बाराबंकी में LUCC कंपनी के 5 सदस्य गिरफ्तार:33 पासबुक बरामद, निवेश के नाम पर 75 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

बाराबंकी में फर्जी कंपनी 'लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड' (LUCC) के माध्यम से करीब 75 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस धोखाधड़ी में शामिल पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 33 पासबुक, 5 बांड पेपर और दो लग्जरी चारपहिया वाहन (एमजी हेक्टर ईवी और फार्च्यूनर) भी बरामद किए गए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला... 22 नवंबर 2024 को किरन वर्मा नामक महिला ने बदोसराय थाने में शिकायत दर्ज कराई। महिला का कहना था कि फर्जी कंपनी के एजेंट रामनरेश वर्मा ने कूटरचित बांड के जरिए उनसे 1,25,000 रुपये की धोखाधड़ी की। इसके बाद कंपनी बंद हो गई और इसके संचालक फरार हो गए। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के निर्देशन में स्वाट/सर्विलांस और बदोसराय थाने की संयुक्त टीम ने डिजिटल और मैनुअल जांच के आधार पर पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में संजीव कुमार वर्मा (कम्पनी का उप-जनपद हेड), स्वामी दयाल मिश्रा (मैनेजर), रामशरण वर्मा (मैनेजर), रामनरेश वर्मा (एजेंट/कलेक्शन कर्ता) और मनोज कुमार मौर्या (मैनेजर) शामिल हैं। आरबीआई से पंजीकृत नहीं बैंक पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने जनपद बाराबंकी सहित अन्य जिलों और प्रदेशों में फर्जी कंपनी के नाम पर कार्यालय खोलकर जनता को रुपये दोगुने करने का लालच दिया। कूटरचित बांड देकर लोगों से पैसा जमा कराया और बाद में कंपनी बंद कर फरार हो गए। यह कंपनी आरबीआई में पंजीकृत नहीं थी और बैंकिंग के नाम पर धोखाधड़ी कर रही थी। अब तक 1500-2000 लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज विवेचना के दौरान बदोसराय थाने में चार और पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में भी इस फर्जी कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज हैं। पुलिस ने संजीव कुमार वर्मा और उत्तम सिंह राजपूत को इस धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी बताया है।

Nov 28, 2024 - 19:20
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बाराबंकी में LUCC कंपनी के 5 सदस्य गिरफ्तार:33 पासबुक बरामद, निवेश के नाम पर 75 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
बाराबंकी में फर्जी कंपनी 'लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड' (LUCC) के माध्यम से करीब 75 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस धोखाधड़ी में शामिल पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 33 पासबुक, 5 बांड पेपर और दो लग्जरी चारपहिया वाहन (एमजी हेक्टर ईवी और फार्च्यूनर) भी बरामद किए गए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला... 22 नवंबर 2024 को किरन वर्मा नामक महिला ने बदोसराय थाने में शिकायत दर्ज कराई। महिला का कहना था कि फर्जी कंपनी के एजेंट रामनरेश वर्मा ने कूटरचित बांड के जरिए उनसे 1,25,000 रुपये की धोखाधड़ी की। इसके बाद कंपनी बंद हो गई और इसके संचालक फरार हो गए। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के निर्देशन में स्वाट/सर्विलांस और बदोसराय थाने की संयुक्त टीम ने डिजिटल और मैनुअल जांच के आधार पर पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में संजीव कुमार वर्मा (कम्पनी का उप-जनपद हेड), स्वामी दयाल मिश्रा (मैनेजर), रामशरण वर्मा (मैनेजर), रामनरेश वर्मा (एजेंट/कलेक्शन कर्ता) और मनोज कुमार मौर्या (मैनेजर) शामिल हैं। आरबीआई से पंजीकृत नहीं बैंक पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने जनपद बाराबंकी सहित अन्य जिलों और प्रदेशों में फर्जी कंपनी के नाम पर कार्यालय खोलकर जनता को रुपये दोगुने करने का लालच दिया। कूटरचित बांड देकर लोगों से पैसा जमा कराया और बाद में कंपनी बंद कर फरार हो गए। यह कंपनी आरबीआई में पंजीकृत नहीं थी और बैंकिंग के नाम पर धोखाधड़ी कर रही थी। अब तक 1500-2000 लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज विवेचना के दौरान बदोसराय थाने में चार और पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में भी इस फर्जी कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज हैं। पुलिस ने संजीव कुमार वर्मा और उत्तम सिंह राजपूत को इस धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी बताया है।

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