महराजगंज में छात्रों को न जूते मिले न स्वेटर:42 हजार परिषदीय छात्र डीबीटी योजना से वंचित, बीएसए बोले- समस्या का समाधान होगा
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन महराजगंज के 42 हजार परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब भी यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग से वंचित हैं। सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जानी थी, लेकिन लंबी प्रक्रिया और आधार कार्ड की कमी के कारण यह राशि अभी तक नहीं पहुंच पाई है। इस वजह से बच्चे सर्द मौसम में ठिठुरते हुए पढ़ाई करने को मजबूर हैं। 1695 स्कूलों में पंजीकृत हैं दो लाख से अधिक बच्चे जिले के 1695 परिषदीय स्कूलों में कुल 2,04,434 छात्र पंजीकृत हैं। सरकार हर वर्ष प्रति छात्र 1200 रुपये उनके अभिभावकों के खाते में भेजती है, जिसमें यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्टेशनरी का खर्च शामिल है। इस सत्र में अब तक 1.62 लाख छात्रों को ही योजना का लाभ मिला है, जबकि 42,434 बच्चे अभी भी वंचित हैं। डाटा फीडिंग और आधार कार्ड बनी बाधा जिला प्रशासन के मुताबिक, योजना के तहत बच्चों का डाटा फीड करना जरूरी है, लेकिन अब तक 17 हजार बच्चों का डाटा अधूरा है। इनमें से 15 हजार बच्चों के पास आधार कार्ड ही नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों का डाटा फीड करने और आधार कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया है, जिससे कुछ हद तक समस्या हल हुई है। पिछले दिनों 25 हजार से अधिक बच्चों का डाटा अपडेट किया गया, लेकिन शेष बच्चों के कारण योजना में देरी हो रही है। गरीब बच्चों की स्थिति चिंताजनक शीतलहर के दौरान स्वेटर और जूते-मोजे के अभाव में गरीब परिवारों के बच्चे ठंड से बचाव नहीं कर पा रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं, जो निजी तौर पर यह सामग्री खरीदने में असमर्थ हैं। बीएसए का बयान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा, "जिन बच्चों का डाटा अभी तक फीड नहीं हो सका है, उनका कार्य प्रगति पर है। जिन बच्चों के खाते में केवाईसी नहीं हुई है या आधार कार्ड नहीं बने हैं, उनके लिए अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।"
What's Your Reaction?