कानपुर में दो डाक्टरों समेत 21 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज:महिला को इलाज देने में लापरवाही के साथ आरोपियों को बचाने के लिए दस्तावेज गायब करने का लगाया आरोप
कानपुर के स्वरूप नगर थाने में दो डाक्टरों समेत 21लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामला कानपुर देहात की एक महिला को मारपीट कर अधमरा करने का है। उनके बेटे ने डाक्टरों और हैलट अस्पताल के कर्मचारियों पर इलाज के दस्तावेज गायब कर आरोपियों को बचाने और केस को हल्का करवाने का आरोप लगाया था। पीड़ित ने पहले पुलिस से शिकायत की मगर पुलिस के न सुनने पर सीएमएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। कमलपुर गांव कानपुर देहात निवासी अशोक कुमार (28) ने एफआईआर दर्ज कराई है। उसका आरोप है कि 5 अक्टूबर 2022 की दोपहर लगभग एक बजे उसकी मां राजकुमारी खेत में जानवरों के लिए चारा काट रही थी। उसी दौरान गांव के कैलाश, शानू , गौरव, हर्षित, पुष्पा, बिट्टो, पप्पू, शिवम उर्फ शीपू मौके पर पहुंचे। इनके हाथों में कुल्हाड़ी, लाठी डंडा, हसिया आदि मौजू था। आरोपियों ने राजकुमारी को अर्धनग्न कर उनपर हमला कर उन्हें मरणानासन्न कर दिया। पुलिस की मदद से परिजनों ने उन्हें पीएचसी राजपुर पहुंचाया। जहां से डाक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल अकबरपुर रेफर कर दिया मगर वहां भी हालत देखने के बाद कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था। एफआईआर दर्ज कराई अशोक के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ राजपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई। अशोक के मुताबिक जब मां को लेकर हैलट पहुंचे तो वहां पर आकस्मिक विभाग ड्यूटी प्रभारी डा. आशीष श्रीवास्तव को मूल मेडिको लीगल, रेफर स्लिप सहित अन्य सम्पूर्ण प्रपत्रों को दिया गया था। सारे दस्तावेजों को एक साथ ऑलपिन कर डाक्टर ने अपनी कस्टडी में रख लिया और मां को भर्ती करा इलाज चालू कराया। आरोपियों का रिश्तेदार ने करा दिया खेल, मारने का किया प्रयास अशोक के मुताबिक आरोपियों का एक रिश्तेदार अभिषेक यादव हैलट में नौकरी करता था। जो वहां के डाक्टरों और उच्च अधिकारियों से परिचित था। उसने अपने रिश्तेदारों की मदद करते हुए गौरव, शिवम उर्फ शीपू तथा एक अज्ञात व्यक्ति के साथ मिलकर मरीज के चल रहे उपचार के समय मरीज की मृत्यु करवाने का भी प्रयास किया। रिश्तेदार के साथ मिलकर मां की छुट्टी करवा दी गई। जबकि उनकी हालत गम्भीर थी। अशोक के मुताबिक उसने काफी मिन्नत की मगर वो नहीं माने जिसके बाद उसने अपनी मां को निजी अस्पताल में भर्ती करा उपचार करवाया। गायब करा दिए दस्तावेज अशोक का आरोप है कि हैलट में अपने रिश्तेदार डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ सांठगांठ करके उसकी मां के इलाज के सभी दस्तावेज और रिपोर्ट गायब करा दिए गए और उनके स्थान पर फर्जी दस्तावेज रख दिए गए। जिसमें गम्भीर चोट आदि लगने की पुष्टि नहीं थी। अधिकारी डाक्टरों से शिकायत करने पर हमला अशोक के मुताबिक उसने इसकी शिकायत नोडल अधिकारी डा. विनय कुमार से की। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया मगर वह नोटिस भी गायब करा दिया गया। फिर अशोक ने खुद हैलट के प्रमुख अधीक्षक से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। वह शिकायत दर्ज करा बाहर निकला तो आरोपियों ने उसे भी बेरहमी से पीटा। उसने पुलिस से शिकायत की मगर सुनवाई नहीं हुई। इनके खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट डीसीपी सेन्ट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि हैलट के डा. सुबोध यादव, डा. अशोक वर्मा, विनय कुमार, अमित दुबे, शालिनी यादव, गौरव, शानू, कैलाश, शिवम, पप्पू व 10 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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