बूढ़ेनाथ मंदिर में शिवरात्रि महोत्सव का समापन:मिर्जापुर में पालकी यात्रा में हजारों भक्त शामिल, चार प्रहर पूजन और दूध से हुआ रुद्राभिषेक

मिर्जापुर के प्राचीन बूढ़ेनाथ मंदिर में सात दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव का समापन हुआ। मंदिर के महंत डॉ. योगानंद गिरी ने विशेष पूजन-अर्चन किया। मंदिर परिसर से शिव-गौरा की पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें हजारों भक्त नृत्य करते हुए शामिल हुए। नगर भ्रमण के बाद पालकी यात्रा मंदिर पहुंची। यहां चार प्रहर में विशेष पूजन और आरती की गई। देखें 4 तस्वीरें... पंडित नितिन अवस्थी और अमित द्विवेदी के निर्देशन में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन हुआ। बाबा भोलेनाथ का गंगाजल और दूध से अभिषेक किया गया। इस दौरान शिवलिंग की जगह बाबा भोलेनाथ का गौरा संग दर्शन भक्तों को मिला। भोर में मंगला आरती के समय बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। भक्तों ने जयकारे लगाते हुए शिव-शक्ति को नमन किया और उनकी कृपा बनाए रखने की कामना की। देवाधिदेव महादेव के इस अनुपम स्वरूप के दर्शन से भक्त मंत्रमुग्ध हो गए।

Feb 27, 2025 - 08:00
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बूढ़ेनाथ मंदिर में शिवरात्रि महोत्सव का समापन:मिर्जापुर में पालकी यात्रा में हजारों भक्त शामिल, चार प्रहर पूजन और दूध से हुआ रुद्राभिषेक
मिर्जापुर के प्राचीन बूढ़ेनाथ मंदिर में सात दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव का समापन हुआ। मंदिर के महं

बूढ़ेनाथ मंदिर में शिवरात्रि महोत्सव का समापन

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महान शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन

मिर्जापुर के बूढ़ेनाथ मंदिर में शनिवार को आयोजित शिवरात्रि महोत्सव का भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने भाग लिया और मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया। स्थिति को और भी भव्य बनाते हुए, भक्तों ने पालकी यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो कि शिव की आराधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

चार प्रहर पूजन और रुद्राभिषेक

महोत्सव के दौरान, चार प्रहर पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें हर प्रहर में भक्तों ने शिव लिंग की विशेष विधि के तहत पूजा की। इस पूजा का मुख्य आकर्षण रहा रुद्राभिषेक, जो दूध से किया गया। यह रुद्राभिषेक भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे शिव भक्ति का वातावरण और भी गहरा हुआ।

पालकी यात्रा का महत्व

पालकी यात्रा ने इस आयोजन में चार चांद लगा दिए। भक्त मंदिर से लेकर विभिन्न स्थलों तक पालकी यात्रा में शामिल हुए, जो कि श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। इस यात्रा में भक्तजन अपने इष्ट देवता के समक्ष अपने मनोकामनाओं को लेकर उपस्थित हुए।

समापन समारोह और संतों का आशीर्वाद

समापन समारोह में संतों ने भी भाग लिया और सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया। संतों ने भक्तों को शिव रात्रि के महत्व और इसके आध्यात्मिक पहलुओं के बारे में बताया। इस अवसर पर आयोजकों ने इस महोत्सव की सफलता की कामना की और आने वाले वर्षों में और अधिक भक्तों के शामिल होने की आशा व्यक्त की।

उपसंहार

बूढ़ेनाथ मंदिर का शिवरात्रि महोत्सव हर साल भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है। इस महोत्सव ने न सिर्फ धार्मिक भावना को बढ़ाया बल्कि मिर्जापुर की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित किया।

इस महोत्सव के माध्यम से, भक्तों को शिव की भक्ति में एक अनमोल अनुभव प्राप्त हुआ, जो कि हर वर्ष की तरह, इस बार भी विशेष रूप से यादगार रहा।

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