ट्रम्प बोले- हार्वर्ड के टीचर मूर्ख, यूनिवर्सिटी मजाक बन गई:ये अब पढ़ने लायक नहीं रही; कल 18 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग रोकी थी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर निशाना साधा है। उन्होंने बुधवार को कहा है कि यह यूनिवर्सिटी एक मजाक है और यह सिर्फ वोक कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है। ट्रम्प ने कहा कि अब हार्वर्ड को दुनिया की सबसे बेहतर यूनिवर्सिटी या कॉलेजों की किसी भी लिस्ट में नहीं गिना जाना चाहिए। हार्वर्ड एक मजाक है जो नफरत और मूर्खता सिखाता है। इसे अब सरकारी पैसा नहीं मिलना चाहिए। ट्रम्प का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब उन्होंने एक दिन पहले ही हार्वर्ड की 18 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग रोकी थी और उसका टैक्स फ्री दर्जा खत्म करने की बात कही थी। ट्रम्प ने न्यूयॉर्क और शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर बिल डी ब्लासियो और लोरी एलेन लाइटफुट की भी आलोचना की। उन्होंने कहा- हर कोई जानता है कि हार्वर्ड रास्ते से भटक गया है। हार्वर्ड ने न्यूयॉर्क और शिकागो के मेयर को भारी सैलरी देकर म्यूनिसिपल मैनेजमेंट और गवर्नेंस पढ़ाने के लिए नियुक्त किया है। इन दोनों कट्टरपंथी वामपंथी मूर्खों ने दो ऐसे शहर छोड़ें है, जिन्हें बुराई से उबरने में कई साल लगेंगे। हार्वर्ड मूर्ख लोगों को काम पर रख रहा ट्रम्प ने कहा कि हार्वर्ड लगभग पूरी तरह से वोक, कट्टर वामपंथी, मूर्ख और 'पक्षपाती' लोगों को काम पर रख रहा है, जो स्टूडेंट्स और भविष्य के नेताओं को सिर्फ नाकामी का पाठ सकते हैं। इन वामपंथी मूर्खों के जैसे कई अन्य लोग हार्वर्ड में पढ़ा रहे हैं। इस वजह से हार्वर्ड को अब सीखने की सही जगह नहीं माना जा सकता है। ट्रम्प ने हार्वर्ड की 2.2 अरब डॉलर की फंडिंग रोकी इससे पहले ट्रम्प ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2.2 अरब डॉलर (करीब 18 हजार करोड़ रुपए) की फंडिंग रोकी थी। यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि हार्वर्ड ने व्हाइट हाउस की उन मांगों को मानने से इनकार कर दिया जिनका मकसद कैंपस में यहूदी विरोधी गतिविधियों पर सख्ती करना था। ट्रम्प प्रशासन ने 3 अप्रैल को यूनिवर्सिटी के सामने मांग रखी थी कि यूनिवर्सिटी के गवर्नेंस, एडमिशन और हायरिंग प्रोसेस पर सरकार को नियंत्रण दिया जाए और इनमें बड़ा बदलाव किया जाए। इसके अलावा डाइवर्सिटी ऑफिस बंद करने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जांच में इमिग्रेशन अफसरों की मदद करने की मांग भी रखी गई थी। हार्वर्ड ने इन मांगों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद सोमवार रात को ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड को बताया कि उसकी 2 अरब डॉलर से ज्यादा की फेडरल फंडिंग रोका जा रहा है। यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी झंडा फहराया था गाजा में जारी इजराइल-हमास जंग के खिलाफ पिछले साल अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया था। AP की रिपोर्ट के मुताबिक 1000 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार भी हुए। इस दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया था। यूनिवर्सिटी ने इसे पॉलिसी के खिलाफ बताते हुए छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही थी। ----------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की टैक्स छूट खत्म कर सकते हैं:₹18 हजार करोड़ की फंडिंग भी रोकी; ट्रम्प यूनिवर्सिटी पर कंट्रोल चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दी गई टैक्स छूट खत्म करने की बात कही। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यूनिवर्सिटी को दी गई टैक्ट छूट पर फिर से विचार किया जा सकता है। यह खबर भी पढ़ें...

ट्रम्प बोले- हार्वर्ड के टीचर मूर्ख, यूनिवर्सिटी मजाक बन गई: ये अब पढ़ने लायक नहीं रही; कल 18 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग रोकी थी
संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर तीखा हमला किया। ट्रम्प ने कहा कि हार्वर्ड के शिक्षक मूर्ख हो गए हैं और विश्वविद्यालय अब पढ़ने लायक नहीं रह गया है। उनका यह बयान तब आया जब उन्होंने बताया कि उन्होंने 18 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग रोक दी है।
ट्रम्प का बयान और हार्वर्ड का महत्व
ट्रम्प का यह बयान अमेरिका की शिक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। हार्वर्ड, जिसे विश्व के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है, अब शिक्षण के मानदंडों पर सवाल उठाने लगा है। उन्होंने कहा कि यह समय है कि विश्वविद्यालय शिक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित करे बजाय इसके कि वह राजनीति में उलझा रहे।
फंडिंग में कटौती के कारण
इस फंडिंग में कटौती के पीछे ट्रम्प का तर्क है कि विश्वविद्यालय अपने मूल लक्ष्यों को भुला रहा है और राजनीतिक विचारधाराओं में लिप्त हो गया है। यह कदम उन विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है जो उच्च शिक्षा के प्रति गंभीर हैं।
शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
ट्रम्प का यह बयान यह दर्शाता है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की कितनी आवश्यकता है। जब नए विचार और दृष्टिकोण विश्वविद्यालयों में प्रवेश करते हैं तो वे केवल ज्ञानी बना सकते हैं। लेकिन जो दृष्टिकोण हार्वर्ड कुछ वर्षों से अपना रहा है, वह अधिकतर छात्रों को निराश कर रहा है।
यह कदम अमेरिका की शिक्षा प्रणाली के लिए एक खतरे के रूप में देखा जा रहा है। यदि विश्वविद्यालय नीतियों में सुधार नहीं करता है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। अखबारों और अध्ययन समूहों में इस मुद्दे पर चर्चा जारी है और यह निश्चित रूप से एक परीक्षण के रूप में उभर रहा है।
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