बीएचयू वीसी समेत चार के खिलाफ कोर्ट में अर्जी:विशेषाधिकार दुरूपयोग का लगा आरोप,कोर्ट ने लंका थाने से मांगा आख्या
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की कोर्ट में पद का दुरुपयोग करने के मामले में बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, रजिस्ट्रार अरुण सिंह, पूर्व फाइनेंस अफसर अभय ठाकुर, वर्तमान फाइनेंस अफसर मनोज पांडेय तथा रेक्टर और कोऑर्डिनेटर संजय कुमार के खिलाफ अर्जी दाखिल की गई। 3 साल में EC गठन न करने पर उठा सवाल याचिकाकर्ता हरिकेश बहादुर सिंह ने अपने अर्जी से लिखा कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (EC) को एक महत्वपूर्ण कार्यकारी निकाय के रूप में उपबंधित कर उसके पास विश्वविधालय के राजस्व और सम्पत्ति के प्रबंधन और प्रशासन का प्रभार सौंपा गया और इसके द्वारा ही विश्वविधालय के सभी कार्यों व प्रशासनिक मामलों का संचालन किया जाता है। लेकिन 3 वर्षों में EC का गठन नहीं किया गया। कोर्ट ने थाने से मांगा आख्या कोर्ट ने इस प्रकरण में थाने से आख्या तलब की है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। हरिकेश बहादुर सिंह ने अपने अधिवक्ता संतोष मौर्य के माध्यम से कोर्ट में धारा 173(4) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अर्जी दी है।आरोप लगाया है कि विपक्षियों ने अपने विशेषाधिकार का दुरुपयोग कर तमाम अवैध कार्य कर सरकारी धन का गबन कर रहे हैं। न्यायालय से इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देने की गुहार लगाई है।

बीएचयू वीसी समेत चार के खिलाफ कोर्ट में अर्जी
इन दिनों बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कानूनी हलचल देखने को मिली है। बीएचयू के वाइस चांसलर और अन्य तीन अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक अर्जी कोर्ट में दायर की गई है। यह मामला आगामी दिनों में शहर में चर्चा का विषय बनने की संभावना है।
विशेषाधिकार दुरुपयोग का आरोप
अर्जी में आरोप लगाया गया है कि बीएचयू के वीसी और उनके सहयोगी अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है, जिससे छात्रों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। इस मामले में कोर्ट ने लंका थाने से रिपोर्ट मांगी है, जिससे मामले की गंभीरता को समझा जा सके।
कोर्ट की कार्रवाई
कोर्ट ने इस केस को गंभीरता से लिया है और संबंधित सरकारी अधिकारियों को मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला न केवल बीएचयू के स्तर पर बल्कि समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में विशेषाधिकार और उसके दुरुपयोग के मुद्दे पर प्रकाश डालता है।
बीएचयू के छात्रों और शिक्षकों में इस मामले को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई छात्रों ने न्याय की मांग की है और इस पर उचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।
निष्कर्ष
इस मामले पर आगे की अपडेट्स के लिए, कृपया 'News by indiatwoday.com' पर बने रहें। यह मामला बीएचयू के प्रशासनिक संचालन और इसे प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों को उजागर करता है।
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