यूपी उपचुनाव में सपा के लिए कांग्रेस छोड़ेगी दावेदारी:2 प्रस्ताव दिए; कहा-महाराष्ट्र में कम से कम सीटों पर लड़ें अखिलेश; गठबंधन बना रहेगा
उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग पर पेंच फंस गया है। कांग्रेस ने सपा को एक नया प्रस्ताव दिया है, जिसमें 2 बातें अहम हैं। पहला कि यूपी की सभी सीटों पर सपा अकेले चुनाव लड़े। कांग्रेस पूरा साथ देगी। दूसरा प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। कांग्रेस ने कहा कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी कम से कम सीटों पर चुनाव लड़े या अपनी दावेदारी छोड़ दे। महाराष्ट्र चुनाव में अखिलेश ने महाविकास अघाड़ी से 15 सीटों की मांग रखी है। हालांकि सपा का कहना है कि कांग्रेस की ओर से अब तक इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। दोनों पार्टियां कह रही हैं कि गठबंधन कायम रहेगा और दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी। अजय राय बोले- संभव है कि कांग्रेस एक भी सीट पर न लड़े कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दैनिक भास्कर को बताया कि पार्टी प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ेगी। यह भी संभव है कि कांग्रेस एक भी सीट पर चुनाव न लड़े और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाएं और उसे हमारे कार्यकर्ता पूरा समर्थन दें। वहीं, समाजवादी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, उसके बारे में उनके पास कोई प्लान नहीं है। अगर कांग्रेस चुनाव चार सीटों पर लड़ना चाहती है तो वह बताए कि उन सीटों पर किस तरह से उनका उम्मीदवार सपा से बेहतर होगा। कांग्रेस से बातचीत के लिए अधिकृत किए गए समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ी हैं। इसकी आधिकारिक जानकारी भी कांग्रेस के नेताओं को दे दी गई हैं। इस पर कांग्रेस का अब तक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी यह मानकर चल रही है कि कांग्रेस यूपी में दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा INDI गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र को लेकर है खामोशी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को अधिक सीट नहीं देना चाहती। इसलिए वह यूपी के उप चुनाव पर किसी तरह का फोकस नहीं कर रही है। सपा ने 12 सीटों की मांग कांग्रेस के सामने जरूर रखी है, लेकिन कांग्रेस की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र में पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित भी कर दिए हैं। यूपी में 13 नवंबर को उप चुनाव होना है जबकि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। सपा ने कांग्रेस को वही सीटें दी, जहां जीतना मुश्किल गाजियाबाद: कांग्रेस 22 साल पहले जीती, फिर कभी नहीं गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी सिर्फ एक बार 2004 में जीत हासिल पाई है। वह भी तब जब उसकी सत्ता में उप चुनाव हुए। जबकि, कांग्रेस यहां आखिरी बार 22 साल पहले जीती थी। 2022 का विधानसभा चुनाव छोड़ दें तो कांग्रेस इस सीट पर हमेशा सपा से आगे रही है। 2017 में जब सपा-कांग्रेस के बीच गठजोड़ हुआ तो सपा ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी। हालांकि, कांग्रेस यह सीट हार गई थी और भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की। गाजियाबाद सीट पर पिछले पांच चुनावों की बात करें तो भाजपा तीन और बसपा व कांग्रेस एक-एक बार चुनाव जीतने में कामयाब रही है। 2022 चुनाव में कांग्रेस को यहां 11 हजार 778 वोट ही मिले। खैर सीट: 40 साल से कांग्रेस की वापसी नहीं इसी तरह अलीगढ़ की खैर सीट पर भी कांग्रेस 40 साल से नहीं जीती है। 2022 में कांग्रेस की मोनिका को सिर्फ 1,514 वोट मिले, जबकि भाजपा के अनूप वाल्मीकि को एक लाख 39 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। यही हाल सपा का है। सपा इस सीट पर पिछले पांच चुनावों में खाता नहीं खोल सकी है। यहां दो बार रालोद और तीन बार भाजपा ने जीत दर्ज की। सपा का प्रदर्शन यहां हमेशा निराशाजनक रहा। 2022 में सपा-रालोद का गठबंधन था तो यह सीट रालोद के खाते में चली गई थी। बाकी चुनावों में तो सपा को 10 हजार वोट मिलना भी मुश्किल रहा। 2002 से लेकर अब तक हुए पांच चुनाव में यहां दो बार भाजपा और दो बार रालोद जीती है। जबकि एक बार यह सीट बसपा के खाते में गई। कांग्रेस ने मांगी 5, सपा ने दो सीटें छोड़ीं कांग्रेस ने यूपी उप चुनाव के लिए उन पांच सीटों का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था, जिन पर 2022 में सपा नहीं जीती थी। इसमें मीरापुर की भी सीट शामिल थी, जहां 2022 में सपा-रालोद का गठबंधन था, जो कि बाद में टूट गया। रालोद भाजपा के साथ चली गई। इसके अलावा मझवां, फूलपुर, गाजियाबाद और खैर सीट पर कांग्रेस ने दावेदारी पेश की है। सपा का मानना है कि मीरापुर में सपा गठबंधन की जीत हुई थी। वहीं, मझवां और फूलपुर में न सिर्फ सपा मजबूती के साथ लड़ी, बल्कि कांग्रेस की पोजिशन काफी खराब रही थी। सपा नेताओं का मानना है कि इन दोनों सीटों पर वह जीत हासिल कर सकती है। सपा के कई नेताओं ने इन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की थी। वहीं कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर कार्यकर्ता सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की, लेकिन सपा उससे प्रभावित नहीं हुई। लोकसभा चुनाव में हिट रही सपा-कांग्रेस की जोड़ी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इंडी अलायंस के तहत 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था। सपा 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। सपा ने इसमें से 37 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आईं। कांग्रेस इस बात का दावा करती रही है कि यूपी में सपा की जीत में उसकी उतनी ही भागेदारी है, जितनी सपा के लोगों की। वहीं, सपा के लोगों का कहना है कि उनकी वजह से कांग्रेस यूपी में दोबारा पोजिशन में आ गई। वहीं, यूपी में भाजपा को कांग्रेस और सपा दोनों मिलकर 33 सीटों पर रोकने में कामयाब हो गए थे। ............................................................ यह भी पढ़ें:- बहराइच हिंसा-बुलडोजर एक्शन के खिलाफ SC में याचिका:कार्रवाई से पहले दुकानें खाली, डर से खुद अपना घर तोड़ रहे लोग बहराइच के महराजगंज में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें बुलडोजर 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