नोएडा में दो लाख की दवा चोरी करने वाला गिरफ्तार:50 हजार से अधिक की दवा बरामद, फार्मा कंपनी में जीडीए पर है तैनात
सेक्टर-63 क्षेत्र स्थित कंपनी में जीडीए के पद पर रहते हुए कंपनी से करीब दो लाख रुपये की दवाई चोरी कराने के आरोप में थाना सेक्टर-63 पुलिस ने कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर 60 हजार रुपये से अधिक की दवाई बरामद की है। पुलिस अब कंपनी में चोरी करने वाले आरोपी को खोज रही है। दवाओं के ऑडिट में आया सामने एसीपी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि 11 दिसंबर 2024 को अभिषेक जैन ने मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि वह सिग्नस मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में बिजनेस हेड हैं। उनकी कंपनी का सेक्टर-63 के ए ब्लॉक स्थित भूतल पर फार्मेसी का गोदाम है। 17 नवंबर को कंपनी द्वारा वेयर हाउस में रखे माल का रूटीन ऑडिट हुआ। पूरे स्टॉक की जांच करने पर गायब हुई दवाइयों के बारे में जानकारी हुई। जांच के दौरान पता चला कि वेयर हाउस में लगभग दो लाख रुपए कीमत की दवा कम हैं। सीसीटीवी फुटेज में आया सामने वेयर हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से पता चला कि चार नवंबर की रात लगभग 8.30 बजे एक व्यक्ति पिछले हिस्से में लगी खिड़की के रास्ते एक व्यक्ति अंदर घुसा और दवाइयां चुराकर ले गया। शिकायतकर्ता का कहना था कि चोरी करने वाले व्यक्ति से वेयर हाउस में काम करने वाले किसी व्यक्ति से मिले होने की संभावना है। जिसने उसे बताया कि गोदाम में महंगी दवाईयां कहां रखी हैं। चोर गोदाम में घुसा और 15 मिनट के भीतर बैग में रखी महंगी दवाइयां चोरी करके जल्दी बाहर निकल गया। पुलिस कैमरों की फुटेज के आधार पर चोर को पकड़ने का प्रयास कर रही थी। जांच के बाद शनिवार को पुलिस ने कंपनी में जीडीए के पद पर कार्य करने वाले मध्य प्रदेश के जिला ग्वालियर की न्यू कॉलोनी निवासी सुमित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। वह वर्तमान में पर्थला स्थित जनता फ्लैट में किराए पर रहता है। सुमित ने ही आरोपी को दवाइयों का स्थान बताया और चोरी कराई। पुलिस अब चोरी करने वाले शातिर को खोज रही है।

नोएडा में दो लाख की दवा चोरी करने वाला गिरफ्तार
नोएडा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को 50 हजार से अधिक की दवा चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब आरोपी ने एक फार्मा कंपनी से दो लाख रुपये मूल्य की दवाई चुराई थी। स्थानीय पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इस मामले में कार्रवाई की और आरोपी को पकड़ लिया।
चोरी का मामला और गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि आरोपी एक फार्मा कंपनी में जीडीए के पद पर तैनात था। उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध थीं, इसलिए पुलिस ने उसे निगरानी में रखा। अंततः, जब उसे दवा के साथ पकड़ा गया, तो पुलिस ने मामले की एफ़आईआर दर्ज की और जांच शुरू की।
बरामद की गई दवा
गिरफ्तार आरोपी के पास से 50 हजार रुपये मूल्य की दवा बरामद की गई है, जो कि अंतिम रूप से कंपनी के अधिकारियों को सौंप दी जाएगी। यह दवा विभिन्न चिकित्सीय अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण थी, और इसकी चोरी से व्यापक दुष्प्रभाव हो सकते थे।
महत्त्व और प्रतिक्रिया
इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। फार्मा कंपनियों की सुरक्षा में सुधार करने और चिकित्सा सामग्री की अवैध बिक्री को रोकने की आवश्यकता है। पुलिस का यह कहना है कि इस तरह की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।
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सूखें की अव्यवस्थाएँ
इस घटना से स्पष्ट होता है कि औषधीय सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता है। फार्मा कंपनियों को अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए और ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जो संभावित आवारागर्दी की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
जागरूकता फैलाने का समय
समाज में इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। लोकल समुदायों को इन मुद्दों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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