परीक्षा पे चर्चा एपिसोड 7:मैरी कॉम, अवनी और सुहास ने कहा- फेल्‍योर कामयाबी का सबसे बड़ा पार्ट; खुश रहें, पर संतुष्‍ट कभी न हों

परीक्षा पे चर्चा के 7वें एपिसोड में दिग्गज खेल आइकन मैरी कॉम, अवनी लेखरा और सुहास एल. यतिराज शामिल हुए। तीनों ने डिसिप्लिन के जरिए से गोल सेटिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर बात की। मैरी कॉम, सुहास यतिराज और अवनि लेखरा के बच्‍चों को 10 टिप्‍स 1. कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। 2. फेल्‍योर सक्‍सेस का सबसे बड़ा पार्ट है। 3. आपके थॉट्स आपकी किस्‍मत बनाते हैं। 4. हमारे खुश रहें, पर संतुष्‍ट कभी न हों। 5. फोकस बढ़ाने के लिए ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें। 6. मुकाबला हमेशा खुद से करें और अपना बेस्‍ट दें। 7. खेल हो या पढ़ाई, खुद को ब्रेक देते रहना जरूरी। 8. किसी भी चैलेंज से लड़ने के लिए खुद से लड़ना सीखें। 9. अच्‍छी चीज आसानी से नहीं मिलती। डबल-ट्रिपल मेहनत करें। 10. सोना बहुत जरूरी है। मेंटली फिट रहेंगे, तभी फिजिकली फिट होंगे। एपिसोड 6 में विक्रांत मैसी और भूमि पेडनेकर ने दिए टिप्स परीक्षा पे चर्चा 2025 के 6वें एपिसोड में एक्टर विक्रांत मैसी और एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर मिशन क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी (Creativity With Positivity ) यानी अपने काम के साथ पॉजिटिव कैसे रहें, पर चर्चा की। एपिसोड 5 में मोटिवेशनल स्पीकर सद्गुरु ने दिए टिप्स परीक्षा पे चर्चा 2025 के 5वें एपिसोड में कल मोटिवेशनल स्पीकर सद्गुरु ने स्टूडेंट्स से 'दिमाग के चमत्कार (Miracle of Mind)' पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा का मतलब परीक्षा लेना नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका सिखाना है। एपिसोड 4 में शेफ सबरवाल और रुजुता दिवेकर ने दिए टिप्स परीक्षा पे चर्चा 2025 के चौथे एपिसोड में कल 14 फरवरी को शेफ सोनाली सबरवाल, हेल्‍थ इंफ्लुएंसर रेवंत हिमातसिंका और न्‍यूट्रिशनिस्‍ट रुजुता दिवेकर ने बच्‍चों से बात की थी। तीनों ने बच्‍चों को हेल्‍दी ईटिंग और क्‍वालिटी स्‍लीप के टिप्‍स दिए। एपिसोड 3 में गौरव और राधिका ने बताए टेक्‍नोलॉजी के टिप्‍स शो के तीसरे एपिसोड में टेक्निकल गुरुजी के नाम से मशहूर गौरव चौधरी और आंत्रप्रेन्योर राधिका गुप्ता ने बच्‍चों से बात की। 20 मिनट के शो में उन्‍होंने बच्‍चों को टेक्‍नोलॉजी का पढ़ाई के लिए इस्‍तेमाल करने के कई टिप्‍स दिए। इनमें से 5 खास बातें रहीं- एपिसोड 2 में दीपिका ने दिए थे मेंटल हेल्‍थ के टिप्‍स 12 फरवरी को एक्‍ट्रेस और मेंटल हेल्‍थ एडवोकेट दीपिका पादुकोण ने बच्‍चों से बात की थी। दीपिका ने कहा, 'स्‍ट्रेस फील होना जीवन का हिस्‍सा है, इसे हम हैंडल कैसे करते हैं, ये मैटर करता है।' 10 फरवरी को PM मोदी ने की थी परीक्षा पे चर्चा परीक्षा पे चर्चा 2025 की शुरुआत 10 फरवरी को प्रधानमंत्री के बच्‍चों के साथ बातचीत से हुई थी। PM ने 1 घंटे के अपने शो में बच्‍चों को एग्‍जाम वॉरियर बनने के 9 टिप्‍स दिए थे। 8 एपिसोड में होगा पूरा इवेंट इस साल पूरा प्रोग्राम 8 एपिसोड में है। इसमें अलग-अलग फील्‍ड के 12 सेलिब्रिटीज के अलावा UPSC, CBSE और JEE क्लियर करने वाले टॉपर्स अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रहे हैं।

Feb 17, 2025 - 10:59
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परीक्षा पे चर्चा एपिसोड 7:मैरी कॉम, अवनी और सुहास ने कहा- फेल्‍योर कामयाबी का सबसे बड़ा पार्ट; खुश रहें, पर संतुष्‍ट कभी न हों
परीक्षा पे चर्चा के 7वें एपिसोड में दिग्गज खेल आइकन मैरी कॉम, अवनी लेखरा और सुहास एल. यतिराज शामिल

परीक्षा पे चर्चा एपिसोड 7: मैरी कॉम, अवनी और सुहास ने कहा- फेल्‍योर कामयाबी का सबसे बड़ा पार्ट; खुश रहें, पर संतुष्‍ट कभी न हों

परीक्षा पे चर्चा के सातवें एपिसोड में, भारत की मशहूर खिलाड़ी मैरी कॉम, दिव्यांग पैरा-एथलीट अवनी लेखरा, और सुहास एल वर्मा ने छात्रों से अपनी सफलता की यात्रा साझा की। यह कार्यक्रम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होस्ट किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को मनोबल बढ़ाना और परीक्षा के तनाव से निपटने के उपाय बताना है। इस एपिसोड में इन तीनों एथलीटों ने यह बताया कि असफलता को कैसे सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है।

फेल्‍योर को समझना: सफलता की सीढ़ी

मैरी कॉम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने कई बार कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन हर बार उन्होंने उनसे सीख लिया और आगे बढ़ती रहीं। अवनी ने भी यही बात दोहराई, यह बताते हुए कि फेल्‍योर निराश होने का कारण नहीं है, बल्कि यह नई शुरूआत का एक अवसर है। सुहास ने कहा, "खुश रहना महत्वपूर्ण है, लेकिन संतुष्ट नहीं होना चाहिए। हमेशा अपनी क्षमता को और ऊंचाईयों पर ले जाने का प्रयास करना चाहिए।"

कार्यक्रम की अहमियत

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक मंच है। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना और परीक्षा के डर को कम करना है। सिद्धांतों और रणनीतियों को साझा करना छात्रों को उनके लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करता है।

समापन विचार

चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, असफलता से न डरें। यह सीखने और बढ़ने का एक हिस्सा है। "खुश रहें, पर संतुष्ट कभी न हों" का संदेश सभी के लिए प्रेरणादायक है। शिक्षा सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं है, बल्कि ज्ञान और अनुभव के विकास के लिए है।

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