दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित कर घर से निकाला:एलसीडी, फ्रिज और 50 हजार की मांग, पति समेत ससुरालियों पर दर्ज कराया मुकदमा

पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना का एक गंभीर मामला सामने आया है। गढ़ाकलां की रहने वाली अर्चना राठौर ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया है। अर्चना की शादी करीब 6 साल पहले शाहजहांपुर के नवदिया नवाजपुर निवासी रजनीश राठौर से हुई थी। शादी में पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज दिया था। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद से ही सास सीता देवी ने घरेलू कामों को लेकर शिकायतें करना शुरू कर दिया और पति को भड़काना शुरू कर दिया। पीड़िता के अनुसार, ससुराल वाले एलसीडी, फ्रिज और 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। इस दौरान सास सीता देवी, ससुर सियाराम और देवर राजकुमार भी उत्पीड़न में शामिल थे। पहले बच्चे कार्तिक ( 4 वर्ष) के जन्म के बाद भी प्रताड़ना जारी रही। जब अर्चना दूसरी बार 4 महीने की गर्भवती थी, तब उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। 5 दिसंबर 2024 को अर्चना ने पूरनपुर के जीवन धारा अस्पताल में एक बेटी रूपांशी देवी को जन्म दिया। प्रसव में करीब 50 हजार रुपये का खर्च आया, जो उसके पिता ने कर्ज लेकर चुकाया। ससुराल वालों को सूचना देने के बावजूद कोई देखने नहीं आया। पीड़िता ने 25 दिसंबर को थाना सेहरामऊ उत्तरी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों को कई बार बुलावा भेजा, लेकिन कोई नहीं आया। अब पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है।

Feb 9, 2025 - 23:00
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दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित कर घर से निकाला:एलसीडी, फ्रिज और 50 हजार की मांग, पति समेत ससुरालियों पर दर्ज कराया मुकदमा
पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना का एक गंभीर मामला सामने आया है। गढ़ाक

दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित कर घर से निकाला: एलसीडी, फ्रिज और 50 हजार की मांग

दहेज प्रथा भारत में एक गंभीर सामाजिक समस्या बनी हुई है, जो कई परिवारों में तनाव और विवाद का कारण बनती है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया और उसे उसके ससुराल से निकाल दिया गया। यह मामला उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है जो दहेज के मामले में संघर्ष कर रही हैं।

घटना का विवरण

महिला ने अपने पति और अन्य ससुरालियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसे एलसीडी, फ्रिज और 50 हजार रुपये की मांग के लिए प्रताड़ित किया। जब महिला ने इन मांगों को पूरा करने से इनकार किया, तो उसे घर से निकाल दिया गया। इस घटनाक्रम ने दहेज प्रथा की काली हकीकत को उजागर किया है, जहां कई महिलाएं मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करती हैं।

कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं में पति समेत ससुरालियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसे दहेज निषेध अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अंतर्गत देखा जा रहा है। कानूनी रूप से दहेज मांगना और महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले में सख्त सजा का प्रावधान है।

महिलाओं के अधिकार और समर्थन

यह मामला उन महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाना चाहती हैं। आज के समय में, महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है और उन्हें इस बात का समर्थन मिलना चाहिए कि वे ऐसे मामलों में पुलिस से शिकायत कर सकें। बहुत से एनजीओ और महिला संगठन इस दिशा में सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।

समाज में जागरूकता

समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से, लोगों को समझाना होगा कि दहेज लेना और देना दोनों ही अवैध हैं। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें एकजुट होकर इस मुद्दे के खिलाफ खड़ा होना होगा।

इस मामले की गहराई और गंभीरता को समझते हुए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि दहेज प्रथा खत्म हो और प्रत्येक महिला को अपने हक की रक्षा करने का साहस मिले।

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