लखनऊ हाईकोर्ट ने SDM के निलंबन पर लगाया स्टे:कहा-3 हफ्ते में जवाब दें, 22 जनवरी को अगली सुनवाई, लखीमपुर जमीन पैमाइश मामला

लखनऊ हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी के चर्चित जमीन पैमाइश मामले में तत्कालीन सदर SDM के निलंबन पर स्टे लगा दिया है। इसी के साथ राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने लखीमपुर खीरी सदर के तत्कालीन SDM अरुण कुमार सिंह की सेवा संबंधी याचिका पर पारित किया। याची के वकील ने न्यायालय को बताया कि विश्वेश्वर दयाल बनाम नंद किशोर मामले में खेत की पैमाइश का मामला वर्ष 2019 में दाखिल किया गया था, जिस समय याची सदर तहसील में तैनात था। सोशल मीडिया पर बना मुद्दा याची अरुण कुमार सिंह ने सम्बन्धित राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट तलब की, लेकिन बाद में कोविड महामारी की वजह से मामले की आगे सुनवाई नहीं हो सकी। 23 फरवरी 2021 को जिलाधिकारी के आदेश से मामले को अपर मजिस्ट्रेट के यहाँ स्थनांतरित कर दिया था। बाद में यह मामला सोशल मीडिया पर मुद्दा बन गया। तब राज्य सरकार ने वहाँ तैनात रहे दूसरे अधिकारियों के साथ याची का भी निलंबन कर दिया। याची ने न्यायालय को बताया कि संबंधित मामले कि यदि सारी आदेश की कॉपी देखी जाए तो यह साफ हो जाएगा कि उसकी कोई गलती नहीं है। जानिए पूरा मामला लखीमपुर के नकहा ब्लाक के रिटायर्ड मास्टर विश्वेश्वर संघ से जुड़े हुए हैं। 6 साल पहले उन्होंने भूमि की पैमाइश कराने के लिए SDM के यहां वाद दायर किया था। उनकी भूमि की मेड़बंदी तो करा दी गई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही विपक्षियों ने इसे तुड़वा दिया। स्कूटी से SDM से मिलने पहुंचे थे विधायक विश्वेश्वर ने इसकी शिकायत भाजपा विधायक योगेश वर्मा से की। इसके बाद 24 अक्टूबर को भाजपा विधायक स्कूटी से SDM अश्वनी सिंह से मिलने पहुंच गए थे। इस दौरान पता चला कि अफसरों और लेखपाल ने RSS लीडर से 5 हजार सुविधा शुल्क भी लिया, लेकिन जमीन पैमाइश नहीं की। इसका वीडियो भी सामने आया था। इसमें RSS लीडर SDM से कह रहे हैं- कानूनगो फोन नहीं उठाते। इसलिए उन्हें वॉट्सऐप किया कि विपक्षियों को कब बुलाएंगे। इसके बाद उन्होंने ये डॉक्यूमेंट वॉट्सऐप पर भेजा। पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपए लिए, वापस करिए इसी बीच विधायक कहते हैं- 6 साल पुराना मामला है, 6 साल से पैमाइश चल रही है। विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए, उसे वापस कराइए, तभी मैं यहां से जाऊंगा। इस दौरान अफसर असहज दिखाई दिए। वीडियो सामने आने के बाद नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। लखीमपुर खीरी डीएम से केस की पूरी रिपोर्ट मांगी। पूछा गया- 6 साल पहले यानी 2019 के बाद कौन-कौन एसडीएम, तसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहा। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर चार अफसरों को इसके लिए दोषी पाया गया था।

Nov 22, 2024 - 23:30
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लखनऊ हाईकोर्ट ने SDM के निलंबन पर लगाया स्टे:कहा-3 हफ्ते में जवाब दें, 22 जनवरी को अगली सुनवाई, लखीमपुर जमीन पैमाइश मामला
लखनऊ हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी के चर्चित जमीन पैमाइश मामले में तत्कालीन सदर SDM के निलंबन पर स्टे लगा दिया है। इसी के साथ राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने लखीमपुर खीरी सदर के तत्कालीन SDM अरुण कुमार सिंह की सेवा संबंधी याचिका पर पारित किया। याची के वकील ने न्यायालय को बताया कि विश्वेश्वर दयाल बनाम नंद किशोर मामले में खेत की पैमाइश का मामला वर्ष 2019 में दाखिल किया गया था, जिस समय याची सदर तहसील में तैनात था। सोशल मीडिया पर बना मुद्दा याची अरुण कुमार सिंह ने सम्बन्धित राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट तलब की, लेकिन बाद में कोविड महामारी की वजह से मामले की आगे सुनवाई नहीं हो सकी। 23 फरवरी 2021 को जिलाधिकारी के आदेश से मामले को अपर मजिस्ट्रेट के यहाँ स्थनांतरित कर दिया था। बाद में यह मामला सोशल मीडिया पर मुद्दा बन गया। तब राज्य सरकार ने वहाँ तैनात रहे दूसरे अधिकारियों के साथ याची का भी निलंबन कर दिया। याची ने न्यायालय को बताया कि संबंधित मामले कि यदि सारी आदेश की कॉपी देखी जाए तो यह साफ हो जाएगा कि उसकी कोई गलती नहीं है। जानिए पूरा मामला लखीमपुर के नकहा ब्लाक के रिटायर्ड मास्टर विश्वेश्वर संघ से जुड़े हुए हैं। 6 साल पहले उन्होंने भूमि की पैमाइश कराने के लिए SDM के यहां वाद दायर किया था। उनकी भूमि की मेड़बंदी तो करा दी गई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही विपक्षियों ने इसे तुड़वा दिया। स्कूटी से SDM से मिलने पहुंचे थे विधायक विश्वेश्वर ने इसकी शिकायत भाजपा विधायक योगेश वर्मा से की। इसके बाद 24 अक्टूबर को भाजपा विधायक स्कूटी से SDM अश्वनी सिंह से मिलने पहुंच गए थे। इस दौरान पता चला कि अफसरों और लेखपाल ने RSS लीडर से 5 हजार सुविधा शुल्क भी लिया, लेकिन जमीन पैमाइश नहीं की। इसका वीडियो भी सामने आया था। इसमें RSS लीडर SDM से कह रहे हैं- कानूनगो फोन नहीं उठाते। इसलिए उन्हें वॉट्सऐप किया कि विपक्षियों को कब बुलाएंगे। इसके बाद उन्होंने ये डॉक्यूमेंट वॉट्सऐप पर भेजा। पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपए लिए, वापस करिए इसी बीच विधायक कहते हैं- 6 साल पुराना मामला है, 6 साल से पैमाइश चल रही है। विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए, उसे वापस कराइए, तभी मैं यहां से जाऊंगा। इस दौरान अफसर असहज दिखाई दिए। वीडियो सामने आने के बाद नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। लखीमपुर खीरी डीएम से केस की पूरी रिपोर्ट मांगी। पूछा गया- 6 साल पहले यानी 2019 के बाद कौन-कौन एसडीएम, तसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहा। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर चार अफसरों को इसके लिए दोषी पाया गया था।

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