अलीगढ़ पुलिस को बंगलुरू के हैकर की तलाश:AMU को ई-मेल के जरिए दी थी बम से उड़ाने की धमकी, आरोपी किशोर ने ऑनलाइन सीखी थी हैकिंग

अलीगढ़ पुलिस अब बंगलुरू के हैकर की तलाश कर रही है। उसने ही किशोर का गुरु बनकर उसे हैकिंग की जानकारी दी थी। जिसके बाद किशोर ने ऑनलाइन यू्-ट्यूब के जरिए हैकिंग सीखी थी। पुलिस एएमयू को धमकी देने वाले किशोर को गिरफ्तार कर चुकी है। किशोर को एटीएस ने देवरिया में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे अलीगढ़ लाया गया था। यहां पुलिस लगातार आरोपी किशोर से पूछताछ कर रही है। पुलिस की पूछताछ में किशोर ने बताया है कि जब वह कोटा में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था, तभी टेलीग्राम के जरिए उसकी पहचान बंगलुरू के हैकर से हुई थी। रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों को भेजी थी मेल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को 8 जनवरी को धमकी भरी मेल भेजी गई थी। आरोपियों ने रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, पीआरओ और सभी एचओडी को भेजी गई मेल में कहा था कि मैने एएमयू के कुछ छात्रों से बात की है। छात्रों की मदद से कैंपस के अंदर कई जगहों पर विस्फोटक रख दिया है। अगर यूनिवर्सिटी ने छात्र के बताए नंबर पर दो लाख रुपए नहीं भेजे तो वह एएमयू कैंपस में विस्फोट शुरू कर देगा। इतना ही नहीं आरोपी ने मेल के जरिए यह भी धमकी दी थी कि वह एएमयू की मैश में बनने वाले भोजन में सुअर की चर्बी वाला तेल भी मिला देगा। जिसके बाद पुलिस एलर्ट हो गई थी और मामले की जांच शुरू कर दी गई थी। पुलिस ने एटीएस की ली थी मदद मामले की जांच शुरू होने के बाद पुलिस ने एटीएस की मदद ली थी। लखनऊ ATS ने देवरिया निवासी किशोर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस उसे लेकर 12 जनवरी को अलीगढ़ आई थी और पूछताछ शुरू कर दी थी। पुलिस लगातार किशोर से पूछताछ कर रही है। गुरु के साथ मिलकर शुरू की साइबर ठगी आरोपी किशोर ने पुलिस को बताया कि टेलीग्राम के जरिए जब उसकी हैकर से बातचीत शुरू हो गई, तो उसने आरोपी हैकर को गुरु बना लिया। खुद भी हैकर की मदद से ऑनलाइन हैकिंग सीखी। उसके गुरु ने ही डार्क वेब पर वीपीएन के जरिए उसके नाम से मेल और यूपीआई बनाई थी। दोनों ने मिलकर प्रॉक्सी आईपी, यूपीआई, मेल बेंचकर ठगी शुरू कर दी। आरोपी लोगों के खातों से भी रुपए उड़ाते थे और खाते खरीदने बेचने का भी काम करते थे। एएमयू को धमकाने में जो ई-मेल और यूपीआई का इस्तेमाल हुआ है, वह भी गिरफ्तार किए गए किशोर के नाम पर ही है। हालांकि अब पुलिस उसके गुरु की तलाश कर रही है। अभी दर्ज नहीं हुआ है मुकदमा एएमयू को धमकी मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। आरोपी किशोर को अलीगढ़ लाकर उससे पूछताछ भी की जा रही है। लेकिन उसके खिलाफ पुलिस ने मंगलवार देर रात तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया था। सिर्फ उससे मिली जानकारी के जरिए पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। सीओ अभय कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की जांच जारी है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Jan 15, 2025 - 09:45
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अलीगढ़ पुलिस को बंगलुरू के हैकर की तलाश

अलीगढ़ में हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) को ई-मेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस धमकी का स्रोत एक किशोर है जिसने बंगलुरू में स्थित आइटी हब से हैकिंग की तकनीक सीखी थी। यह घटना न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन को परेशान कर रही है बल्कि स्थानीय पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।

धमकी का खुलासा

सूत्रों के अनुसार, धमकी देने वाले किशोर ने यह संदेश ई-मेल द्वारा भेजा जिसमें उसने विश्वविद्यालय को चेतावनी दी की अगर उसकी मांगी गई राशि नहीं दी गई, तो वह परिसर में बम विस्फोट करेगा। धमकी मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की और जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया।

हैकर की पृष्ठभूमि

पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी किशोर ने ऑनलाइन माध्यमों से हैकिंग की तकनीक सीखी थी। यह बंगलुरू जैसे विकसित शहरों में शिक्षा का एक उदाहरण है जहाँ युवा न केवल तकनीक में दक्ष होते हैं, बल्कि इसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है और जाँच टीम को किशोर की पहचान के लिए कई तकनीकी विशेषज्ञता की सहायता लेनी पड़ी है।

पुलिस की कार्रवाई

अलीगढ़ पुलिस ने बंगलुरू पुलिस के साथ मिलकर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की जाए। पुलिस ने कई साइबर एक्सपर्ट्स की मदद भी ली है ताकि ई-मेल के स्रोत का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के तंत्र को भी मजबूत किया है।

एएमयू प्रशासन ने भी इस मामले में तत्परता दिखाई है और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। विश्वविद्यालय में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सख्त नियम और रिपोर्टिंग तंत्र स्थापित किया गया है।

समाज का एक बड़ा हिस्सा यह सवाल कर रहा है कि क्या डिजिटल दुनिया में हैकिंग की शिक्षा देने वाले प्लेटफार्मों पर नियंत्रण होना चाहिए। निश्चित रूप से यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे समय रहते हल किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

अलीगढ़ पुलिस के लिए यह मामला न केवल एक जांच है बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि डिजिटल सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए। पुलिस को बंगलुरू के हैकर की तलाश में जुटने के साथ, उम्मीद है कि उन सभी को सजा मिलेगी जो ऐसी गंभीर और खतरनाक गतिविधियों में लिप्त हैं।

यह मामला न केवल यथास्थितिता को चुनौती देता है बल्कि हम सभी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे हम इस डिजिटल युग में सुरक्षित रह सकते हैं।

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