टॉप-10 कंपनियों में से 4 की मार्केट-वैल्यू ₹1.25 लाख-करोड़ घटी:रिलायंस टॉप लूजर रही; इसका मार्केट कैप ₹74,969 करोड़ घटकर ₹16.85 लाख करोड़ पर आया
पिछले हफ्ते के कारोबार में देश की टॉप-10 कंपनियों में से 4 का कंबाइन मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.25 लाख करोड़ रुपए घटा है। इनमें रिलायंस को पिछले हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसका मार्केट कैप ₹74,969 करोड़ घटकर ₹16.85 लाख करोड़ रह गया। वहीं LIC का मार्केट कैप ₹21,251 हजार करोड़ घटकर 5.19 लाख करोड़ रह गया। SBI का मार्केट कैप ₹17,626 करोड़ घटकर 6.64 लाख करोड़ पर आ गया है। ICICI बैंक का मार्केट कैप ₹11,549 हजार करोड़ घटकर 8.53 लाख करोड़ रह गया। इसके अलावा इंफोसिस, HDFC बैंक, भारती एयरटेल, TCS, HUL और ITC की मार्केट वैल्यू बढ़ी है। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत) मार्केट कैप कैसे काम आता है? किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है। मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

टॉप-10 कंपनियों में से 4 की मार्केट-वैल्यू ₹1.25 लाख-करोड़ घटी: रिलायंस टॉप लूजर रही
News by indiatwoday.com
भारत की शीर्ष कंपनियों में भारी गिरावट
हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में टॉप-10 कंपनियों में से चार की मार्केट वैल्यू में भारी गिरावट देखने को मिली है। इन कंपनियों ने मिलकर ₹1.25 लाख करोड़ का नुकसान उठाया है। इस विविधता में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी नकारात्मक भूमिका निभाते हुए शीर्ष लूजर रही, जिसका मार्केट कैप ₹74,969 करोड़ घटकर ₹16.85 लाख करोड़ पर पहुंच गया है।
रिलायंस के लिए यह क्या अर्थ रखता है?
रिलायंस का अब तक का मार्केट कैप गिरकर ₹16.85 लाख करोड़ हो गया है, जो कि बाजार के निवेशकों के लिए एक बड़ा संकेत है। यह गिरावट बहुत से कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराई जा सकती है, जैसे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता, क्षेत्रीय प्रतियोगिता और निवेशकों की बदलती धारणा। ऐसे में कंपनी को अपने व्यवसायिक मॉडल और रणनीतियों पर ध्यान देकर अपने स्थान को पुनः स्थापित करना होगा।
अन्य प्रमुख कंपनियों की स्थिति
रिलायंस के अलावा अन्य कंपनियों की मार्केट वैल्यू में गिरावट भी कई निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। इस गिरावट के बीच HDFC, TCS और HUL जैसी कुछ प्रमुख कंपनियों ने भी नुकसान उठाया है। इनका प्रदर्शन भी बाजार की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है और यह दिखाता है कि मौजूदा महंगाई और आर्थिक मंदी का उनके ऊपर क्या असर पड़ा है।
निवेशकों को ध्यान देना चाहिए
निवेशकों को इस गिरावट को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने निवेश की रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह समय ऐसे क्षेत्रों में निवेश की योजना बनाने का हो सकता है, जो बेहतर धोखाधड़ी और कम जोखिम प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, भारत की प्रमुख कंपनियों में मार्केट वैल्यू की यह कमी एक संकेत है कि बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। निवेशकों को सावधानी से इस स्थिति का आकलन करना चाहिए और संभावित लाभ के लिए सही निर्णय लेना चाहिए।
इसके अलावा, अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: मार्केट वैल्यू गिरावट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, शीर्ष कंपनियाँ, निवेश रणनीति, भारतीय शेयर बाजार गिरावट, HDFC मार्केट कैप, TCS मार्केट वैल्यू, आर्थिक मंदी, निवेशकों के लिए सलाह, इंडस्ट्री ट्रेंड्स.
What's Your Reaction?






