लखनऊ में 'आधी रात के बाद' नाटक का मंचन:चोर ने जज को सुनाई जीवन की कड़वी सच्चाई; व्यवस्था पर उठाए सवाल
लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में प्रसिद्ध नाटक 'आधी रात के बाद' का मंचन किया गया ।जिसे सांस्कृतिक और नाट्य संस्था श्रद्धा मानव सेवा कल्याण समिति द्वारा आयोजित किया गया। इस नाटक के लेखक डॉ. शंकर शेष और निर्देशन अनुपम बिसारिया ने किया। नाटक में, एक रात को 12 बजे, जज जयपाल सिंह अपने घर की बत्तियाँ बंद कर सोने का प्रयास करते हैं। तभी अचानक घर में सामान गिरने की आवाज आती है। जज साहब उठकर चारों ओर देखते हैं और सामने एक चोर को खड़ा पाते हैं। चोर ने जज साहब को कई कहानी सुनाया चोर जज साहब से कहता है कि वह पुलिस को बुलाकर उसे सजा दिलवाए, लेकिन जब फोन डेड हो जाता है, तो चोर जज साहब को कई कहानियाँ सुनाता है। इन कहानियों के माध्यम से चोर समाज, प्रशासन और व्यवस्था पर सवाल उठाता है, जिससे जज साहब असहज हो जाते हैं। जज साहब चोर को किचन में बंद कर करते हैं फोन अंत में, जज साहब चोर को किचन में बंद कर फिर से फोन करते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह चोर है कौन? नाटक के अंत में इसका जवाब दर्शक खुद तय करते हैं। नाटक के बाद, कार्यक्रम के संयोजक आलोक कुमार पांडे ने सभी का धन्यवाद किया और आगामी नाटकों में शामिल होने का आह्वान किया। दर्शक नाटक को देखकर भावुक हो गए और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हाल गूंज उठा।
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