अयोध्या पहुंचे हरिद्वार के प्रसिद्ध कथावाचक नवराज प्रपन्ना महाराज:बोले– हम एक नहीं थे, इसलिए राम मंदिर के बनने में लग गया 500 वर्ष
प्रतिष्ठा द्वादशी के उपलक्ष्य में अयोध्या के अरुंधति पैलेस के परिसर में श्री राम कथा का आयोजन चल रहा है। हरिद्वार के प्रसिद्ध कथा वाचक नवराज प्रपन्ना महाराज श्री राम लला को कथा सुना रहे है। जिनके श्री मुख से श्री राम कथा सुनकर सभी श्रोता भावविभोर हो रहे है। प्रपन्ना महाराज ने कहा “हम एक नहीं थे, इसलिए राम मंदिर के बनने में 500 वर्ष लग गए। अयोध्या का विकास विश्व स्तर पर हो रहा है। अयोध्या धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक व्यापक पहल के रूप में देखा जा रहा है। भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के 540 वर्षों बाद अयोध्या में हो रहे विकास कार्य न केवल भारत बल्कि समूचे विश्व के लिए कल्याणकारी हैं। स्वामी महाराज ने कहा “ वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को तो जरूरी है, लेकिन पुरानी सनातनी शिक्षा व्यवस्था और अधिक महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि भारत की पुरानी शिक्षा व्यवस्था हमें संस्कृति, विज्ञान और संस्कारों से जोड़ती है, और इसे आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के साथ मिलाकर एक नई शिक्षा प्रणाली बनानी चाहिए। उनका उद्देश्य यह है कि जैसे 15 वीं शताब्दी में भारत विश्व गुरु था, वैसे भविष्य में भारत फिर से दुनिया का गुरु बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका को सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा “ अब यूपी पहले वाला यूपी नहीं रहा है, यहां विकास के साथ ही धार्मिक गतिविधियां भी बढ़ेगा। आने वाले दिनों में यूपी सनातन के मामले में पूरा देश का प्रतिनिधित्व करेंगा।

अयोध्या पहुंचे हरिद्वार के प्रसिद्ध कथावाचक नवराज प्रपन्ना महाराज: बोले– हम एक नहीं थे, इसलिए राम मंदिर के बनने में लग गया 500 वर्ष
हाल ही में हरिद्वार के प्रसिद्ध कथावाचक नवराज प्रपन्ना महाराज ने अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यदि हम एक होते, तो राम मंदिर का निर्माण 500 वर्षों में नहीं बल्कि जल्दी किया जा सकता था। उन्होंने अयोध्या की भूमि की महत्वता को बताते हुए कहा कि यह स्थान केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से लोगों को एकता और समर्पण का पाठ भी पढ़ाया।
राम मंदिर की महत्वता
नवराज प्रपन्ना महाराज ने राम मंदिर के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कैसे ऐतिहासिक कारणों से मंदिर का निर्माण विलंबित हुआ, लेकिन अब यह एक नई शुरुआत है।
एकता का संदेश
कथावाचक ने यह भी कहा कि जब हम एक इकाई के रूप में कार्य करते हैं, तो हम बड़ी सफलताएँ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रेरित किया कि सभी को एक साथ मिलकर राम मंदिर के निर्माण और उसकी रक्षा में योगदान देना चाहिए। उनके अनुसार, यह एकता ही हमें मजबूत बनाएगी और हमारे धर्म को स्थिरता देगी।
अयोध्या की वर्तमान स्थिति
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य सरकार और मंदिर समिति द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों ने इस क्षेत्र को पर्यटन और धर्म की दृष्टि से प्रमुखता प्रदान की है। नवराज प्रपन्ना महाराज जैसे धर्मगुरुओं की उपस्थिति इस विकास को और भी प्रोत्साहन देती है।
निष्कर्ष
नवराज प्रपन्ना महाराज का यह बयान केवल धार्मिक अत्याचारों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को प्रेरित करने का भी एक माध्यम है। राम मंदिर की यह परिकल्पना अब आकार ले रही है और इसके बनने के पीछे की कहानी ने सभी को एक नया दृष्टिकोण दिया है।
अयोध्या में चल रहे ये घटनाक्रम हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
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