हिमाचल का बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित होगा:युवाओं को 25 हजार नौकरी, एक लाख का बढ़ेगा मानदेय,कर्मचारी-पेंशनर को 'बिग गिफ्ट' के कम आसार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर वित्त मंत्री आज सुबह 11 बजे अपना व मौजूदा सरकार का तीसरा बजट पेश करेंगे। हर वर्ग की मुख्यमंत्री सुक्खू के पिटारे पर नजर है। मगर, गंभीर आर्थिक संकट की वजह से इस बार के बजट में ज्यादा लोक लुभावन वादे और बड़ी घोषणाओं की कम उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि इस बार का बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस रहने वाला है। मुख्यमंत्री काफी बार कह चुके हैं कि वह गांव की जनता की जेब में पैसा डालना चाहते हैं, क्योंकि हिमाचल गांव में बसता है। 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। लिहाजा इस बार किसानों, बागवानों और पशुपालकों के लिए CM के पिटारे से कुछ ऐलान हो सकते हैं। कृषि-बागवानी के लिए नई योजनाओं का ऐलान करेंगे CM सरकारी उपक्रम मिल्कफेड के माध्यम से की जाने वाली गाय व भैंस के दूध के समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ौतरी होगी। कृषि व बागवानी क्षेत्र के लिए सीएम सुक्खू नई योजनाएं अनाउस करेंगे। बागवानी के लिए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बागवानी विकास परियोजना-2 का CM ऐलान कर सकते हैं। सेब और विभिन्न उपज पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की सीएम घोषणा कर सकते हैं। डॉक्टर-नर्स भर्ती पर बड़ा ऐलान संभव प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर, नर्स के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती को लेकर बजट में बड़ी घोषणाएं देखने को मिलेगी। प्रदेश में सृजित पदों के लिहाज से डॉक्टरों के लगभग सभी पद भरे हुए है। मगर इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के हिसाब से डॉक्टरों की कमी है। राज्य में इस वक्त 600 से ज्यादा डॉक्टर और 5000 से ज्यादा नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है। खासकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की काफी ज्यादा कमी है। इन्हें लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू आज बजट में बड़े ऐलान करेंगे। हिम केयर योजना में होंगे बदलाव मुफ्त इलाज की हिम केयर योजना में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। सरकारी नौकरी और टैक्स पेयर को हिम केयर कार्ड के दायरे से बाहर किया जा सकता है। प्राइवेट अस्पतालों में भी हिम केयर की सुविधा बंद हो सकती है। इसका फायदा उठाने के लिए कार्ड रिन्यू करने को हर साल प्रीमियम भरना अनिवार्य हो सकता है। अभी तीन साल में एक बार प्रीमियम भरने का प्रावधान है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों में एक्सरे, सीटी स्कैन, MRI और दूसरे उपकरणों की खरीद को लेकर बड़े ऐलान होंगे। 10 डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की घोषणा हिमाचल में इस बार के बजट में सीएम सुक्खू 10 विधानसभा क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की घोषणा कर सकते हैं। 10वीं और 12वीं कक्षा के 500 टॉपर स्टूडेंट को लेपटॉप देने का सीएम बजट में ऐलान कर सकते हैं। इसी तरह टॉपर स्टूडेंट को मुफ्त में सिंगापुर विजिट पर ले जाने की घोषणा भी हो सकती है। प्रदेश में पहली से 12वीं कक्षा तक एक ही शिक्षा निदेशालय के गठन का आज ऐलान हो सकता है। अभी प्रदेश में एलिमेंटरी और उच्च शिक्षा निदेशालय है। 25 हजार नौकरी को लेकर बड़ा ऐलान मुख्यमंत्री सुक्खू आज विभिन्न विभागों में भर्तियों को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकारी क्षेत्र में इस बार CM 25 हजार से ज्यादा पद भरने की इस बजट में घोषणा करेंगे, क्योंकि बीते दो बार के बजट में रोजगार देने की घोषणाओं के बावजूद सरकारी क्षेत्र में बहुत कम लोगों को रोजगार मिल पाया है, क्योंकि स्टाफ सिलेक्शन कमिशन लंबे समय तक भंग रहा। अब राज्य चयन आयोग गठित कर दिया गया है। इसके माध्यम से भर्तियों शुरू की जा सकती है। ग्रीन हिमाचल के लिए बड़ी घोषणाएं ग्रीन-हिमाचल बनाने के लिए सीएम इस बार के बजट में बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर सब्सिडी, सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए सब्सिडी इत्यादि का सीएम ऐलान कर सकते हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाएगी सरकार प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारक हैं। लोगों को वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन में 850 से लेकर 1600 रुपए तक पेंशन मिलती है। सभी श्रेणियों की पेंशन में इजाफा होगा। इसी तरह सरकारी विभागों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, मिड-डे मील वर्कर, वाटर कैरियर, पंप ऑपरेटर, दैनिक वेतन भोगी, पंचायत चौकीदार, मल्टी टॉस्क वर्कर, पंचायत राज और स्थानीय शहरी निकाय आदि के जन प्रतिनिधियों का मानदेय भी बढ़ेगा। इनका आंकड़ा एक लाख से ज्यादा है। सवा दो लाख कर्मचारियों और डेढ़ लाख पेंशनर को उम्मीदें राज्य के सवा दो लाख कर्मचारी और डेढ़ लाख पेंशनर भी महंगाई भत्ते और 2016 से लंबित नए वेतनमान के एरियर की घोषणा के इंतजार में है। इनका लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का सरकार ने भुगतान करना है। वेतनमान के एरियर की अभी कोई संभावना नहीं है। मगर महंगाई भत्ते को लेकर सीएम घोषणा कर सकते है। बजट का आकार 60 हजार करोड़ के आसपास रहेगा हिमाचल के बजट का आकार इस बार 60 हजार करोड़ के आसपास रहने के आसार है। इसमें ज्यादा बढ़ौतरी होने की संभावना नहीं है क्योंकि केंद्रीय मदद में इस बार भारी कटौती होने वाली है। बीते साल मुख्यमंत्री सुक्खू ने 58444 करोड़ का बजट पेश किया था। बीते 11 मार्च को विधानसभा में 17 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी पारित किया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में प्रदेश को केंद्र से 10 हजार 249 करोड़ रुपए रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (RDG) मिली थी। अगले वित्त वर्ष 2025-26 में यह घटकर 3257 करोड़ रह जाएगी। कुछ अन्य योजनाओं में भी कटौती के साथ साथ राज्य की लोन लेने की सीमा भी 5 प्रतिशत से कम करके 3.5 प्रतिशत कर दी गई है। हिमाचल पर एक लाख पार कर्ज राज्य पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए पार हो गया है। आलम यह है कि पुराना कर्ज चुकाने के लिए भी नया ऋण लेना पड़ रहा है। इसलिए अबकी बार बजट में मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के बजाय अर्थव्यवस्था में सुधारात्मक कदम हो सकते हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कई बार कड़े फैसले लेने के संकेत भी दे चुके हैं। सुधारात्मक कदम में य

हिमाचल प्रदेश का फोकस
हिमाचल प्रदेश का आगामी बजट इस बार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि युवा पीढ़ी को 25 हजार नई नौकरियों का सृजन किया जाएगा। यह कदम न केवल विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
मानदेय में वृद्धि
साथ ही, सरकार ने पेंशनर्स और कर्मचारियों के मानदेय में एक लाख रुपये की बढ़ोतरी की योजना बनाई है। यह वृद्धि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवनस्तर को सुधारने में मदद करेगी। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्मचारियों और पेंशनरों को 'बिग गिफ्ट' के कम आसार नज़र आ रहे हैं। यह स्थिति कई लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि बजट में मिले बोनस या अन्य सामग्री से अपेक्षाएं उभरी हैं।
उद्योग और कृषि विकास
बजट का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को जानदार बनाना है। इसके तहत कृषि, बागबानी, और सहकारी समितियों के विकास की योजनाएँ शामिल होंगी। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए विशेष पैकेज भी रखा जाएगा जिससे स्थानीय उद्योगों को बल मिलेगा।
आगे की चुनौतियाँ
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार अपने निर्णयों में जल्दी बदलाव नहीं करती है, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रयासों पर दाग लग सकता है। इस दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
समापन
सार्वजनिक उम्मीदें बहुत अधिक हैं, और आगामी बजट में सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णय न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति पर भी असर डालेंगे। Keywords: हिमाचल प्रदेश बजट 2023, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, युवा रोजगार, कर्मचारियों का मानदेय, पेंशनर्स, कृषि विकास योजना, उद्योगों का विकास, सरकारी नौकरियां, हिमाचल नौकरी समाचार, बजट 2023 अपडेट्स. For more updates, visit indiatwoday.com.
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