श्रममंत्री से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग दोहराई:लखनऊ में ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने बैठक कर बनाई रणनीति
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की एक बैठक दारुलशफा के कॉमन हॉल में प्रांतीय अध्यक्ष ओम शंकर तिवारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में समिति के राष्ट्रीय सचिव राजीव भटनागर ने दिल्ली में श्रम मंत्री मनसुख मांडविया, ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारियों और समिति के राष्ट्रीय नेताओं के साथ न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी को लेकर हुई बैठक की जानकारी साझा की। बैठक में खास प्रमुख मांगें प्रांतीय अध्यक्ष ओम शंकर तिवारी ने श्रम मंत्री से आग्रह किया कि वह अपना वादा निभाएं और न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए प्रति माह, महंगाई भत्ता और पति-पत्नी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करें। पेंशनभोगियों का व्यापक समर्थन बैठक में रोडवेज आवश्यक वस्तु निगम, अपट्रॉन, एचएल, पीसीएफ, आईटीआई, सीड कॉर्पोरेशन, निर्माण निगम और कल्याण निगम जैसे विभिन्न विभागों के पेंशनभोगियों ने भाग लिया। सभा का संचालन प्रांतीय महामंत्री राजशेखर नागर ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केएस तिवारी, मुख्य समन्वयक जय रूप सिंह परिहार, प्रांतीय महासचिव आरएन द्विवेदी, संगठन मंत्री पीके श्रीवास्तव, उमाकांत सिंह विसेन, दिलीप पांडे, सुभाष चौबे, मनोज शंकर भटनागर, अशोक बाजपेई, विजय सिंह, राकेश द्विवेदी, शमशुल हसन सिद्दीकी, गीता वर्मा और सुनीता सोनकर ने भी विचार रखे।

श्रममंत्री से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग दोहराई
लखनऊ में ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में श्रममंत्री से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को दोहराया गया। समिति के सदस्यों ने एकजुट होकर अपनी चिंताओं और आवश्यकताओं को साझा किया, जिससे कि उनके मुद्दों को सही मंच पर उठाया जा सके। इस प्रकार की बैठकें मजदूरों के अधिकारों और उनके भविष्य की सुनिश्चितता के लिए आवश्यक हैं।
ईपीएस-95 की पृष्ठभूमि
ईपीएस-95 या कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में लागू हुई थी, जिसका मकसद पेंशन लाभार्थियों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करना था। लेकिन वर्तमान स्थिति में, पेंशन की न्यूनतम सीमा पर चर्चा आवश्यक हो चुकी है। समिति ने बताया कि महंगाई और जीवन यापन की लागत को देखते हुए, मौजूदा पेंशन राशि अपर्याप्त है।
बैठक में उठाए गए मुद्दे
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक सुर में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग की। कई सदस्यों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में वस्त्र और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि ने उनके दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। इसलिए, इस मुद्दे को समर्पितता से निपटाना जरूरी है।
भविष्य की रणनीति
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने बैठक में एक ठोस रणनीति तैयार की है, जिसमें जन जागरूकता फैलाना, रैलियां आयोजित करना और श्रममंत्री के साथ संवाद करना शामिल है। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य पेंशन बढ़ाने की मांग को सरकार तक पहुंचाना है। समिति के सदस्यों ने संकल्प लेते हुए यह कहा कि वे इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
न्यूनतम पेंशन की बढ़ी हुई मांग श्रमिकों के वित्तीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। ऐसे में यदि सरकार इस पर ध्यान देती है, तो इससे लाखों श्रमिक परिवारों का जीवन स्तर सुधर सकता है।
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निष्कर्ष
लखनऊ की इस बैठक ने स्पष्ट किया है कि श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए संगठनों की आवाज कितनी महत्वपूर्ण है। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने स्पष्टता के साथ अपनी बात रखी और मानवीय अधिकारों की सुरक्षा के लिए एकजुटता का प्रदर्शन किया। उम्मीद की जाती है कि सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी। किवर्ड्स: न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग, श्रममंत्री बैठक लखनऊ, ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, पेंशन योजना 1995, मजदूरों के अधिकार, पेंशन बढ़ोतरी की रणनीति, पेंशन मुद्दे पर चर्चा, लखनऊ श्रमिक संगठनों की बैठक, ईपीएस-95 संघर्ष समिति, श्रमिकों की समस्या.
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