रामलला के दर्शनार्थियों को मिल सकेगी अपोलो अस्पताल की सुविधा:श्रीरामजन्मभूमि परिसर स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) को इमरजेंसी अस्पताल में तब्दील करने का फैसला

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) को इमरजेंसी अस्पताल में तब्दील करने का फैसला श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज ने लिया है। यह अस्पताल अपोलो संस्थान की ओर से खोला जाएगा जिसके लिए तीर्थ क्षेत्र से पहले ही अनुबंध हो चुका है। हालांकि तीर्थ क्षेत्र ने इस अनुबंध के साथ पीएफसी के ग्राउंड फ्लोर पर छह हजार वर्ग फिट स्थान खाली कराकर संस्था के सुपुर्द कर दिया था। हालांकि मानक से कम जगह के कारण अस्पताल की शुरुआत अब तक नहीं हो सकी है। इसके कारण बोर्ड आफ ट्रस्टीज ने तीन हजार वर्ग मीटर यानि करीब साढ़े दस हजार वर्ग फिट जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस निर्णय के मुताबिक पूरी पीएफसी को अस्पताल बनाने के लिए तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय को शिफ्ट किया जाएगा। श्रीरामजन्म भूमि परिसर में तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय का निर्माण अतिथि गृह व प्रेक्षागृह के साथ साथ बनाया जा रहा है। इसका निर्माण सोमवार को आधार शिला के अनावरण के साथ शुरू हो चुका है। उधर तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय पीएफसी के बेसमेंट/ग्राउंड फ्लोर में चल रहा है। भक्तों को किसी भी मौसम में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए बताते चले कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा भक्त रामलला का दर्शन कर चुके हैं।रोज करीब 75 हजार भक्त रोज रामलला का दर्शन करने पहुंच रहे हैं।इन भक्तों को किसी भी मौसम में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए।विपरीत परिस्थितियों में उन्हें राम मंदिर परिसर में ही बेहतरीन सुविधा मिले इसको लेकर ट्रस्ट लंबे समय से प्रयास कर रहा था।इस सुविधा के बाद से अब रामलला के भक्त कम समय और कम अंतराल पर बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। रामलला का दर्शन करने आने वाले भक्तों में रोज करीब 10 हजार बुजुर्ग और बच्चे भी होते हैं।भक्तों की भावना को देखते हुए उनके लिए इस सुविधा को लागू किया जा रहा है। यात्रियों को धूप -वर्षा से बचाने के लिए स्थाई कैनोपी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय के अनुसार प्रेक्षागृह व अतिथि गृह के साथ कार्यालय का निर्माण अप्रैल 2025 तक हो जाएगा। फिलहाल यह निर्माण श्रीरामजन्म भूमि के दक्षिणी कोने में व राम पथ पर स्थित क्रासिंग 11 के निकट शुरू हुआ है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) करा रहा है। इसके अलावा यात्रियों को धूप -वर्षा से बचाने के लिए 6 मीटर लंबा व 9 मीटर स्थाई यात्री शेड भी बनाने का निर्णय लिया गया है। राम मंदिर के प्रथम तल में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है और फिनिशिंग चल रही है। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा होगी। राम दरबार की मूर्ति का निर्माण पुणे महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार/चित्र कार वासुदेव कामत कर रहे हैं। इसका परीक्षण राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा कर चुके हैं। इस राम दरबार के प्रतिष्ठा को लेकर निश्चिंत तिथि बता पाने की स्थिति में नहीं है। फिर यह तिथि जनवरी 2025 हो सकती है। उन्होंने एक जानकारी साझा करते हुए बताया कि राम मंदिर के परकोटा में रामायण पर आधारित ब्रांज के 90 म्यूरल लगाए जाने हैं। इसमें से 11 म्यूरल बनकर तैयार है जिसकी लंबाई व चौड़ाई 7 गुणा 6 फिट है। उन्होंने बताया कि इन म्यूरल के परीक्षण में साइज निर्धारित मानक से कम हो गयी है। इसके कारण इसका दोबारा परीक्षण कर समीक्षा की जा रही है।

Nov 27, 2024 - 11:30
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रामलला के दर्शनार्थियों को मिल सकेगी अपोलो अस्पताल की सुविधा:श्रीरामजन्मभूमि परिसर स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) को इमरजेंसी अस्पताल में तब्दील करने का फैसला
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) को इमरजेंसी अस्पताल में तब्दील करने का फैसला श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज ने लिया है। यह अस्पताल अपोलो संस्थान की ओर से खोला जाएगा जिसके लिए तीर्थ क्षेत्र से पहले ही अनुबंध हो चुका है। हालांकि तीर्थ क्षेत्र ने इस अनुबंध के साथ पीएफसी के ग्राउंड फ्लोर पर छह हजार वर्ग फिट स्थान खाली कराकर संस्था के सुपुर्द कर दिया था। हालांकि मानक से कम जगह के कारण अस्पताल की शुरुआत अब तक नहीं हो सकी है। इसके कारण बोर्ड आफ ट्रस्टीज ने तीन हजार वर्ग मीटर यानि करीब साढ़े दस हजार वर्ग फिट जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस निर्णय के मुताबिक पूरी पीएफसी को अस्पताल बनाने के लिए तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय को शिफ्ट किया जाएगा। श्रीरामजन्म भूमि परिसर में तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय का निर्माण अतिथि गृह व प्रेक्षागृह के साथ साथ बनाया जा रहा है। इसका निर्माण सोमवार को आधार शिला के अनावरण के साथ शुरू हो चुका है। उधर तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय पीएफसी के बेसमेंट/ग्राउंड फ्लोर में चल रहा है। भक्तों को किसी भी मौसम में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए बताते चले कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा भक्त रामलला का दर्शन कर चुके हैं।रोज करीब 75 हजार भक्त रोज रामलला का दर्शन करने पहुंच रहे हैं।इन भक्तों को किसी भी मौसम में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए।विपरीत परिस्थितियों में उन्हें राम मंदिर परिसर में ही बेहतरीन सुविधा मिले इसको लेकर ट्रस्ट लंबे समय से प्रयास कर रहा था।इस सुविधा के बाद से अब रामलला के भक्त कम समय और कम अंतराल पर बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। रामलला का दर्शन करने आने वाले भक्तों में रोज करीब 10 हजार बुजुर्ग और बच्चे भी होते हैं।भक्तों की भावना को देखते हुए उनके लिए इस सुविधा को लागू किया जा रहा है। यात्रियों को धूप -वर्षा से बचाने के लिए स्थाई कैनोपी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय के अनुसार प्रेक्षागृह व अतिथि गृह के साथ कार्यालय का निर्माण अप्रैल 2025 तक हो जाएगा। फिलहाल यह निर्माण श्रीरामजन्म भूमि के दक्षिणी कोने में व राम पथ पर स्थित क्रासिंग 11 के निकट शुरू हुआ है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) करा रहा है। इसके अलावा यात्रियों को धूप -वर्षा से बचाने के लिए 6 मीटर लंबा व 9 मीटर स्थाई यात्री शेड भी बनाने का निर्णय लिया गया है। राम मंदिर के प्रथम तल में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है और फिनिशिंग चल रही है। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा होगी। राम दरबार की मूर्ति का निर्माण पुणे महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार/चित्र कार वासुदेव कामत कर रहे हैं। इसका परीक्षण राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा कर चुके हैं। इस राम दरबार के प्रतिष्ठा को लेकर निश्चिंत तिथि बता पाने की स्थिति में नहीं है। फिर यह तिथि जनवरी 2025 हो सकती है। उन्होंने एक जानकारी साझा करते हुए बताया कि राम मंदिर के परकोटा में रामायण पर आधारित ब्रांज के 90 म्यूरल लगाए जाने हैं। इसमें से 11 म्यूरल बनकर तैयार है जिसकी लंबाई व चौड़ाई 7 गुणा 6 फिट है। उन्होंने बताया कि इन म्यूरल के परीक्षण में साइज निर्धारित मानक से कम हो गयी है। इसके कारण इसका दोबारा परीक्षण कर समीक्षा की जा रही है।

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