प्रेम, विश्वास का महापर्व करवाचौथ:चंद्रमा को अर्घ्य देकर सजना का किया दीदार, अंखड सौभाग्यवती भव: का मांगा वर
त्याग, प्रेम व विश्वास का महापर्व करवाचौथ व्रत हर सुहागिन का सपना होता है, रविवार रात दुल्हन के लिबास में सजी सुहागिनों ने चांद देख कर करवाचौथ का व्रत तोड़ा। पति की दीर्घायु के लिए सुबह से निर्जला उपवास रखी सुहागिने शाम पांच बजे से शहर भर के प्रमुख मंदिरों में विधि विधान से पूजा करने पहुंची। पहले देखिए यह तीन तस्वीरें ... रात 8 बजे जैसे ही चांद निकला तो पूजा का थाल सजाएं चांद के इंतजार में खड़ी महिलाओं के चेहरे पर खुशी का कोई ठिकाना न रहा। पति-पत्नी के इस महापर्व पर चांद निकलते ही जमकर आतिशबाजी होने लगी। सुहागिनों ने चंद्रमा की पूजा के बाद छलनी से पति को निहार आर्शीवाद के रूप में अंखड सौभाग्यवती का आर्शीवाद मांगा। करवाचौथ का दिन महिलाओं के लिए सबसे व्यस्त दिन रहा। दिन भर महिलाएं पकवान बनाने के साथ, पूजन पाठ की तैयारी व सजने संवरने में जुटी रही। शाम होते ही 16 श्रंगार कर महिलाएं शुभ मूहुर्त में पूजा करने के लिए मंदिरों की ओर निकल पड़ी। गोविंद नगर के दुर्गा मंदिर, पांच ब्लॉक सनातन धर्म मंदिर, गुमटी सनातन धर्म मंंदिर व काकादेव स्थित मॉडल टाउन में महिलाएंं संज संवर कर पहुंची। मंदिरों में पुजारी पति की लंबी आयु के लिए करवा माता की व्रत कथा का वृतांत सुना रहे थे। इसके बाद महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर भगवान ने दापंत्य जीवन को खुशहाल बनाने की मनोकामना की। चांद की पूजा के बाद सुहागिनों ने पति के हाथों पानी पीकर व्रत तोड़ा और परिजनों के साथ जमकर आतिशबाजी की। पतियों ने भी खुशहाली का आशीर्वाद देकर आकर्षक उपहार भी दिए।
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