38वें राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों ने दिखाया दम:वेटलिफ्टिंग में चंडीगढ़ की वंशिता ने गोल्ड कब्जाया;महाराष्ट्र के वैभव ने नया रिकॉर्ड बनाया
38वें राष्ट्रीय खेल में वेटलिफ्टिंग स्पर्धाओं ने खेल प्रेमियों को रोमांचित कर दिया। जहां कई एथलीटों ने अपने दमदार प्रदर्शन से नए रिकॉर्ड बनाए ,वही पदक तालिका में अपना स्थान बनाया। महिला 81 किग्रा वर्ग में चंडीगढ़ की वंशिता वर्मा ने कुल 208 किग्रा (स्नैच–93 किग्रा, क्लीन एंड जर्क – 115 किग्रा) उठाकर स्वर्ण पदक जीता। पंजाब की मनप्रीत ने 197 किग्रा (स्नैच–85 किग्रा, क्लीन एंड जर्क–112 किग्रा) के साथ रजत पदक हासिल किया। जबकि केरल की अंजना श्रीजित 196 किग्रा उठाकर कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं। अरोक्या अलिश ने 221 किग्रा उठाकर स्वर्ण जीता महिला 87 किग्रा वर्ग में तमिलनाडु की अरोक्या अलीश ने कुल 221 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। असम की मोधुस्मृता बरुआ ने 208 किग्रा के साथ रजत और कर्नाटक की उषा ने 197 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक जीता। पुरुष 102 किग्रा वर्ग में वैभव में तोड़ा रिकॉर्ड पुरुष 102 किग्रा वर्ग में महाराष्ट्र के वैशव शाहाजी ठाकुर ने 160 किग्रा स्नैच उठाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। हालांकि सर्विसेज के जगदीश विश्वकर्मा ने कुल प्रदर्शन में बाज़ी मारते हुए स्वर्ण पदक जीता। वैशव को रजत पदक मिला,जबकि हरियाणा के हर्षित सेहरावत ने 329 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक हासिल किया। पुरुष 109 किग्रा वर्ग में हरचरण ने सोना जीता पुरुष 109 किग्रा वर्ग में राजस्थान के हरचरण सिंह ने दमदार प्रदर्शन करते हुए कुल 347 किग्रा (स्नैच–160 किग्रा, क्लीन एंड जर्क – 187 किग्रा) उठाकर स्वर्ण पदक जीता। सर्विसेज के मोहम्मद जामीर हुसैन 337 किग्रा के साथ रजत पदक विजेता बने। हरियाणा के मनीष ने क्लीन एंड जर्क में 193 किग्रा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे और कुल 331 किग्रा भार के साथ कांस्य पदक पर संतोष करना पड़ा।

38वें राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों ने दिखाया दम
38वें राष्ट्रीय खेलों में भारत के विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ियों ने अपने कुशल प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। इस खेल महोत्सव में वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में चंडीगढ़ की वंशिता ने अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए गोल्ड मेडल जीतकर सबका ध्यान खींचा। साथ ही महाराष्ट्र के वैभव ने नए रिकॉर्ड के साथ इस प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ी। यह खेल न केवल खिलाड़ियों की मेहनत को दर्शाता है, बल्कि देश में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।
वंशिता का अद्वितीय प्रदर्शन
चंडीगढ़ की वंशिता ने अपनी सक्षम वेटलिफ्टिंग तकनीक और अथक मेहनत से गोल्ड मेडल जीता। उनकी इस जीत ने उनके परिवार, दोस्त और प्रशिक्षकों को गर्वित किया। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ते हुए यह साबित किया कि कड़ी मेहनत का फल मीठा होता है। वंशिता ने कई कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन उनके समर्पण ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
वैभव का नया रिकॉर्ड
महाराष्ट्र के वैभव ने प्रतियोगिता में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए सभी को हैरान कर दिया। उनकी अभूतपूर्व ताकत और तकनीकी कौशल ने उन्हें इस रिकॉर्ड तक पहुँचाया। इस नए निदान ने न केवल वैभव को बल्कि उनके कोच और महाराष्ट्र के खिलाड़ियों को भी नई प्रेरणा दी है।
खेलों का महत्व
38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी एक बड़ा उत्सव है। यह प्रतियोगिता विभिन्न राज्यों के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देती है। साथ ही, यह खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं को साबित करने का अवसर भी देती है। ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
समापन में, यह कहना गलत नहीं होगा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों ने प्रतिभा और शक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। वंशिता और वैभव जैसे खिलाड़ियों की सफलता की कहानियाँ हर किसी को प्रेरित कर रही हैं।
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