बहन का चुनाव प्रचार करने वायनाड पहुंचे राहुल गांधी:बोले- अब प्रियंका आपकी बहन, बेटी और मां भी; 13 नवंबर को वोटिंग होगी
राहुल गांधी आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए बहन प्रियंका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने। जहां प्रियंका ने मोदी सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा- "मोदी जी का मकसद आपको बेहतर जीवन देना, नई नौकरियां, बेहतर स्वास्थ्य या शिक्षा देना नहीं है। वे बस किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहते हैं।" प्रियंका के लिए वोट अपील करते हुए राहुल ने कहा कि मैं पहली बार अपनी बहन के लिए प्रचार करने आया हूं, अब तक वही मेरे लिए प्रचार करती थी। मै जब यहां सांसद रहा तो आपकी बहन, बेटी या मां नहीं बन सका। लेकिन अब मेरी बहन ये तीनों भूमिकाएं निभाएंगी। राहुल शाम 4 बजे अरीकोडे में भी एक जनसभा करेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी वलाड, कोरोम, थरियोडे कलपेट्टा में भी 3 मीटिंग करेंगी। प्रियंका गवायनाड से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। यह वही सीट है, जिसे राहुल गांधी ने छोड़ा था। लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना था। वायनाड में प्रियंका का मुकाबला भाजपा की नव्या हरिदास और वामपंथी उम्मीदवार सत्यन मोकेरी से है। नामांकन भरते समय कहा था- पहली बार अपने लिए समर्थन मांग रही प्रियंका ने 23 अक्टूबर को वायनाड सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था- जब मैं 17 साल की थी, तब मैंने पहली बार पिता के लिए 1989 में कैंपेन किया था। तब से इन 35 साल के दौरान मां, भाई के लिए वोट मांगें। अब पहली बार खुद के लिए समर्थन मांग रही हूं। राहुल गांधी ने भी कहा था कि वायनाड देश का ऐसा क्षेत्र है जहां से 2 सांसद हैं। एक आधिकारिक सांसद और दूसरा अनौपचारिक सांसद। दोनों वायनाड के लिए काम करेंगे। राहुल ने कहा था- वायनाड का दौरा करता रहूंगा 17 जून को वायनाड सीट छोड़ते वक्त राहुल ने कहा था- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।
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