ससुराल वालों ने की दहेज में 1 लाख की मांग:पति ने विवाहिता का कराया जबरन गर्भपात, FIR दर्ज
पीलीभीत के थाना गजरौला क्षेत्र में एक महिला के साथ दहेज के लिए क्रूरता का मामला सामने आया है। गांधीनगर कॉलोनी की रहने वाली रेखा दास ने एसपी के आदेश पर थाना गजरौला में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रेखा की शादी 31 मई 2022 को गोयल कॉलोनी निवासी गुरवर सरकार से हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले एक लाख रुपये की दहेज मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। मायके वालों ने ससुराल पक्ष को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। आरोपियों ने रेखा को घर से निकाल दिया। 25 मई 2023 को उसके पति गुरवर, जेठ हरिवर, सास ममता सरकार और नंद माधवी सरकार ने जबरन दवा देकर उसका गर्भपात करा दिया। समझौते के बाद रेखा को दोबारा ससुराल में ले गए। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर दहेज की मांग शुरू हो गई। प्रताड़ना से तंग आकर रेखा ने पुलिस में शिकायत की है। गजरौला थाना अध्यक्ष जगदीप मलिक के अनुसार मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

विवाह के बाद विवाहिता को ससुराल वालों की ओर से दहेज की भूख ने उसे मुश्किल में डाल दिया। हाल ही में एक घटना में, पति और ससुराल वालों द्वारा 1 लाख की दहेज मांग की गई, जिससे विवाहिता की जिंदगी दाव पर लग गई। इस संदर्भ में पीड़िता ने FIR दर्ज करवाई है, जिसमें उसने तथ्यों का खुलासा किया है। समाचार द्वारा indiatwoday.com प्रस्तुत है इस मामले का पूरा विवरण।
दहेज के लिए दबाव और जबरन गर्भपात
शादी के कुछ समय बाद ही विवाहिता को ससुराल वालों के अत्याचार और दहेज की मांग का सामना करना पड़ा। पति ने ना केवल मानसिक दबाव डाला, बल्कि इससे भी आगे बढ़ते हुए उसने विवाहिता का जबरन गर्भपात कराने का कदम उठाया। यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए भी एक चिंताजनक विषय बन गई है।
घटना का विस्तृत विवरण
विवाहिता ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसके पति और ससुराल के अन्य सदस्यों ने उसके ऊपर लगातार दहेज के लिए दबाव बनाया। जब उसने मांग पूरी नहीं की, तो पति ने उस पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की। अंततः जब मामला हद से गुजर गया, पति ने उससे जबरन गर्भपात कराया। इस दुखद घटना के बाद विवाहिता ने पुलिस में FIR दर्ज करवाई, जिसके परिणामस्वरूप जांच शुरू कर दी गई है।
क़ानून और दहेज खिलाफ़ समाज का अभियान
दहेज प्रथा भारत में एक पुरानी और अवांछित परंपरा है, जिसे कानून द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे मामलों में उचित न्याय और सजा की मांग की जाती है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
समाज के लिए एक सीख
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि दहेज प्रथा को समाप्त करने की आवश्यकता है। हर एक व्यक्ति को इससे संबंधित मुद्दों पर जागरूक होना चाहिए और इसे रोकने में सहयोग देना चाहिए।
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