सहारनपुर कोर्ट में 91 मिलावटखोरों को पूरे दिन खड़ा रखा:411 मिलावटखोरों पर लगाया 87.57 लाख का जुर्माना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के मामलों की हुई सुनवाई
सहारनपुर मंडल में मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 411 दुकानदारों पर एडीएम कोर्ट ने कुल 87.57 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। सहारनपुर जिले में 308 मामलों में से 257 पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और 53.90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं, मुजफ्फरनगर में 143 दुकानदारों पर 32.22 लाख रुपए और शामली में 11 दुकानदारों पर 14.05 लाख रुपए का जुर्माना ठोका गया। खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अभियान चला रहा है। विभाग के अधिकारी संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए लैब भेजते हैं। जांच में मिलावट की पुष्टि होने पर संबंधित दुकानदारों के खिलाफ अदालत में वाद दायर किया जाता है। जुर्माने के अलावा कोर्ट ने 91 दुकानदारों को कोर्ट बंद होने तक खड़े रहने की सजा दी। यह कार्रवाई मिलावटखोरी पर रोक लगाने और जनता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है।

सहारनपुर कोर्ट में 91 मिलावटखोरों को पूरे दिन खड़ा रखा
सहारनपुर में एक महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान, 91 मिलावटखोरों को कोर्ट में पूरे दिन खड़ा रखा गया। यह अदालती कार्यवाही सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और शामली के मामलों से संबंधित थी। कोर्ट ने मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 411 मिलावटखोरों पर कुल 87.57 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह सुनवाई स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा कानून के तहत जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
मामले की पृष्ठभूमि
मिलावटखोरी एक गंभीर अपराध है जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। सहारनपुर की कोर्ट में हुई इस सुनवाई में जिन मिलावटखोरों पर जुर्माना लगाया गया, उनके खिलाफ कई शिकायतें पूर्व में मिल चुकी थीं। इन शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने जांच की और कई प्रतिष्ठानों पर छापे मारे गए।
अदालत का फैसला
कोर्ट ने सभी मामलों की सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया। न्यायाधीश ने कहा कि समाज में मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। इस तरह के मामलों में न्यायालय का निर्णय एक सख्त संदेश भेजता है कि मिलावटकारी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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प्रशासनिक उपाय
इस मामले में प्रशासन ने बताया कि वे आगे भी ऐसे मामलों पर नजर रखेंगे और भविष्य में और भी सख्त कदम उठाएंगे। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। ऐसे अभियानों से जनता को खाद्य सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाया जा सकेगा।
आगे की योजना
अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की सुनवाई से समाज में मिलावटखोरी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि वे खाद्य सुरक्षा के मानकों को सख्ती से लागू करेंगे ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके।
समापन विचार
सहारनपुर कोर्ट में हुई इस सुनवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मिलावटखोरी के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। इस प्रकार के मामलों में न्यायालय की भूमिका और प्रशासन का सक्रिय कदम महत्वपूर्ण है। एसी सुनवाईयों के माध्यम से समाज में विकास और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। Keywords: सहारनपुर कोर्ट, 91 मिलावटखोर, मिलावटखोरी जुर्माना, खाद्य सुरक्षा कानून, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर समाचार, मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई, खाद्य सुरक्षा का उल्लंघन, न्यायालय का फैसला
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