पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे लाखों श्रोता:मनोकामना पूरी होने के विश्वास पर पहुंचे देशभर के श्रोता, कथावाचक बोले - सबसे ज्यादा भीड़ काशी में दिखी

वाराणसी में मां गंगा के तट पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव कथा कहीं जा रही है। इस कथा में प्रतिदिन 3 लाख से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं। कथा स्थल पर भीड़ को काबू करने के लिए 5 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। इस कथा में सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि भारत के कोने कोने से श्रद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने जब श्रद्धालुओं से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की की आखिर क्यों लोग यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं तो उन्होंने क्या कहा पेश है एक रिपोर्ट... वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के ठीक गंगा उस पार शिव कथा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ घाट पर दिखाई दी। गंगा पार करने के लिए नविको को हिदायत दी गई है कि वह सिर्फ 30 रूपए रुपए ही लेंगे। जिस पर सवार होकर श्रोता कथा में शामिल होने पहुंच रहे हैं। कथा में शामिल होने वाले भक्तों से हमने बात की तो यह बात निकल के सामने आई कि बाबा द्वारा एक मंत्र का जाप कराया जाता है और सभी से एक लोटा भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए कहा जाता है। लोगों का मानना है कि बाबा के इस चमत्कारी मंत्र और उपाय से जो भी मनोकामना होती है वह जल्द पूरी हो जाती है। हमने कथा स्थल पर तीन महिलाओं से बातचीत... नाम-बिभा...स्थान- लखनऊ : हम आज पहला दिन यहां पर कथा सुनाने आए हैं। पूरे परिवार के साथ हम बाबा को धन्यवाद देंगे। हम ढाई साल से बाबा से जुड़े हुए हैं उनकी कथा प्रतिदिन सुनते हैं। बाबा के स्थल पर जाकर हमने अपने बेटे के नौकरी के लिए मन्नत मांगी थी और दो से तीन महीने में मेरी मनोकामना पूरी हो गई। नाम - कृष्णा....स्थान- भोपाल : हम लोग पूरे परिवार के साथ कथा सुनाने आए हैं। बाबा यहां पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हैं और कथा में इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। उन्होंने बताया कि हम अपने परिवार की उन्नति के लिए मनोकामना करने आए हैं और मेरे बेटे की नौकरी लग जाए इसलिए हम सभी यहां पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि यहां शौचालय इत्यादि की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन लोग ही यहां पर गंदगी कर रहे हैं। नाम- सीमा....स्थान-वाराणसी...हम 2022 में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचेथे। हमारी बहन जो खुद डॉक्टर है उसने भी जवाब दिया था कि मुझे कभी बच्चे नहीं होंगे लेकिन मैं बाबा की कथा में पहुंची सच्चे मन से उनकी कथा को सुना और मंत्र का जाप किया एक लोटा भगवान शिव को प्रतिदिन जल चढ़ाया और आज 2024 है जब मुझे एक लड़का पैदा हुआ है। आज हम पूरे परिवार के साथ बाबा को धन्यवाद देने आए थे। आइए अब जानते हैं कथा में भीड़ होने की वजह इन तीन महिलाओं से बात करने के बाद हमें यह समझ में आया कि बाबा द्वारा मंच से जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है उसका पत्र पढ़ते हैं और उसे मंच पर ही बुलाकर बेलपत्र देते हैं यह सभी दृश्य कथा पंडाल में मौजूद तीन लाख की भीड़ देखी है। इसके अलावा चैनल के माध्यम से भी लाइव चलता है और यही वजह है की आस्था और विश्वास के चलते लाखों की संख्या में लोग शिव कथा का श्रवण करने सिर्फ अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुंचते हैं। भास्कर ने इन तीन पॉइंट्स पर की व्यवस्थाओं की पड़ताल कथा स्थल पर पंडाल की लंबाई कथा सुनने के लिए पांच लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की संभावना को ध्यान में रखते हुए आयोजकों ने इसकी तैयारी की पंडाल निर्माण की जिम्मेदारी उन्होंने नरायनपुर की कंपनी को दी 441 बीघे में टेंट लगा गया और कथा स्थल पर पहुंचने के लिए पांच प्रवेश द्वार बनाया गया। लेकिन टेंट सिर्फ 1 लाख लोगों के बैठने के लिए लगा और जब भीड़ बढ़ने लगी तो अस्थाई टेंट लगाया गया उसके बाद भी लोग रेत तक बैठकर कथा सुनें। भीड़ मैनेजमेंट आयोजन समिति की ओर से लगभग 250 वॉलेंटियर्स तैनात किए गए हैं। जिस तरह से कथा स्थल पर लोगों की भीड़ पहुंच रही है, उसे देखते हुए वॉलेंटियर्स की संख्या नाकाफी दिखी। रोजाना 2-3 लाख की भीड़ पहुंच रही है तो इस हिसाब से 1200 लोगों पर एक वॉलेंटियर है। दूसरा जो वॉलेंटियर तैनात हैं वो क्राउड मैनेजमेंट के लिए प्रशिक्षित नही दिखे। कथा स्थल के गेट पर प्रवेश के लिए अक्सर श्रोताओं से बहस होता रहा। हालांकि,वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने इस पूरे कथा आयोजन में काफी अहम योगदान दिया और पुलिस की टीम हर स्थल पर मौजूद दिखी। इतना ही नहीं बल्कि खुद वाराणसी पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को निर्देश देते रहे। कथा स्थल पर व्यवस्था वाराणसी में शिव कथा स्थल पर व्यवस्थाओं का इंतजाम नगर निगम द्वारा भी किया गया। पानी से लेकर शौचालय तक की व्यवस्था को जोश करने की तमाम दावे किए गए लेकिन 3 लाख की भीड़ में सभी दावों को ध्वस्त कर दिया। लोक शौचालय से ज्यादा आसपास के खेत में ही जाना शुरू कर दिए जिसके कारण वहां स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी भी जताई वही कथा स्थल पर पहुंचने वाली कुछ महिलाओं से भी हमने बात किया तो उन्होंने भी कहा कि जो लोग बाहर शौच कर रहे हैं वह देखकर हमें अच्छा नहीं लग रहा है। फिलहाल हमें कथा स्थल पर वृद्ध श्रोताओं को गंगा घाट से कथा स्थल तक ले जाने के लिए ई-रिक्शा दिखाई दी इसके अलावा पानी पीने के लिए जलकल विभाग का टैंक और शौचालय की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा सभी श्रोताओं के लिए निशुल्क भोजन की भी व्यवस्था आयोजकों द्वारा आयोजित की गई थी। अब जानते हैं पं प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान क्या कहा बेलपत्र को सदैव सम्मान दें, यह भगवान भोले को अति प्रिय है पं. प्रदीप मिश्र ने लोगों से अनुरोध किया कि आप जब विश्वनाथजी के दर्शन के लिए मंदिर जाएं और बीच रास्ते में मंदिर में कहीं बेलपत्र गिरा हो तो उसके ऊपर पैर कभी ना रखें। उसे उठाकर कहीं किनारे रख दें। वापस पूजा करके आने के बाद उसको उचित स्थान पर प्रवाह करें क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। ऐसा करने से आपको शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र से अधिक पुण्य मिलेगा। कहा कि बेलपत्र, रुद्राक्ष औ

Nov 26, 2024 - 13:35
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पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे लाखों श्रोता:मनोकामना पूरी होने के विश्वास पर पहुंचे देशभर के श्रोता, कथावाचक बोले - सबसे ज्यादा भीड़ काशी में दिखी
वाराणसी में मां गंगा के तट पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव कथा कहीं जा रही है। इस कथा में प्रतिदिन 3 लाख से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं। कथा स्थल पर भीड़ को काबू करने के लिए 5 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। इस कथा में सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि भारत के कोने कोने से श्रद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने जब श्रद्धालुओं से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की की आखिर क्यों लोग यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं तो उन्होंने क्या कहा पेश है एक रिपोर्ट... वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के ठीक गंगा उस पार शिव कथा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ घाट पर दिखाई दी। गंगा पार करने के लिए नविको को हिदायत दी गई है कि वह सिर्फ 30 रूपए रुपए ही लेंगे। जिस पर सवार होकर श्रोता कथा में शामिल होने पहुंच रहे हैं। कथा में शामिल होने वाले भक्तों से हमने बात की तो यह बात निकल के सामने आई कि बाबा द्वारा एक मंत्र का जाप कराया जाता है और सभी से एक लोटा भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए कहा जाता है। लोगों का मानना है कि बाबा के इस चमत्कारी मंत्र और उपाय से जो भी मनोकामना होती है वह जल्द पूरी हो जाती है। हमने कथा स्थल पर तीन महिलाओं से बातचीत... नाम-बिभा...स्थान- लखनऊ : हम आज पहला दिन यहां पर कथा सुनाने आए हैं। पूरे परिवार के साथ हम बाबा को धन्यवाद देंगे। हम ढाई साल से बाबा से जुड़े हुए हैं उनकी कथा प्रतिदिन सुनते हैं। बाबा के स्थल पर जाकर हमने अपने बेटे के नौकरी के लिए मन्नत मांगी थी और दो से तीन महीने में मेरी मनोकामना पूरी हो गई। नाम - कृष्णा....स्थान- भोपाल : हम लोग पूरे परिवार के साथ कथा सुनाने आए हैं। बाबा यहां पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते हैं और कथा में इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। उन्होंने बताया कि हम अपने परिवार की उन्नति के लिए मनोकामना करने आए हैं और मेरे बेटे की नौकरी लग जाए इसलिए हम सभी यहां पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि यहां शौचालय इत्यादि की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन लोग ही यहां पर गंदगी कर रहे हैं। नाम- सीमा....स्थान-वाराणसी...हम 2022 में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचेथे। हमारी बहन जो खुद डॉक्टर है उसने भी जवाब दिया था कि मुझे कभी बच्चे नहीं होंगे लेकिन मैं बाबा की कथा में पहुंची सच्चे मन से उनकी कथा को सुना और मंत्र का जाप किया एक लोटा भगवान शिव को प्रतिदिन जल चढ़ाया और आज 2024 है जब मुझे एक लड़का पैदा हुआ है। आज हम पूरे परिवार के साथ बाबा को धन्यवाद देने आए थे। आइए अब जानते हैं कथा में भीड़ होने की वजह इन तीन महिलाओं से बात करने के बाद हमें यह समझ में आया कि बाबा द्वारा मंच से जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है उसका पत्र पढ़ते हैं और उसे मंच पर ही बुलाकर बेलपत्र देते हैं यह सभी दृश्य कथा पंडाल में मौजूद तीन लाख की भीड़ देखी है। इसके अलावा चैनल के माध्यम से भी लाइव चलता है और यही वजह है की आस्था और विश्वास के चलते लाखों की संख्या में लोग शिव कथा का श्रवण करने सिर्फ अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुंचते हैं। भास्कर ने इन तीन पॉइंट्स पर की व्यवस्थाओं की पड़ताल कथा स्थल पर पंडाल की लंबाई कथा सुनने के लिए पांच लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की संभावना को ध्यान में रखते हुए आयोजकों ने इसकी तैयारी की पंडाल निर्माण की जिम्मेदारी उन्होंने नरायनपुर की कंपनी को दी 441 बीघे में टेंट लगा गया और कथा स्थल पर पहुंचने के लिए पांच प्रवेश द्वार बनाया गया। लेकिन टेंट सिर्फ 1 लाख लोगों के बैठने के लिए लगा और जब भीड़ बढ़ने लगी तो अस्थाई टेंट लगाया गया उसके बाद भी लोग रेत तक बैठकर कथा सुनें। भीड़ मैनेजमेंट आयोजन समिति की ओर से लगभग 250 वॉलेंटियर्स तैनात किए गए हैं। जिस तरह से कथा स्थल पर लोगों की भीड़ पहुंच रही है, उसे देखते हुए वॉलेंटियर्स की संख्या नाकाफी दिखी। रोजाना 2-3 लाख की भीड़ पहुंच रही है तो इस हिसाब से 1200 लोगों पर एक वॉलेंटियर है। दूसरा जो वॉलेंटियर तैनात हैं वो क्राउड मैनेजमेंट के लिए प्रशिक्षित नही दिखे। कथा स्थल के गेट पर प्रवेश के लिए अक्सर श्रोताओं से बहस होता रहा। हालांकि,वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने इस पूरे कथा आयोजन में काफी अहम योगदान दिया और पुलिस की टीम हर स्थल पर मौजूद दिखी। इतना ही नहीं बल्कि खुद वाराणसी पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को निर्देश देते रहे। कथा स्थल पर व्यवस्था वाराणसी में शिव कथा स्थल पर व्यवस्थाओं का इंतजाम नगर निगम द्वारा भी किया गया। पानी से लेकर शौचालय तक की व्यवस्था को जोश करने की तमाम दावे किए गए लेकिन 3 लाख की भीड़ में सभी दावों को ध्वस्त कर दिया। लोक शौचालय से ज्यादा आसपास के खेत में ही जाना शुरू कर दिए जिसके कारण वहां स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी भी जताई वही कथा स्थल पर पहुंचने वाली कुछ महिलाओं से भी हमने बात किया तो उन्होंने भी कहा कि जो लोग बाहर शौच कर रहे हैं वह देखकर हमें अच्छा नहीं लग रहा है। फिलहाल हमें कथा स्थल पर वृद्ध श्रोताओं को गंगा घाट से कथा स्थल तक ले जाने के लिए ई-रिक्शा दिखाई दी इसके अलावा पानी पीने के लिए जलकल विभाग का टैंक और शौचालय की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा सभी श्रोताओं के लिए निशुल्क भोजन की भी व्यवस्था आयोजकों द्वारा आयोजित की गई थी। अब जानते हैं पं प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान क्या कहा बेलपत्र को सदैव सम्मान दें, यह भगवान भोले को अति प्रिय है पं. प्रदीप मिश्र ने लोगों से अनुरोध किया कि आप जब विश्वनाथजी के दर्शन के लिए मंदिर जाएं और बीच रास्ते में मंदिर में कहीं बेलपत्र गिरा हो तो उसके ऊपर पैर कभी ना रखें। उसे उठाकर कहीं किनारे रख दें। वापस पूजा करके आने के बाद उसको उचित स्थान पर प्रवाह करें क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। ऐसा करने से आपको शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र से अधिक पुण्य मिलेगा। कहा कि बेलपत्र, रुद्राक्ष और तुलसीदल व माला कभी अशुद्ध नहीं होते हैं। हम गंडकी नदी का देते हैं रुद्राक्ष व्यासपीठ से दिए जाने वाले रुद्राक्ष पर पं. मिश्र ने कहा कि हमारे यहां जो सिहोर में रुद्राक्ष दिया जाता है वह आम रुद्राक्ष से अलग होता है। हम जो रुद्राक्ष देते हैं वह गंडकी नदी का रुद्राक्ष होता है। अभी तक की सभी कथाओं से ज्यादा भीड़ काशी में हुई काशी में होने वाली कथा में भीड़ के सवाल पर पं. मिश्र ने कहा कि अभी तक की सभी कथाओं से ज्यादा भीड़ काशी में हुई। इसका हम लोगों ने अनुमान नहीं लगाया था। यह बाबा विश्वनाथ की कृपा है जो अपने भक्तों को कथा सुनवा रहे हैं। होली, दीपावली से बड़ा है कथा का कार्यक्रम कथा प्रारंभ होने से पूर्व महामंडलेश्वर संतोष दास ने कहा कि शिव महापुराण कथा सबको कुछ न कुछ देकर जा रही है। यहां सभी जाति, सभी धर्म का समन्वय है। जहां एक ओर मां गंगा में उस पार से इस पार करने के लिए हमारे केवट समुदाय के लोग आपको पार उतारने में पूरी तत्परता से लगे हैं। वहीं, क्षेत्र में अनेकों दुकान हैं। सभी जाति और धर्म के लोग यहां से खरीदारी कर रहे हैं। सबकी गरीबी मिट रही है। वर्तमान में होली, दीपावली और धनतेरस, इन सभी से बड़ा यह कथा का कार्यक्रम है।

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