हमीरपुर में धूमधाम से मनाया गया करवाचौथ पर्व:यमुना तट पर अपने चांद का दीदार कर महिलाओं ने निर्जला व्रत तोड़ा

हमीरपुर में करवाचौथ पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला, जहां नव विवाहिताओं ने विशेष तैयारी की। सुबह से ही महिलाएं पूजा-पाठ की सामग्री तैयार करने में जुट गईं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर देर शाम सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया। चांद के निकलते ही उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा। इस पर्व को सुहागिनों का प्रमुख त्योहार माना जाता है, और हमीरपुर में यह धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही चांद निकला, महिलाएं यमुना नदी के किनारे छतों पर पूजा की थाली लेकर पहुंचीं। उन्होंने चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-पाठ किया और एक-दूसरे को करवा चौथ की कथा सुनाईं। नव विवाहिताओं के साथ-साथ बुजुर्ग सुहागिनों में भी इस पर्व का खासा उत्साह देखने को मिला। पतियों के चेहरों को चलनी से देखा महिलाओं ने दिनभर उपवास रखा और शाम को चांद निकलने के बाद अपने पतियों के चेहरों को चलनी से देखा। इस विशेष पल में उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ा। इतना ही नहीं, बुजुर्ग दंपत्तियों ने भी इस पल को यादगार बनाने के लिए सेल्फी लेकर खुशियों को साझा किया। इस मौके पर हमीरपुर जेल में भी पांच महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी आयु के लिए कामना की। जेल प्रशासन ने इन महिलाओं के लिए पूजा-पाठ की सामग्री का खास इंतजाम किया था, जिससे वे भी इस पर्व का आनंद उठा सकें। करवा चौथ का यह पर्व न केवल सुहागिनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम और समर्पण का भी संदेश देता है।

Oct 20, 2024 - 21:50
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हमीरपुर में धूमधाम से मनाया गया करवाचौथ पर्व:यमुना तट पर अपने चांद का दीदार कर महिलाओं ने निर्जला व्रत तोड़ा
हमीरपुर में करवाचौथ पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला, जहां नव विवाहिताओं ने विशेष तैयारी की। सुबह से ही महिलाएं पूजा-पाठ की सामग्री तैयार करने में जुट गईं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर देर शाम सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया। चांद के निकलते ही उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा। इस पर्व को सुहागिनों का प्रमुख त्योहार माना जाता है, और हमीरपुर में यह धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही चांद निकला, महिलाएं यमुना नदी के किनारे छतों पर पूजा की थाली लेकर पहुंचीं। उन्होंने चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-पाठ किया और एक-दूसरे को करवा चौथ की कथा सुनाईं। नव विवाहिताओं के साथ-साथ बुजुर्ग सुहागिनों में भी इस पर्व का खासा उत्साह देखने को मिला। पतियों के चेहरों को चलनी से देखा महिलाओं ने दिनभर उपवास रखा और शाम को चांद निकलने के बाद अपने पतियों के चेहरों को चलनी से देखा। इस विशेष पल में उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ा। इतना ही नहीं, बुजुर्ग दंपत्तियों ने भी इस पल को यादगार बनाने के लिए सेल्फी लेकर खुशियों को साझा किया। इस मौके पर हमीरपुर जेल में भी पांच महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी आयु के लिए कामना की। जेल प्रशासन ने इन महिलाओं के लिए पूजा-पाठ की सामग्री का खास इंतजाम किया था, जिससे वे भी इस पर्व का आनंद उठा सकें। करवा चौथ का यह पर्व न केवल सुहागिनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम और समर्पण का भी संदेश देता है।

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