्मशाला में हुई इस प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। जूड़ो का यह मुकाबला विशेष रूप से जाने-माने जूड़ो कोच की देखरेख में आयोजित किया गया, जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन को गंभीरता से परखा गया। जींद के मास्टर ने अपनी तकनीकी दक्षता और खेल भावना से सभी को प्रभावित किया।
फाइनल मुकाबला
फाइनल में, जींद के मास्टर ने दिल्ली के प्रतिद्वंद्वी के साथ कठिन मुकाबला किया। शुरुआत से ही उन्होंने आक्रामक खेल दिखाया और दिल्ली के खिलाड़ी को सहजता से मात दी। उनकी रणनीति और फुर्ती ने उन्हें इस पूरे प्रतियोगिता में खास बनाकर रखा था।
प्रतिभागियों का समर्थन
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाया। जूड़ो जैसे दाव-पेच के खेल में, दोस्ती और प्रतियोगिता का एक अलग ही मजा होता है। जींद के मास्टर ने अपने शहर का नाम रोशन किया है और उनके लिए समस्त खिलाड़ियों ने उनकी प्रगति पर गर्व महसूस किया।
भविष्य की योजनाएं
अब, जब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है, तो जींद के मास्टर ने भविष्य में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की योजना बनाई है। उनका लक्ष्य विश्व स्तर पर अपने कौशल को साबित करना है और देश का नाम ऊंचा करना है।
News by indiatwoday.com
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