कर्ज में डूबी बायजूस को फिर से लॉन्च करेंगे रवींद्रन:कहा- टूटे नहीं हैं, मुझे अपने छात्रों की आंखों की चमक याद है; पुरानी तस्वीर शेयर की
कर्ज में डूबी एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रविंद्रन ने कहा है कि वे जल्द ही कंपनी को रिलॉन्च करेंगे। रविंद्रन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में अपनी पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'टूटे थे, टूटे नहीं हैं। हम फिर से उठेंगे। एक समय बायजूस देश का सबसे बड़ा एडटेक स्टार्टअप था। 2022 तक इसकी वैल्यू 22 बिलियन डॉलर यानी, करीब 1.88 लाख करोड़ रुपए थी। लेकिन फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट और अन्य समस्याओं के कारण 2024 में कंपनी की नेटवर्थ जीरो हो गई। बायजू ने 3 बड़ी बातें कहीं... मिस-मैनेजमेंट ने बायजूस को डुबोया चढ़ने की कहानी 2011 में रवींद्रन ने बायजूस की शुरुआत एक छोटे एजुकेशन प्लेटफॉर्म के रूप में की। यह कोचिंग क्लासेस से शुरू हुआ, लेकिन 2015 में ऐप लॉन्च के साथ यह तेजी से बढ़ा। बच्चों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग, आसान भाषा और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसकी खासियत बनी। 2020-21 में कोविड महामारी ने ऑनलाइन एजुकेशन की डिमांड बढ़ा दी और बायजूस ने इसका पूरा फायदा उठाया। आक्रामक मार्केटिंग (शाहरुख खान जैसे ब्रांड एम्बेसडर) और अधिग्रहण (व्हाइटहैट जूनियर, आकाश जैसी कंपनियां) ने इसे 2022 तक $22 बिलियन की वैल्यूएशन तक पहुंचा दिया, जिससे यह भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बन गया। गिरावट की शुरुआत 2022 के बाद बायजूस की चमक फीकी पड़ने लगी। आक्रामक विस्तार और अधिग्रहण के लिए लिया गया भारी कर्ज कंपनी पर बोझ बन गया। फाइनेंशियल रिपोर्ट्स में देरी हुई और 2021-22 में ₹8,245 करोड़ का घाटा सामने आया। निवेशकों ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए। कंपनी पर आक्रामक सेल्स टैक्टिक्स और रिफंड न देने के आरोप लगे, जिससे ग्राहकों का भरोसा टूटा। ढलान की ओर 2023 तक हालात बिगड़ गए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने FEMA उल्लंघन की जांच शुरू की। बोर्ड मेंबर और ऑडिटर डेलॉइट ने इस्तीफा दे दिया। अमेरिकी कर्जदाताओं ने दिवालियापन की मांग की। कर्मचारी निकाले गए। बायजूस की वैल्यूएशन तेजी से गिरी। अंत की ओर 2024 तक बायजूस की वैल्यूएशन शून्य हो गई। कानूनी लड़ाइयां, कर्ज का पहाड़ और संचालन में अस्थिरता ने इसे डुबो दिया। अभी इसपर दिवालियेपन की कार्रवाई चल रही है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... बायजूस और BCCI के बीच समझौता नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT का आदेश पलटा, इससे बायजूस पर दिवालिया कार्रवाई शुरू हो सकती है सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें एड-टेक फर्म बायजूस और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच 158 करोड़ रुपए के समझौते को मंजूरी दी गई थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... Byju's के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ जीरो हुई:एक साल पहले 17,545 करोड़ रुपए थी, फोर्ब्स ने बिलेनियर लिस्ट से बाहर किया वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ शून्य हो गई है। एक साल पहले यानी 4 अप्रैल 2023 को उनकी नेटवर्थ 2.1 बिलियन डॉलर (तब करीब ₹17,545 करोड़) थी। फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 में ये जानकारी सामने आई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
कर्ज में डूबी बायजूस को फिर से लॉन्च करेंगे रवींद्रन
बायजूस, भारतीय शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम, आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है, लेकिन इसके संस्थापक रवींद्रन ने हाल ही में एक नई योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि कंपनी को फिर से लॉन्च किया जाएगा, और वे अपने छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 'हम टूटे नहीं हैं, मुझे अपने छात्रों की आंखों की चमक याद है', रवींद्रन ने एक बयान में कहा।
रवींद्रन की नई पहल
रवींद्रन ने इस कठिन समय के दौरान अपने छात्रों और कर्मचारियों के प्रति आशा व्यक्त की। उन्होंने एक पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे अपने छात्रों के साथ नजर आ रहे हैं, यह दिखाते हुए कि वे लगातार अपने मिशन में समर्पित हैं। उनकी यह पहल आने वाले समय में बायजूस की छवि को फिर से मजबूत करने में मदद कर सकती है।
बायजूस की वित्तीय स्थिति
हालांकि बायजूस ने भारी कर्ज का सामना किया है, लेकिन रवींद्रन का मानना है कि वित्तीय स्थिरता की पुनः प्राप्ति संभव है। उन्होंने विभिन्न रणनीतियों पर विचार करने का संकेत दिया है, जिसमें निवेशकों की भागीदारी और छात्रों के लिए नई शैक्षणिक योजनाएँ शामिल हैं।
शिक्षा में बायजूस की भूमिका
बायजूस ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए लाखों छात्रों को शिक्षित करने में मदद की है। उनके द्वारा प्रदान की गई सामग्री और प्लेटफार्मों ने छात्रों को एक नई दिशा दी है। रवींद्रन की प्रेरणा और उनके पुनः प्रयास छात्रों को विश्वास दिलाते हैं कि बायजूस अपने मूल लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होगा।
इस मुश्किल घड़ी में, रवींद्रन का यह विश्वास न केवल बायजूस के लिए बल्कि सभी शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरणा है। उनके विचारशील दृष्टिकोण से यह पता चलता है कि शिक्षा सिर्फ व्यापार नहीं है, बल्कि इसे मानवता की सेवा के रूप में देखा जाना चाहिए। बायजूस के प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर समर्थन दिखाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बायजूस का भविष्य उज्जवल हो सकता है।
आगामी समय में बायजूस की नई योजनाओं और पहलों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। उनके प्रयासों से यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे वे शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को वापस हासिल कर सकते हैं।
अपने छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बायजूस एक नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए तत्पर है।
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