देहरा में मां पर हमला करने वाले बेटे को सजा:10 साल की कैद और जुर्माना, महिला के सिर पर किया था वार
कांगड़ा में देहरा की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सपना पांडे की कोर्ट ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मां पर हमला करने के मामले में गौरव चौहान को दोषी करार दिया है। आरोपी गौरव चौहान को कई धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है। धारा 307 के तहत 7 साल की कैद और 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। वहीं धारा 452 के तहत 2 साल की कैद की सजा दी गई है। इसके अलावा धारा 504 और 506 के तहत एक-एक साल की सजा सुनाई गई है। जानें क्या है मामला घटना 21 जून 2023 को दोपहर 1 बजे की है। गौरव चौहान ने देहरा क्षेत्र में अपनी मां कृष्णा देवी से झगड़ा किया। इस दौरान उसने अपनी मां के सिर पर वार कर उन्हें चोट पहुंचाई। पीड़िता की शिकायत पर देहरा थाने में मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच एसएचओ संदीप पठानिया और जांच अधिकारी मनजीत सिंह ने की। जिला न्यायवादी संदीप शर्मा के अनुसार कोर्ट ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर यह फैसला सुनाया है।

देहरा में मां पर हमला करने वाले बेटे को सजा: 10 साल की कैद और जुर्माना
देहरा से एक च shocking खबर सामने आई है जहां एक बेटे ने अपनी मां पर जान से मारने की कोशिश की थी। इस अपराध के लिए उसे 10 साल की कैद और एक भारी जुर्माना भुगतना होगा। कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि इस तरह का हिंसक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की पृष्ठभूमि
इस घटना में आरोपी बेटे ने अपनी मां पर लाठी से वार किया था, जिसके कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना अकेले में हुई थी, और इसकी जानकारी पुलिस को मिलने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यायालय का फैसला
स्थानीय अदालत ने सुनवाई के दौरान गवाहों तथा मेडिकल रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए बेटे को 10 साल की सजा सुनाई। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि परिवार में हिंसा के मामलों में सख्ती से निपटा जाएगा। इसके साथ ही बेटे पर जुर्माना भी लगाया गया है ताकि वह अपने कृत्य की जिम्मेदारी समझ सके।
सामाजिक प्रभाव
यह मामला समाज में पारिवारिक एवं घरेलू हिंसा की गंभीरता पर प्रकाश डालता है। परिवार के भीतर होने वाली ऐसी घटनाएं न केवल पीड़ित के लिए बल्कि समाज के लिए भी गंभीर संदेश देती हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है।
समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें कानून के प्रति जागरूक रहना चाहिए और हिंसा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सही कदम उठाने जरूरी हैं।
अंततः, यह घटना हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है कि हम अपने परिवार में आपसी संबंधों को समझदारी और प्रेम के साथ स्थापित करें।
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