वाराणसी नगर निगम ने आठ भ्रष्ट सुपरवाइजरों का रोका वेतन:जियो टैगिंग अटेंडेंस में कर रहे थे खेल, थमाई नोटिस, अपर नगर आयुक्त को सौंपी गई जांच

वाराणसी के नगर निगम में भ्रष्टाचार की परतें लगातार उधड़ रही हैं। फर्जी तरीके से सफाई कर्मचारियों के अटेंडेंस लगाने के मामले में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने आठ सुपरवाइजरों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया है। तीन दिन में जवाब देने की नोटिस थमाने के साथ ही अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपी गई है। ये हैं भ्रष्टाचार में लिप्त सुपरवाइजर रामनगर क्षेत्र में तैनात सफाई सुपरवाइजर संजय पाल, सुसुवाही का धीरेंद्र गिरी, भगवानपुर का राजकुमार, मड़ौली का राजकुमार कटेरिया, नदेसर का सुधीर, लहरतारा का राजबहादुर और दुर्गाकुंड इलाके का नरेश। बिना जियो टैगिंग के अपलोड कर रहे थे फोटो इलाकों में सफाई की कागजों पर चल रही थी। शिकायत पर सम्बंधित इलाकों के सफाईकर्मियों की उपस्थिति जांच की गई तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। सुपरवाइजर बिना जिओ टैग किए, सामान्य तरीके से मोबाइल से फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड कर रहे थे। बिना लोकेशन के फोटो अपलोड करने का सुपरवाइजरों का खेल पकड़ में आते ही नगर आयुक्त ने वेतन रोकने का आदेश देते हुए नोटिस जारी कर दी। 6 सेनेटरी इंस्पेक्टर पर हो चुकी कार्रवाई नगर आयुक्त ने फर्जी जिओ टैगिंग के मामले 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई करते हुए उनके वेतन आहरण पर पाबंदी लगा दी है। इनसे भी नगर आयुक्त ने जवाब मांगा है। ये सेनेटरी इंस्पेक्टर भी फर्जी अटेंडेंस के खेल में शामिल थे। सुपरवाइजर का घूस लेते वीडियो हो चुका वायरल वार्ड नम्बर 20 लोढ़ान में तैनात सुपरवाइजर विश्वजीत पटेल का एक सफाईकर्मी से घूस लेकर पोर्टल पर फर्जी अटेंडेंस लगवाने का वीडियो वायरल हो चुका है। लंबे समय से चल रहा फर्जी जिओ टैगिंग में फर्जीवाड़ा नगर निगम में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों द्वारा फर्जी तरीके से जिओ टैगिंग अटेंडेंस लगाकर सफाई कर्मचारियों से वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। नगर निगम ने 100 वार्ड में स्वच्छता अभियान के तहत साफ- सफाई के लिए 25 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी संविदा पर तैनात किए हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर, सुपरवाइजरों की सम्बंधित ड्यूटी क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से लेकर अटेंडेंस तक लगाने की जिम्मेदारी है। एक सफाईकर्मी की 15 हजार तक मासिक सैलरी बनती है। जो सफ़ाई कर्मी दस्तूरी देने से इनकार करता है उससे आरोप लगाकर कार्य से हटा दिया जाता है।

Nov 28, 2024 - 20:00
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वाराणसी नगर निगम ने आठ भ्रष्ट सुपरवाइजरों का रोका वेतन:जियो टैगिंग अटेंडेंस में कर रहे थे खेल, थमाई नोटिस, अपर नगर आयुक्त को सौंपी गई जांच
वाराणसी के नगर निगम में भ्रष्टाचार की परतें लगातार उधड़ रही हैं। फर्जी तरीके से सफाई कर्मचारियों के अटेंडेंस लगाने के मामले में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने आठ सुपरवाइजरों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया है। तीन दिन में जवाब देने की नोटिस थमाने के साथ ही अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपी गई है। ये हैं भ्रष्टाचार में लिप्त सुपरवाइजर रामनगर क्षेत्र में तैनात सफाई सुपरवाइजर संजय पाल, सुसुवाही का धीरेंद्र गिरी, भगवानपुर का राजकुमार, मड़ौली का राजकुमार कटेरिया, नदेसर का सुधीर, लहरतारा का राजबहादुर और दुर्गाकुंड इलाके का नरेश। बिना जियो टैगिंग के अपलोड कर रहे थे फोटो इलाकों में सफाई की कागजों पर चल रही थी। शिकायत पर सम्बंधित इलाकों के सफाईकर्मियों की उपस्थिति जांच की गई तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। सुपरवाइजर बिना जिओ टैग किए, सामान्य तरीके से मोबाइल से फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड कर रहे थे। बिना लोकेशन के फोटो अपलोड करने का सुपरवाइजरों का खेल पकड़ में आते ही नगर आयुक्त ने वेतन रोकने का आदेश देते हुए नोटिस जारी कर दी। 6 सेनेटरी इंस्पेक्टर पर हो चुकी कार्रवाई नगर आयुक्त ने फर्जी जिओ टैगिंग के मामले 06 सेनेटरी इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई करते हुए उनके वेतन आहरण पर पाबंदी लगा दी है। इनसे भी नगर आयुक्त ने जवाब मांगा है। ये सेनेटरी इंस्पेक्टर भी फर्जी अटेंडेंस के खेल में शामिल थे। सुपरवाइजर का घूस लेते वीडियो हो चुका वायरल वार्ड नम्बर 20 लोढ़ान में तैनात सुपरवाइजर विश्वजीत पटेल का एक सफाईकर्मी से घूस लेकर पोर्टल पर फर्जी अटेंडेंस लगवाने का वीडियो वायरल हो चुका है। लंबे समय से चल रहा फर्जी जिओ टैगिंग में फर्जीवाड़ा नगर निगम में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टर और सुपरवाइजरों द्वारा फर्जी तरीके से जिओ टैगिंग अटेंडेंस लगाकर सफाई कर्मचारियों से वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। नगर निगम ने 100 वार्ड में स्वच्छता अभियान के तहत साफ- सफाई के लिए 25 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी संविदा पर तैनात किए हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर, सुपरवाइजरों की सम्बंधित ड्यूटी क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से लेकर अटेंडेंस तक लगाने की जिम्मेदारी है। एक सफाईकर्मी की 15 हजार तक मासिक सैलरी बनती है। जो सफ़ाई कर्मी दस्तूरी देने से इनकार करता है उससे आरोप लगाकर कार्य से हटा दिया जाता है।

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