मैंने बहुत मेहनत और ईमानदारी से जिम्मेदारी निभाई-इल्मा:लंबी छुट्‌टी पर चल रही लेडी IPS ने चुप्पी तोड़ी; खनन माफिया-तस्करों पर नकेल कसी

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक से टकराव के बाद लंबी छुट्‌टी पर चल रही हिमाचल कैडर की IPS अधिकारी इल्मा अफरोज ने बुधवार को मुरादाबाद में अपनी चुप्पी तोड़ी। मुरादाबाद के एक कॉलेज में चीफ गेस्ट बनकर पहुंची इल्मा ने छात्राओं से बद्दी जिले के अपने अनुभव साझा किए। इल्मा अफरोज ने कहा, 'मैं जिले में जाकर लोगों के लिए काम करना चाहती थी। मैं बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक बनी तो मैंने अच्छे से दिल लगाकर मेहनत से ..मोहब्बत से अपने जिले में काम किया। नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाया। युवाओं को, बच्चों को नशों से बचाया। जो बड़े-बड़े ड्रग तस्कर थे, जो गंदे नशों का काम करते थे, उन्हें जेल की सलाखाों के पीछे पहुंचाया।' मैंने खनन माफिया और तस्करों पर नकेल कसी इल्मा अफरोज ने कॉलेज में छात्राओं से बद्दी जिले में अपनी तैनाती के अनुभव साझा करते हुए कहा- 'बद्दी में जो खनन माफिया थे,जो तस्करी करते थे.. जो नशे के इंजेक्शन देकर बच्चों की जिंदगी खराब कर रहे थे। मैंने उनके खिलाफ जमीनी स्तर पर अभियान चलाया। ऐसे तमाम तस्करों को जेल भिजवाया। खनन माफिया पर लगाम कसी। मैंने ये सारा काम बद्दी की पुलिस अधीक्षक रहते हुए किया'। झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को याद कर भावुक हुईं इल्मा कॉलेज में छात्राओं काे संबोधित करते हुए इल्मा अफरोज ने कहा-'एसपी ऑफिस और बंगला काफी बड़ा होता है। बहुत खूबसूरत होता है। इसलिए मैंने अपने बड़े घर के दरवाजे वहां आसपास झुग्गी झोपड़ियों और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के लिए खोल दिए। वो वहां आने लगे और मेरी थोड़ी कोशिशों से उनके चेहरों पर मुस्कान आने लगी। वो पढ़ने लगे और खेलने लगे। मैं ऑफिस टाइम के बाद उन्हें वक्त निकालकर पढ़ाती और उनके साथ खेलती भी थी।' इतना कहते-कहते भावुक हुई इल्मा ने कहा-कुल मिलाकर मैंने अपने बद्दी जिले के लाखों लोगों के साथ बहुत मेहनत से,ईमानदारी से और सत्यनिष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाई। छात्राओं से कहा-जो भी बनो, इंडिया फर्स्ट फीलिंग दिल में रहनी चाहिए मुरादाबाद के एक कॉलेज में छात्राओं को संबोधित करने पहुंची इल्मा अफरोज ने कहा, आप जो चाहें बने लेकिन आपके दिल में एक फीलिंग हमेशा रहनी चाहिए और वो है- इंडिया फर्स्ट। हमें ये कभी नहीं बोलना चाहिए कि हमारे लिए हमारा राष्ट्र सर्वोपरि है। पहले हमारा देश है, उसके बाद में हम हैं। इल्मा ने छात्राओं से जय हिंद भी बुलवाया। मैं ऑक्सफोर्ड जा सकती हूं तो आप भी जा सकती हो इल्न्मा ने छात्राओं से कहा, ये मत सोचो कि आज आप इस कॉलेज से डिग्री लेकर निकल रही हो तो आपको सिर्फ अपने गांव, कुंदरकी या डींगरपुर तक सीमित रहना है। आप जहां तक चाहोगे जा सकते हो, ये तुम्हें तय करना है। मैं भी आपके बीच से निकली। कुंदरकी में रहकर पढ़ी लिखी। मैंने ठाना कि मुझे ऑक्सफोर्ड जाना है तो मैं गई ऑक्सफोर्ड। मैंने यूएन में नौकरी करने की ठानी तो वहां नौकरी की। इसके बाद मैंने अमेरिका न्यूयॉर्क सिटी में नौकरी करने की ठानी तो वो भी हासिल किया। इसके बाद जब देश के लिए कुछ करने की ठानी तो सिविल सर्विसेज की परीक्षा देकर इंडियन पुलिस सेवा में चुनी गई। अगर मैं आपके बीच से निकलकर इतना सब कर सकती हूं तो आप भी कर सकती हैं। कौन हैं इल्मा अफरोज इल्मा अफरोज मुरादाबाद जिले के कुंदरकी कस्बे की रहने वाली हैं। 2017 बैच की हिमाचल कैडर की IPS अधिकारी हैं। इल्मा हिमाचल में बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक हैं। हिमाचल प्रदेश में दून के कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव के बाद इल्न्मा 13 नवंबर से छुट्‌टी पर हैं। 13 नवंबर को इल्मा बद्दी के एसपी बंगले अपनी किताबें और व्यक्तिगत सामान लेकर अपनी मां के साथ मुरादाबाद के कुंदरकी में अपने घर आ गई थीं। तब से वो यहीं हैं। 21 नवंबर को इल्मा की छुटि्टयां खत्म हो रही थीं। लेकिन उन्होंने अपनी छुटि्टयां बढ़ा ली हैं। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को हिमाचल के बद्दी जिले में SP का कार्यभार संभाला। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए उनको लंबी छुट्‌टी पर भेज दिया गया। मुस्लिम समुदाय को गन लाइसेंस देने के आरोप, RTI में गलत पाए गए सियासी टकराव के बाद बद्दी SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप लगाए गए। हालांकि, यह निराधार पाए गए। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देने का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिल

Nov 28, 2024 - 00:15
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मैंने बहुत मेहनत और ईमानदारी से जिम्मेदारी निभाई-इल्मा:लंबी छुट्‌टी पर चल रही लेडी IPS ने चुप्पी तोड़ी; खनन माफिया-तस्करों पर नकेल कसी
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक से टकराव के बाद लंबी छुट्‌टी पर चल रही हिमाचल कैडर की IPS अधिकारी इल्मा अफरोज ने बुधवार को मुरादाबाद में अपनी चुप्पी तोड़ी। मुरादाबाद के एक कॉलेज में चीफ गेस्ट बनकर पहुंची इल्मा ने छात्राओं से बद्दी जिले के अपने अनुभव साझा किए। इल्मा अफरोज ने कहा, 'मैं जिले में जाकर लोगों के लिए काम करना चाहती थी। मैं बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक बनी तो मैंने अच्छे से दिल लगाकर मेहनत से ..मोहब्बत से अपने जिले में काम किया। नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाया। युवाओं को, बच्चों को नशों से बचाया। जो बड़े-बड़े ड्रग तस्कर थे, जो गंदे नशों का काम करते थे, उन्हें जेल की सलाखाों के पीछे पहुंचाया।' मैंने खनन माफिया और तस्करों पर नकेल कसी इल्मा अफरोज ने कॉलेज में छात्राओं से बद्दी जिले में अपनी तैनाती के अनुभव साझा करते हुए कहा- 'बद्दी में जो खनन माफिया थे,जो तस्करी करते थे.. जो नशे के इंजेक्शन देकर बच्चों की जिंदगी खराब कर रहे थे। मैंने उनके खिलाफ जमीनी स्तर पर अभियान चलाया। ऐसे तमाम तस्करों को जेल भिजवाया। खनन माफिया पर लगाम कसी। मैंने ये सारा काम बद्दी की पुलिस अधीक्षक रहते हुए किया'। झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को याद कर भावुक हुईं इल्मा कॉलेज में छात्राओं काे संबोधित करते हुए इल्मा अफरोज ने कहा-'एसपी ऑफिस और बंगला काफी बड़ा होता है। बहुत खूबसूरत होता है। इसलिए मैंने अपने बड़े घर के दरवाजे वहां आसपास झुग्गी झोपड़ियों और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के लिए खोल दिए। वो वहां आने लगे और मेरी थोड़ी कोशिशों से उनके चेहरों पर मुस्कान आने लगी। वो पढ़ने लगे और खेलने लगे। मैं ऑफिस टाइम के बाद उन्हें वक्त निकालकर पढ़ाती और उनके साथ खेलती भी थी।' इतना कहते-कहते भावुक हुई इल्मा ने कहा-कुल मिलाकर मैंने अपने बद्दी जिले के लाखों लोगों के साथ बहुत मेहनत से,ईमानदारी से और सत्यनिष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाई। छात्राओं से कहा-जो भी बनो, इंडिया फर्स्ट फीलिंग दिल में रहनी चाहिए मुरादाबाद के एक कॉलेज में छात्राओं को संबोधित करने पहुंची इल्मा अफरोज ने कहा, आप जो चाहें बने लेकिन आपके दिल में एक फीलिंग हमेशा रहनी चाहिए और वो है- इंडिया फर्स्ट। हमें ये कभी नहीं बोलना चाहिए कि हमारे लिए हमारा राष्ट्र सर्वोपरि है। पहले हमारा देश है, उसके बाद में हम हैं। इल्मा ने छात्राओं से जय हिंद भी बुलवाया। मैं ऑक्सफोर्ड जा सकती हूं तो आप भी जा सकती हो इल्न्मा ने छात्राओं से कहा, ये मत सोचो कि आज आप इस कॉलेज से डिग्री लेकर निकल रही हो तो आपको सिर्फ अपने गांव, कुंदरकी या डींगरपुर तक सीमित रहना है। आप जहां तक चाहोगे जा सकते हो, ये तुम्हें तय करना है। मैं भी आपके बीच से निकली। कुंदरकी में रहकर पढ़ी लिखी। मैंने ठाना कि मुझे ऑक्सफोर्ड जाना है तो मैं गई ऑक्सफोर्ड। मैंने यूएन में नौकरी करने की ठानी तो वहां नौकरी की। इसके बाद मैंने अमेरिका न्यूयॉर्क सिटी में नौकरी करने की ठानी तो वो भी हासिल किया। इसके बाद जब देश के लिए कुछ करने की ठानी तो सिविल सर्विसेज की परीक्षा देकर इंडियन पुलिस सेवा में चुनी गई। अगर मैं आपके बीच से निकलकर इतना सब कर सकती हूं तो आप भी कर सकती हैं। कौन हैं इल्मा अफरोज इल्मा अफरोज मुरादाबाद जिले के कुंदरकी कस्बे की रहने वाली हैं। 2017 बैच की हिमाचल कैडर की IPS अधिकारी हैं। इल्मा हिमाचल में बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक हैं। हिमाचल प्रदेश में दून के कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव के बाद इल्न्मा 13 नवंबर से छुट्‌टी पर हैं। 13 नवंबर को इल्मा बद्दी के एसपी बंगले अपनी किताबें और व्यक्तिगत सामान लेकर अपनी मां के साथ मुरादाबाद के कुंदरकी में अपने घर आ गई थीं। तब से वो यहीं हैं। 21 नवंबर को इल्मा की छुटि्टयां खत्म हो रही थीं। लेकिन उन्होंने अपनी छुटि्टयां बढ़ा ली हैं। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को हिमाचल के बद्दी जिले में SP का कार्यभार संभाला। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए उनको लंबी छुट्‌टी पर भेज दिया गया। मुस्लिम समुदाय को गन लाइसेंस देने के आरोप, RTI में गलत पाए गए सियासी टकराव के बाद बद्दी SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप लगाए गए। हालांकि, यह निराधार पाए गए। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देने का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज इन आरोप पर SP इल्मा अफरोज ने कहा था- पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधिकारी कार्यालय को भेजे देते हैं। गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। CM के साथ मीटिंग करने पहुंची थीं शिमला इल्मा अफरोज बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं। इल्मा अफरोज हिमाचल में अपने सरकारी आवास को खाली करके मां के साथ अपने पैतृक गांव कुंदरकी आ गई हैं।

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