1.20 लाख लोगों से ठगी करने वाले दबोचे गए:विदेश में बड़े पैकेज की नौकरी का झांसा दे करते थे घटना, दक्षिण और नार्थ ईस्ट स्टेट के लोगों को ज्यादा बनाया शिकार
कानपुर क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने विदेश में नौकरी दिलाने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो युवतियां भी शामिल है। आरोपियों ने 1.20 लाख लोगों से ठगी की है। साथ ही आरोपियों के पास से साइबर सेल को चार खातों की जानकारी मिली है जिसमें पांच करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन का पता चला है। इस गिरोह के 15 और शातिर अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। गुडवर्क करने वाली टीम को डीसीपी क्राइम ने 20 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है। डीसीपी के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि गिरोह सन 2015 से साइबर ठगी की घटना में शामिल है और अब तक देशभर में 1.20 लाख लोगों से ठगी को अंजाम दे चुका है। डीसीपी ने बताया कि पंजाब के एक युवक विकास से 26800 रुपए की ठगी को अंजाम देने के बाद साइबर थाना कानपुर में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद इस मामले में एसआई साइबर सेल पुनीत तोमर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसकी मॉनिटरिंग खुद एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा कर रही थी। पुलिस ने मामले में जांच कर खुलासा कर दिया। कैसे करते थे ठगी डीसीपी क्राइम के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो ELITE GLOBAL CAREERS व OVERSEAS CONSULTANCY नाम की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करते हैं। फर्जी केवाईसी के जरिए आरोपी सिम कार्ड प्राप्त करते थे और उसी का इस्तेमाल लोगों को फोन करने के लिए किया जाता था। नौकरी. कॉम में करा लेते थे रजिस्टर्ड डीसीपी ने बताया कि जो फर्जी आईडी पर मोबाइल नम्बर लिया जाता था उसी नम्बर को आरोपी नौकरी.कॉम वेबसाइट पर पंजीकृत करा लेते थे। जो लोग अधिक वेतन की चाह में विदेश जाकर नौकरी करना चाहते है ऐसे लोगो का विवरण नौकरी.कॉम से प्राप्त कर इन लोगो को कानपुर में नियुक्त अपने टेलीकॉलर से कॉल कराकर ऑनलाइन इंटरव्यू दिलाकर इन लोगों से म्यूल बैंक खातों में पैसा ले लेते है। कुछ समय बाद इन मोबाइल नम्बर का प्रयोग बंद कर देते है। आरोपियों ने एक साल पहले 2.47 लाख रुपए में एक साल के लिए नौकरी.कॉम वेबसाइट का पैकेज ले रखा था। नौकरी.कॉम से ही निकालते थे डाटा डीसीपी ने बताया कि आरोपी नौकरी.कॉम से ही उन लोगों का डाटा निकाल लेते थे जो विदेशों में नौकरी के लिए अपना रिज्यूम अपलोड करते थे। इन्हीं लोगों के नम्बर निकालकर आरोपी उन्हें फोन करते थे और उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। zoiper सॉफ्टवेयर कर इस्तेमाल कर करते थे कॉल डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) का इस्तेमाल zoiper5 call software की मदद से करते थे। इसके जरिए विभिन्न विदेशी कम्पनियों के आधिकारिक मोबाइल नम्बर का प्रयोग VOIP call से करके सम्पर्क करते थे। जिससे लोगों को विश्वास हो जाए कि उन लोगों का इंटरव्यू विभिन्न विदेशी कम्पनियों के माध्यम से हो रहे है। इसी तरह आरोपी लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार विदेशों में जॉब दिलाने का झांसा देते थे। क्या बरामद किया आरोपियों के पास से क्राइम ब्रांच ने 3 लैपटॉप, 9 स्मार्ट फोन, 14 कीपैड मोबाइल, 8 मोबाइल सिम कार्ड, 1 वाईफाई राउटर, 2 बैंक पासबुक, 7 डेबिट कार्ड और 1 कार बरामद की है। कौन हुए गिरफ्तार डीसीपी ने बताया कि घटना के मास्टरमाइंड गाजियाबाद निवासी हरिओम पाण्डेय के अलावा विशुनपुर गांव बिठूर अनुराग दीक्षित, चमनगंज निवासी अरीबा अंसारी और किदवई नगर निवासी कीर्ति गुप्ता उर्फ स्नेहा को गिरफ्तार किया गया है।

1.20 लाख लोगों से ठगी करने वाले दबोचे गए: विदेश में बड़े पैकेज की नौकरी का झांसा
हाल ही में एक बड़े ठगी के मामले में 1.20 लाख लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह को पकड़ लिया गया है। यह गिरोह विदेश में बड़ी नौकरी के पैकेज का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठता था। रिपोर्टों के अनुसार, इस गिरोह ने मुख्य रूप से दक्षिण और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया।
धोखाधड़ी की रणनीति
इस गिरोह की ठगी करने की पद्धति बेहद चालाकी से भरी हुई थी। उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर लोगों को आकर्षित किया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे उच्च-paying नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ठगी के इस जाल में फंसने वाले अधिकांश लोग उन राज्यों से हैं जहां आर्थिक अवसर सीमित हैं, जिससे उनकी हालात और खराब हो गई। दक्षिण और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के युवाओं को न सिर्फ पैसे नुकसान हुआ, बल्कि उनकी उम्मीदें भी चूर-चूर हो गईं।
पुलिस का एक्शन
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के गिरोहों पर लगातार नजर रखी जा रही है ताकि दूसरों को इस प्रकार की ठगी से बचाया जा सके। ठगी का शिकार बने लोगों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने का सुझाव दिया गया है।
कैसे पहचानें ठगी?
इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए। यदि कोई नौकरी का प्रस्ताव बहुत आकर्षक लगता है या इसमें गंभीर दस्तावेज की आवश्यकता होती है, तो सावधान रहें। हमेशा आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करें।
अंत में, अगर आप ठगी के किसी भी शिकार का हिस्सा हैं या आपको इस संबंध में कोई भी疑问 है, तो कृपया संबंधित अधिकारिक संगठनों से संपर्क करें।
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