सुक्खू आज दिल्ली जाएंगे, सियासी हलचल बढ़ी:कैबिनेट विस्तार और नए संगठन को लेकर करेंगे चर्चा;अगले 2 दिन केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलेंगे
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली जाएंगे। CM सुक्खू अगले 2 दिन तक दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के आला नेताओं से मीटिंग करेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू दिल्ली में हिमाचल की नव नियुक्त कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल से भी मुलाकात करेंगे। सीएम के दिल्ली दौरे से प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है। सूत्रों की माने तो दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू कैबिनेट विस्तार और नया संगठन बनाने को लेकर शीर्ष नेताओं से चर्चा कर सकते हैं। हिमाचल कैबिनेट में मंत्री का एक पद खाली पड़ा हुआ है। इसी तरह 100 दिन से भी ज्यादा समय से प्रदेश में कांग्रेस का संगठन भंग है। दो महीने से संगठन नहीं होने पर कैबिनेट मंत्री भी इसे लेकर सवाल उठा चुके हैं। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने तो संगठन को पैरालाइज्ड तक बता दिया था। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने भी संगठन में ट्रेनिंग जैसी जरूरतों की बात कही थी। कांग्रेस का वर्कर भी संगठन नहीं बनने से मायूस है। नए अध्यक्ष को लेकर कर सकते हैं चर्चा हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का भी तीन साल का कार्यकाल अप्रैल 2025 में पूरा होने जा रहा है। लिहाजा नए अध्यक्ष को लेकर भी सीएम सुक्खू हाईकमान से चर्चा कर सकते हैं। कैबिनेट मंत्री के खाली पद को लेकर चर्चा संभावित कैबिनेट में खाली पड़े इकलौते पद को भी जल्दी भरा जाना है, क्योंकि मौजूदा सरकार का दो साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा हो गया है। अब इकलौते मंत्री पद पर किस नेता की ताजपोशी हो, इसे लेकर हाईकमान से चर्चा के बाद कुछ फैसला संभावित है। ये विधायक मंत्री की रेस में कैबिनेट मंत्री की रेस में अर्की से विधायक संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, ज्वालाजी से संजय रत्न और पालमपुर से आशीष बुटेल चर्चा में है। अब मंत्री बनाते वक्त क्षेत्रीय व जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा। संजय अवस्थी शिमला संसदीय क्षेत्र से संबंध रखते हैं। यहां से पहले ही 5 मंत्री सुक्खू कैबिनेट में है। इससे उनकी दावेदारी कमजोर पड़ जाती है। मंडी संसदीय क्षेत्र से कैबिनेट में अभी इकलौते जगत सिंह नेगी शामिल है। हालांकि नेगी ट्राइबल कोटे से मंत्री हैं। ऐसे में सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को मंत्री पद दिया गया तो संजय रत्न और आशीष बुटेल को भी मंत्री पद मिल सकता है। हर सरकार में तीन मंत्री वाले कांगड़ा जिला से अभी दो मंत्री है। ऐसे में उनके स्थान पर किसी अन्य को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मुकेश और विक्रमादित्य भी दिल्ली जा रहे हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी आज दिल्ली जा रहे है। मुकेश अग्निहोत्री अगले कल राजस्थान में एक वर्कशॉप में शामिल होंगे।

दिल्ली में सुक्खू की यात्रा का महत्व
प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू आज दिल्ली जाने का निर्णय लिया है। उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन करना है, जिसमें कैबिनेट विस्तार के संभावित पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा कई अर्थों में महत्वपूर्ण रहने वाली है, खासकर पिछले कुछ समय से चल रही सियासी हलचलों के बीच।
कैबिनेट विस्तार पर चर्चा
सुक्खू के दिल्ली जाने का दूसरा प्रमुख कारण कैबिनेट में संभावित विस्तार है। उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि पार्टी में कुछ परिवर्तन लाना अनिवार्य हो चुका है। पार्टी के भीतर कई नेताओं की जगह परिवर्तन की उम्मीद है, जिससे नए चेहरों को समाहित करने की संभावना बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या मुख्यमंत्री अपने दिल्ली दौरे के दौरान इस पर कोई ठोस निर्णय लेते हैं।
केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात
इसके अलावा, सुक्खू अगले दो दिनों में केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के दौरान वह कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें राज्य की विकास योजनाओं और केंद्र से मिलने वाली मदद की संभावनाएँ शामिल हैं। यह मुलाकातें महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती हैं, खासकर उन योजनाओं के संदर्भ में जो राज्य के लिए लाभदायक हों।
राजनीतिक हलचल और उसके प्रभाव
इस सियासी हलचल का प्रभाव न केवल राज्य की राजनीति पर पड़ेगा, बल्कि इससे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी जुड़े निर्णयों में बदलाव आ सकता है। पूरे घटनाक्रम पर नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि राज्य में सुक्खू की यह यात्रा कई मायनों में पार्टी के भविष्य का निर्धारण कर सकती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, सुक्खू की इस यात्रा से राज्य के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई नई संभावनाएँ खुल सकती हैं। यदि कैबिनेट विस्तार होता है, तो इससे पार्टी की दिशा और गति दोनों में बदलाव आ सकता है। आने वाले समय में इन सभी बातों पर एक बार फिर से नजर डालनी पड़ेगी। Keywords: सुक्खू दिल्ली यात्रा, सियासी हलचल, कैबिनेट विस्तार चर्चा, केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात, राजनीतिक स्थिति, पार्टी परिवर्तन, राज्य विकास योजनाएं, राजनीतिक विश्लेषण.
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