पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट किए गए डॉक्टर लुटने से बचाया:तीन दिनों के लिए होटल में किया था डिजिटल अरेस्ट, 50 लाख रूपये बचाए
बरेली में एसपी सिटी मानुष पारीक की सूझबूझ से एक डॉक्टर लुटने से बच गया। डॉक्टर को साईबर अपरधियों ने अपने चंगुल में फंसा लिया था। और उससे 50 लाख रुपए वसूलने जा रहे थे। डॉक्टर को साईबर अपरधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। लेकिन वक्त रहते पुलिस को मामले की जानकारी हुई और पुलिस ने होटल जाकर डॉक्टर को बचा लिया। साईबर ठगो ने डॉक्टर को 3 दिनों के लिए किया था डिजिटल अरेस्ट बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के डॉ नज़बुल हसन फाइक एनक्लेव कालोनी में रहते है। डॉक्टर को साईबर अपरधियों ने फोन करके उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उनसे कहा गया कि तुमको तीन दिनों के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया है। अपनी सभी बैंक के पासबुक लेकर किसी होटल में तीन दिनों के लिए रूम बुक करवा लो। ये बात किसी को बताना मत। तुम्हारे घर के आस पास सीबीआई लगा दी गई है। जिसके बाद डॉ नज़बुल हसन घर वालों को बिना कुछ बताए अपनी सभी बैंक पासबुक लेकर एक होटल पहुंचे और वहां एक रूम बुक करवा लिया। वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर से साईबर ठग ले रहे थे अकाउंट की जानकारी साईबर अपराधी डॉ नज़बुल हसन को डिजिटल अरेस्ट किए हुए थे। साईबर अपराधी वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर से सारे बैंक अकाउंट्स की डिटेल ले रहे थे। इसी बीच डॉक्टर के भतीजे को कुछ शक हुआ कि उनके चाचा किसी मुसीबत में है और फोन भी नहीं उठा रहे है। किसी को बिना कुछ बताए कही चले गए है। भतीजे इमरान खान ने एसपी सिटी मानुष पारीक को सूचना दी। जिसके बाद एसपी सिटी ने फ़ौरन बारादरी पुलिस को सूचना दी और डॉक्टर को फोन किया। लेकिन डॉक्टर ने पुलिस का भी फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उनका नंबर सर्विलांस पर लगाकर पुलिस उस होटल पहुंच गई। पुलिस के काफी प्रयास के बाद डॉक्टर ने खोला होटल का रूम पुलिस ने होटल के जिस रूम में डॉक्टर रुके थे उसे खुलवाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उन्हें उसका दरवाजा नहीं खोला। साईबर ठगो ने उनसे कहा कि कोई भी आ जाए गेट मत खोलना। साईबर ठगो की बातों में डॉक्टर इतना विश्वास कर बैठे थे कि उन्हें असली पुलिस पर विश्वास नहीं हो रहा था। जब डॉक्टर ने रूम नहीं खोला तो होटल में आग की फर्जी सूचना देकर अलार्म बजाया गया। तब जानकर डॉक्टर ने होटल के रूम का गेट खोला। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने डॉक्टर को समझाया। उन्हें बताया कि डिजिटल अरेस्ट नहीं होता है ये आपको ठगा जा रहा था। बाद डॉक्टर के 50 हजार रुपए पुलिस की सतर्कता से लुटने से बच गए। अब जाने किस तरह फंसाया डॉक्टर को साईबर अपरधियों ने एसपी सिटी मानुष पारीक को इमरान खां नामक व्यक्ति ने सूचना दी कि उनके चाचा डॉ नजबुल हसन पुत्र स्व मोहम्मद हसन निवासी फाईक इन्कलेव थाना बारादरी बरेली जिनकी डिस्पेन्सरी पुराना शहर में सूफीटोला थाना बारादरी में संचालित है, आज दोपहर किसी से मोबाइल से बात हुई और बात करते ही घर पर आये एवं बैंक आदि के कागजात लेकर घरवालो को बिना बताये स्कूटी से कही चले गये है। फोन करने पर फोन नही उठा रहे है।सूचना प्राप्त होने पर एसपी सिटी ने प्रभारी निरीक्षक थाना बारादरी बरेली को तत्काल सम्बन्धित व्यक्ति के मोबाइल का लोकेशन लेकर ट्रेस करने को कहा। थाना बारादरी के इन्स्पेक्टर धनंजय पाण्डेय ने तत्काल प्रभाव से एक्टिव होकर उनके परिजन भतीजे व पुत्री से पूछताछ प्रारम्भ की पूछताछ में यह जानकारी हुई कि डॉ नजबुल हसन को कही से फोन आया था और बताया गया था कि उनका आधार कार्ड गलत काम हवाला के लेन देन में प्रयोग हुआ है। पूछताछ से यह सम्भावना प्रतीत हुई कि सम्बन्धित व्यक्ति को कही साईबर अपराधियो द्वारा डिजिटल अरेस्ट तो नही कर लिया गया है। इसके बाद मोबाइल नम्बर को सर्विलांस पर लगाकर लोकेशन लिया गया तो लोकेशन होटल कन्ट्री इन पीलीभीत बाईपास रोड के आस पास पाया गया। वहां पर तलाश करने पर इनकी स्कूटी कन्ट्री इन होटल के बाहर पार्क होना पायी गयी। होटल में पूछताछ किया गया तो पाया गया कि डॉ नजबुल हसन द्वारा सोमवार तक के लिए कमरा बुक कराया गया है। जिसका रूम नंबर 105 है, होटल स्टाफ को लेकर कमरे को खुलवाने का प्रयास किया गया एवं दरवाजे से कान लगाकर सुना गया तो पाया गया कि कोई व्यक्ति इन्हे वीडियो कॉल पर निर्देश दे रहा है कि दरवाजा मत खोलना बता दो मैं बहुत व्यस्त हू मुझे किसी चीज की आवश्यकता नही है। मास्टर चाबी से भी दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया किन्तु सैन्सर ओपन होने के बाद भी सिटिकिनी बन्द होने के कारण दरवाजा नही खुला। तब आग लगने की झूठी सूचना फैलाकर काफी प्रयास के बाद दरवाजा खोला गया। तो डॉ नजबुल हसन साईबर अपराधी के चंगुल में डिजिटल अरेस्ट पाये गये। जिन्हे सोमवार तक के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया था। डॉ नजबुल हसन का ब्रेनवास साईबर अपराधी ने इस तरह कर रखा था कि असली पुलिस की बातो को ही गलत मान रहे थे। साईबर अपराधी की बात को सही मान रहे थे। मौके पर श्रीमान एसपी सिटी द्वारा डॉ नजबुल हसन से पूछताछ कर बात की गयी तो बताया कि आज दोपहर में उन्हे एक फोन आया और बताया गया कि आपका आधार कार्ड मुम्बई में हवाला कारोबार में नरेश गोयल व उसके पार्टनर ने प्रयोग कर कई राज्यो में घोटाला किया गया है। जिसकी जांच आरबीआई एवं सीबीआई से की जा रही है। अगर तुम उसमें फंसना नही चाहते हो, तत्काल अपनी पासबुक व अन्य रिकार्ड लेकर कही पर होटल में 03 दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ। फोन मत काटना, तुम्हारे घर के पास सीबीआई पंहुच गयी है जो तुम पर नजर रख रही है। यह बात किसी से मत बताना और जो कहा जाये उसे फॉलो करना। उन्ही के दिये गये निर्देशो के अनुसार में कार्य कर रहा था और यहां होटल में कमरा लेकर करीब 03 घण्टे से हूं अब तक मैने उनके बताये अनुसार अपने तीन बैंक खातो को डिटेल उन्हे नोट कराया है, जिसमें लगभग 50 लाख की धनराशि है। उनके द्वारा अब एक मैसेज डालकर बैंक का आईएफसी कोड एवं डिजिटल कोड पूछा जा रहा था जिसे मैं अब बताने वाला था कि तब तक पुलिस ने दरवाजा खुलवा दिया। इस प्रकार 07 घण्टे तक डिजिटल अरेस्ट रहे व्यक्ति को लुटने से बचाया गया। एसपी सिटी मानुष

पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट किए गए डॉक्टर लुटने से बचाया
हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें पुलिस ने एक डॉक्टर की ज़िंदगी को बचाते हुए उसे एक बड़े लूटपाट से बचाया है। इस घटना का मुख्य विषय है डिजिटल अरेस्ट, जिसे पुलिस ने प्रभावी तरीके से संभाला। जानकारी के अनुसार, डॉक्टर को होटल में तीन दिनों के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया था, जिससे वह पूरी तरह से फस गए थे।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक नई तकनीक है, जिसमें किसी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधियों को सीमित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब किसी अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति पर हमला करने की आशंका होती है। इस विशेष मामले में, डॉक्टर को एक गुमनाम नंबर से संपर्क किया गया और उसे एक बड़ी राशि का लालच देकर पकड़ा गया।
पुलिस की सूझबूझ से बची डॉक्टर की जान
पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाई और फौरन प्रतिक्रिया दी। डिजिटल अरेस्ट के दौरान, पुलिस ने आरोपी के स्थान का पता लगाया और आपातकालीन स्थिति में उस डॉक्टर को बचाया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, 50 लाख रुपये की भारी रकम को लूटने से भी सुरक्षित रखा गया। यह घटना न केवल पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे तकनीकी साधनों का उपयोग कर सच्चाई को उजागर किया जा सकता है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस तरह की घटनाओं को देखते हुए, यह आवश्यक है कि समाज में जागरूकता बढ़ाई जाए। लोगों को डिजिटल सुरक्षा और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उचित सुरक्षा उपायों के माध्यम से, हम ऐसे खतरों से बच सकते हैं और सुरक्षित रह सकते हैं।
अंततः, यह घटना न केवल पुलिस की उत्कृष्ट कार्रवाई को उजागर करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जागरूकता और सुरक्षा के उपाय कितने महत्वपूर्ण हैं। अगर आप इस घटना से जुड़े अधिक अपडेट चाहते हैं, तो 'News by indiatwoday.com' पर जाएं।
डिजिटल अरेस्ट, पुलिस कार्रवाई, डॉक्टर लूट, होटल में अरेस्ट, सुरक्षा उपाय, ऑनलाइन अपराध, 50 लाख बचाए, जागरूकता, पुलिस रिपोर्ट, आधुनिक सुरक्षा तकनीक
What's Your Reaction?






