फोनपे ने खुद को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदला:IPO से पहले नाम बदलकर फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से फोनपे लिमिटेड किया
वॉलमार्ट की डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे ने IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफर) से पहले खुद को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदल लिया है। कंपनी ने 16 अप्रैल को प्रमोटर्स की जनरल मीटिंग में फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर फोनपे लिमिटेड कर दिया है। फोनपे ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को भेजे गए दस्तावेज में इसकी जानकारी दी है। ये प्रोसेस भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। फोनपे ने फरवरी में IPO की प्लानिंग शुरू की थी। कंपनी करीब 15 बिलियन डॉलर (1.28 लाख करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर IPO लाने का विचार कर रही है। इसके लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन और मॉर्गन स्टेनली को सलाहकार नियुक्त किया है। कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय से मिलेगी मंजूरी कंपनी के नाम बदलने को कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर से मंजूरी मिलनी बाकी है। नया सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन जारी होने के बाद IPO प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। IPO के लिए सिंगापुर से भारत में शिफ्ट किया मुख्यालय इससे पहले कंपनी ने दिसंबर 2022 में सिंगापुर से भारत में अपना मुख्यालय शिफ्ट किया था। इसके साथ ही कंपनी ने अपने नॉन-पेमेंट बिजनेस को अलग सब्सिडियरी कंपनियों बांट दिया था। वित्त वर्ष 2024 में ₹5,064 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया FY23-24 में कंपनी का राजस्व 73% बढ़कर 5,064 करोड़ रुपए पहुंचा गया था। कंपनी को 2023 में 738 करोड़ रुपए के घाटे के मुकाबले 2024 में 197 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

फोनपे ने खुद को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदला: IPO से पहले नाम बदलकर फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से फोनपे लिमिटेड किया
भारत की प्रमुख डिजिटल पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म, फोनपे, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कंपनी ने अपने नाम को 'फोनपे प्राइवेट लिमिटेड' से बदलकर 'फोनपे लिमिटेड' कर दिया है, जो कि उसकी IPO की योजना के तहत एक आवश्यक कदम है। यह परिवर्तन न केवल कंपनी की पहचान को दर्शाता है, बल्कि इसके विस्तार और विकास की दिशा में एक बड़ी पहल भी माना जा रहा है।
फोनपे का पब्लिक कंपनी की ओर कदम
फोनपे, जो पहले प्राइवेट कंपनी थी, अब एक पब्लिक कंपनी बनने के लिए तैयार है। इसका IPO भारतीय बाजार में इसकी उपस्थिति को मजबूत करेगा और निवेशकों का ध्यान आकर्षित करेगा। इस परिवर्तन का उद्देश्य नए अवसरों का लाभ उठाने और वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाना है।
बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी
फोनपे के इस बदलाव के साथ ही भारतीय फ़िनटेक इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा भी कड़े हो जाएगी। अन्य कंपनियां जैसे कि गूगल पे और पेटीएम लगातार विकास कर रही हैं, और फोनपे का यह कदम उसे एक मजबूत स्थिति में लाने की ओर अग्रसर है। अब, जब फोनपे अपनी गतिविधियों को सार्वजनिक रूप में बदलने के लिए तैयार है, तो इससे उसकी विश्वसनीयता और बाजार में स्थिति में सुधार होगा।
निवेशकों के लिए अवसर
फिलहाल, निवेशकों के लिए यह सुनहरा अवसर है। फोनपे के आईपीओ से संबंधित विवरणों को ध्यान से देखना आवश्यक होगा। बाजार में नए अवसरों की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन सकता है। निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का ध्यान रखते हुए सही निर्णय लेना चाहिए।
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निष्कर्ष
फोनपे का नाम बदलने और पब्लिक कंपनी में तब्दील होने का फैसला न केवल उसकी वर्तमान स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भविष्य में व्यापारिक संभावनाओं के द्वार खोलता है। यह कदम उसके स्थायी विकास के प्रति एक बड़ी उम्मीद है। Keywords: फोनपे आईपीओ, फोनपे प्राइवेट लिमिटेड, फोनपे लिमिटेड, भारतीय फिनटेक, डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म, निवेशकों के लिए अवसर, वित्तीय स्थिति, गूगल पे, पेटीएम, बाजार में प्रतिस्पर्धा
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