बदलते मौसम से बढ़ रहे सांस की बीमारियों के मरीज:हाथरस के अस्पतालों में दिनों-दिन बढ़ रही संख्या, दमा के मरीजों में 20% का इजाफा

हाथरस में बदलते मौसम और प्रदूषण की दोहरी मार से लोग परेशान हैं। जिले में वायरल फीवर और सांस से संबंधित बीमारियों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 500 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर से पीड़ित पहुंच रहे हैं। वहीं, सांस और दमा के रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। एमडीटीबी अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, यहां सांस संबंधी रोगों, खासकर दमा के मरीजों की संख्या में 20 से 25 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। जहां पहले औसतन 100 से 110 मरीज आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 130 से 140 तक पहुंच गई है। प्रदूषण और ठंड बने वजह डॉक्टरों के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोग छींक, गले की खराश और जुकाम जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सुबह और देर शाम के समय ठंडी हवा के साथ प्रदूषित कण सांस लेने में दिक्कत पैदा कर रहे हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। साफ-सफाई और बचाव जरूरी एमडीटीबी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. एमआई आलम का कहना है, "बदलते मौसम में लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें और प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें। बीमार महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।" प्रमुख लक्षणों से रहें सतर्क

Nov 21, 2024 - 12:55
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बदलते मौसम से बढ़ रहे सांस की बीमारियों के मरीज:हाथरस के अस्पतालों में दिनों-दिन बढ़ रही संख्या, दमा के मरीजों में 20% का इजाफा
हाथरस में बदलते मौसम और प्रदूषण की दोहरी मार से लोग परेशान हैं। जिले में वायरल फीवर और सांस से संबंधित बीमारियों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 500 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर से पीड़ित पहुंच रहे हैं। वहीं, सांस और दमा के रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। एमडीटीबी अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, यहां सांस संबंधी रोगों, खासकर दमा के मरीजों की संख्या में 20 से 25 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। जहां पहले औसतन 100 से 110 मरीज आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 130 से 140 तक पहुंच गई है। प्रदूषण और ठंड बने वजह डॉक्टरों के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोग छींक, गले की खराश और जुकाम जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सुबह और देर शाम के समय ठंडी हवा के साथ प्रदूषित कण सांस लेने में दिक्कत पैदा कर रहे हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। साफ-सफाई और बचाव जरूरी एमडीटीबी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. एमआई आलम का कहना है, "बदलते मौसम में लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें और प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें। बीमार महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।" प्रमुख लक्षणों से रहें सतर्क

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