शिमला में पेंशनर्स का धरना:बोले- 15 दिन में जेसीसी गठन पर स्पष्ट करें स्थिति, 2 साल से नहीं मिला मेडिकल बिल पर भुगतान

हिमाचल प्रदेश में पेंशनर्स ने सुक्खू सरकार के खिलाफ धरना लगाया है। बुधवार को शिमला के चौड़ा मैदान में भारतीय राज्य पेंशनर्स संघ के बैनर तले विभिन्न पेंशनर्स असोसिएशन ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया।संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पूर्व कर्मचारियों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है। दो साल से चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। इससे पूर्व कर्मचारी समय पर इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। कई पूर्व कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। शर्मा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या इन दो सालों में कोई विधायक या मंत्री बीमार नहीं हुआ। क्या उनके मेडिकल बिल भी रोके गए हैं। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री इस पर श्वेत पत्र जारी करें। अगर विधायकों-मंत्रियों के बिलों का भुगतान हो रहा है तो पूर्व कर्मचारियों के बिल क्यों नहीं चुकाए जा रहे। उपाध्यक्ष बोले- अब तक पेंशन नहीं आई उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार के पास पेंशनर्स की हजारों करोड़ों रूप बकाया देनदारियां है और ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश में सभी पेंशनर्स को एक साथ पेंशन नहीं आई है। उन्होंने दावा किया की पांच तारीख हो गई है लेकिन प्रदेश के आधे जिलों में अभी तक पेंशन नहीं आई है। पेंशनर्स संघ ने सरकार को चेतावनी दी है। पेंशनर्स ने कहा कि 15 दिनों के भीतर यदि सरकार जेसीसी के गठन पर फैसला नहीं करती तो सभी पेंशनर्स असोसिएशन हिमाचल प्रदेश में जॉइंट फ्रंट का गठन करेगी जो पूरे प्रदेश भर में प्रदेश सरकार के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाएगी और प्रदेश भर में उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।

Mar 5, 2025 - 13:59
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शिमला में पेंशनर्स का धरना:बोले- 15 दिन में जेसीसी गठन पर स्पष्ट करें स्थिति, 2 साल से नहीं मिला मेडिकल बिल पर भुगतान
हिमाचल प्रदेश में पेंशनर्स ने सुक्खू सरकार के खिलाफ धरना लगाया है। बुधवार को शिमला के चौड़ा मैदा

शिमला में पेंशनर्स का धरना: 15 दिन में जेसीसी गठन पर स्पष्ट करें स्थिति

शिमला, भारत में पेंशनर्स ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण धरना आयोजित किया। इस धरने का मुख्य उद्देश्य 15 दिनों के भीतर जेसीसी (ज्वाइंट कांफ्रेंस कमिटी) गठन की स्थिति को स्पष्ट करना है। पेंशनर्स ने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें पिछले 2 साल से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं मिला है। यह धरना ऐसे समय में हुआ है जब पेंशनर्स की समस्याओं के प्रति सरकार की अनदेखी बढ़ती जा रही है।

पेंशनर्स की समस्याएँ

धरने में भाग लेने वाले पेंशनर्स ने विभिन्न समस्याओं का उल्लेख किया, जिनमें से सबसे प्रमुख मेडिकल बिलों का भुगतान न होना है। उन्होंने कहा कि इसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए ताकि उन पर आर्थिक बोझ कम हो सके। इसके अलावा, पेंशनर्स ने जेसीसी गठन पर भी जोर दिया, ताकि उनकी अन्य समस्याओं का समुचित निवारण किया जा सके।

सरकारी प्रतिक्रिया का इंतजार

पेंशनर्स ने बताया कि वे सरकार से नियमित संवाद चाहते हैं ताकि उनकी समस्याएँ सुनी जा सकें। धरने में भाग लेने वाले कई वरिष्ठ पेंशनर्स ने सरकार को चेताया कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे और अधिक कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे।

इस धरने से यह स्पष्ट होता है कि पेंशनर्स की समस्याएँ केवल व्यक्तिगत नहीं हैं, बल्कि अब यह एक सामूहिक मुद्दे का रूप ले चुकी हैं। इसीलिए, उनकी आवाज सुनना जरूरी है। "News by indiatwoday.com" के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उक्त समस्याएँ और अव्यवस्थाएँ देश के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं।

समाधान की दिशा में कदम

इस धरने के माध्यम से पेंशनर्स ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें तात्कालिक समाधान की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, जल्द से जल्द सकारात्मक कार्रवाई करे।

इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल पेंशनर्स की समस्याओं को उजागर करती हैं, बल्कि यह हमें बताती हैं कि एक सशक्त समाज का निर्माण कैसे किया जा सकता है, जहाँ हर वर्ग को उचित सम्मान तथा सुविधाएँ मिलें।

उपसंहार

शिमला में पेंशनर्स का धरना एक महत्वपूर्ण कदम है जो समय की आवश्यकता को दर्शाता है। जल्द से जल्द जेसीसी गठन तथा मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाना आवश्यक है। इसके लिए पेंशनर्स की एकजुटता और दृढ़ता महत्वपूर्ण होगी।

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