मोबाइल से टूट रहे परिवार:7 जोड़ों को फिर से मिलवाया गया, 3 साल से पति कर रहा पत्नी का इंतजार

मिर्जापुर में प्रोजेक्ट मिलन के तहत परिवार परामर्श केंद्र ने काउंसलिंग के जरिए 7 बिछड़े हुए दंपतियों को एक बार फिर साथ रहने के लिए तैयार किया। केंद्र ने बताया कि दंपतियों के अलग होने की एक बड़ी वजह मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल बन रहा है। मोबाइल के कारण रिश्तों में दूरी और परिवार टूटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तीन साल से पत्नी का इंतजार काउंसलिंग के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया, जहां सरकारी नौकरी करने वाला एक पति अपनी पत्नी का तीन साल से इंतजार कर रहा है। शादी के बाद दो दिन ससुराल में रहने के बाद पत्नी मायके लौट गई। अब वापस आने को तैयार नहीं है। पति ने सभी शर्तें मानने की बात कही है, लेकिन पत्नी ने ससुराल लौटने से इनकार कर दिया। मोबाइल बना विवाद की जड़ परामर्श केंद्र की टीम ने बताया कि शादी के बाद ससुराल पहुंची नवविवाहिता बहू मोबाइल में इतनी व्यस्त हो गई कि ससुराल के लोगों से घुलने-मिलने की बजाय वह अपने फोन में ही खोई रही। पहले दिन तो किसी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब यह सिलसिला अगले दिन भी जारी रहा और पति ने सवाल किया, तो बहू भड़क गई। वह मायके जाने की जिद पर अड़ गई और वापस नहीं लौटी। मोबाइल बना परिवार तोड़ने का कारण परामर्श केंद्र के अनुसार, मोबाइल का सही उपयोग करने के बजाय लोग उसके गुलाम बनते जा रहे हैं। जिससे पारिवारिक रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। आधुनिकता के इस दौर में मोबाइल जनसंपर्क का माध्यम होने के बजाय परिवार तोड़ने का कारण बन रहा है। 7 जोड़ों को फिर से जोड़ा परिवार परामर्श केंद्र ने इस रविवार को जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से आए 7 बिछड़े दंपतियों को समझाकर फिर से साथ रहने के लिए राजी किया। हालांकि, 3 साल से अपनी पत्नी का इंतजार कर रहे पति को इस बार भी निराशा ही हाथ लगी। काउंसलिंग के दौरान महिला उप निरीक्षक रीता यादव, उप निरीक्षक शशि तिवारी, मुख्य आरक्षी ममता तिवारी, सावित्री यादव और अन्य सदस्यों ने भाग लिया और दंपतियों के बीच सुलह कराने का प्रयास किया।

Nov 25, 2024 - 13:55
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मोबाइल से टूट रहे परिवार:7 जोड़ों को फिर से मिलवाया गया, 3 साल से पति कर रहा पत्नी का इंतजार
मिर्जापुर में प्रोजेक्ट मिलन के तहत परिवार परामर्श केंद्र ने काउंसलिंग के जरिए 7 बिछड़े हुए दंपतियों को एक बार फिर साथ रहने के लिए तैयार किया। केंद्र ने बताया कि दंपतियों के अलग होने की एक बड़ी वजह मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल बन रहा है। मोबाइल के कारण रिश्तों में दूरी और परिवार टूटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तीन साल से पत्नी का इंतजार काउंसलिंग के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया, जहां सरकारी नौकरी करने वाला एक पति अपनी पत्नी का तीन साल से इंतजार कर रहा है। शादी के बाद दो दिन ससुराल में रहने के बाद पत्नी मायके लौट गई। अब वापस आने को तैयार नहीं है। पति ने सभी शर्तें मानने की बात कही है, लेकिन पत्नी ने ससुराल लौटने से इनकार कर दिया। मोबाइल बना विवाद की जड़ परामर्श केंद्र की टीम ने बताया कि शादी के बाद ससुराल पहुंची नवविवाहिता बहू मोबाइल में इतनी व्यस्त हो गई कि ससुराल के लोगों से घुलने-मिलने की बजाय वह अपने फोन में ही खोई रही। पहले दिन तो किसी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब यह सिलसिला अगले दिन भी जारी रहा और पति ने सवाल किया, तो बहू भड़क गई। वह मायके जाने की जिद पर अड़ गई और वापस नहीं लौटी। मोबाइल बना परिवार तोड़ने का कारण परामर्श केंद्र के अनुसार, मोबाइल का सही उपयोग करने के बजाय लोग उसके गुलाम बनते जा रहे हैं। जिससे पारिवारिक रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। आधुनिकता के इस दौर में मोबाइल जनसंपर्क का माध्यम होने के बजाय परिवार तोड़ने का कारण बन रहा है। 7 जोड़ों को फिर से जोड़ा परिवार परामर्श केंद्र ने इस रविवार को जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से आए 7 बिछड़े दंपतियों को समझाकर फिर से साथ रहने के लिए राजी किया। हालांकि, 3 साल से अपनी पत्नी का इंतजार कर रहे पति को इस बार भी निराशा ही हाथ लगी। काउंसलिंग के दौरान महिला उप निरीक्षक रीता यादव, उप निरीक्षक शशि तिवारी, मुख्य आरक्षी ममता तिवारी, सावित्री यादव और अन्य सदस्यों ने भाग लिया और दंपतियों के बीच सुलह कराने का प्रयास किया।

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