शैफाली के आगे अफसरों का सरेंडर:मुरादाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष ने नाले पर कब्जा करके बनाई पार्किंग, जेनरेटर रखा, जनता दरबार भी
मुरादाबाद में नगर निगम का नालों से अतिक्रमण हटाने का अभियान पिछले 10 दिन से जारी है। नालों की सफाई के लिए उनके ऊपर हुए अवैध निर्माणों को गिराना जरूरी है। लेकिन आम पब्लिक के अवैध निर्माणों को पूरी सख्ती से ध्वस्त कर रहे नगर निगम के अफसर भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली सिंह के नाले पर हुए अवैध निर्माण को टच करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। मुरादाबाद में दिल्ली रोड पर धर्मकांटे के पास डॉ. शैफाली सिंह का हॉस्पिटल और आवास है। इसके सामने से हाईवे किनारे गुजर रहे नाले को पाटकर जिला पंचायत अध्यक्ष ने पार्किंग बना ली है। नाले पर कब्जा करके उसके ऊपर जेनरेटर रख दिया गया है। इसके अलावा नाले को पाटकर उसके ऊपर बाकायदा टीनशेड डालकर अपनी गाड़ियों के लिए पार्किंग बना ली गई। नाले पर कब्जा करके बनाई गई इस पार्किंग में जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके परिवार की 4-5 गाड़ियां खड़ी होती हैं। इसके अलावा उनके गनर और स्टाफ के बैठने की व्यवस्था भी नाले पर कब्जा करके ही की गई है। नाले पर टीनशेड डालकर उसके नीचे कुर्सियां डाली गई हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष से मिलने आने वाले लोग यहीं कब्जाए गए नाले पर बैठकर उनसे मिलने की प्रतीक्षा करते हैं। एक तरह से कहें तो यहीं नाले पर जिला पंचायत अध्यक्ष का जनता दरबार लगता है। नालों पर कब्जों का मामला सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्ष तक ही नहीं सिमटा है। बल्कि दिल्ली रोड पर चौधरी चरण सिंह चौक से आगे लेफ्ट हैंड पर पुलिस चौकी के दोनों साइड नाले पर कब्जा करके भाजपा नेताओं ने दुकानें बना ली हैं। पुलिस चौकी के पहले और बाद में नाला कहीं नजर नहीं आता। लेकिन आम दुकानदारों के आगे रैंप और लोहे जाल पर भी बुलडोजर चलाने वाले नगर निगम के अफसरों को भाजपा नेताओं के नालों पर हुए ये कब्जे नजर नहीं आते। मुरादाबाद के कमिश्नर आन्जनेय सिंह ने दावा किया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष समेत बाकी नेताओं के अवैध कब्जों को ध्वस्त किया जाएगा। लेकिन फिलहाल इन अवैध कब्जों को गिराना तो दूर इन्हें टच करने की हिम्मत भी कोई अफसर नहीं दिखा सका है। दिल्ली रोड पर आगे भी नगर निगम पर कहीं तोड़ो तो कहीं छोड़ो के आरोप लग रहे हैं।

शैफाली के आगे अफसरों का सरेंडर
मुरादाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष का एक विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक नाले पर कब्जा कर एक पार्किंग क्षेत्र का निर्माण किया है। इस कदम ने न केवल स्थानीय निवासियों को आश्चर्य में डाला है, बल्कि इस पर कई प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी भी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। इस घटना ने शैफाली नामक एक प्रभावशाली स्थानीय नेता को चर्चा का विषय बना दिया है।
पार्किंग क्षेत्र का निर्माण
जिला पंचायत अध्यक्ष ने नाले पर कब्जा करके पार्किंग बनाने का कार्य किया है, जिसके कारण स्थानीय नागरिकों में असंतोष का माहौल उत्पन्न हो चुका है। जनता दरबार में लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन परिणामस्वरूप अधिकारियों का सरेंडर जनता के सामने स्पष्ट हो गया। यह जारी स्थिति बता रही है कि किस प्रकार कुछ लोग अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं, जबकि आम जनता अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष की योजनाएं
जिला पंचायत अध्यक्ष ने पार्किंग बनाने के अलावा, नाले के पास एक जेनरेटर भी रख दिया है। यह कदम उन नागरिकों के लिए सुविधाजनक हो सकता है जो बाजार में जल्दी आना-जाना चाहते हैं, लेकिन क्या यह वाकेई में जनता की भलाई के लिए है या सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए? इस सवाल का जवाब सभी को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
प्रशासन की भूमिका
अधिकारियों की चुप्पी इस मामले को और भी जटिल बनाती है। क्या प्रशासन में इस प्रकार के दुरुपयोग को रोकने की क्षमता है? जब जनता को अपने अधिकारों के लिए इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या हमें हमारे अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।
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