500 रुपए के लिए डांट खाई, 80 लाख में बिके:IPL में पंजाब टीम से खेलेंगे रीवा के कुलदीप; पिता 70 रुपए में कटिंग करते हैं

रीवा से आने वाले अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाज कुलदीप सेन को IPL 2025 ऑक्शन में पंजाब की टीम ने 80 लाख रुपए में खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया है। ऑक्शन में कुलदीप की बेस प्राइस 75 लाख थी। कुलदीप के पिता रामपाल सेन रीवा में छोटा सा सैलून चलाते हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा कितने भी बड़े मुकाम पर पहुंच जाए या फिर कितना भी पैसा कमा ले, मैं अपना काम नहीं छोड़ूंगा। मेरा बेटा भले ही 80 लाख में पंजाब की टीम में शामिल हुआ हो, मैं आज भी 70 रुपए में हेयर कटिंग करता हूं और 50 रुपए में सेविंग। मैं अपनी सादगी को जीवनभर बरकरार रखना चाहता हूं। एक आम आदमी की तरह जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा- कुलदीप ने एक साल तक घर में क्रिकेट खेलने के बारे में नहीं बताया था। वो चुपचाप स्कूल से चला जाता था। जब उसका चयन जिला स्तरीय टूर्नामेंट में अंडर-19 के लिए हुआ तो उसने घर में बताया। अचानक हम सब को यह बात बताई तो हमें हैरानी हुई। उसी समय हमें उसके क्रिकेट के प्रति रुझान की जानकारी हुई। 500 रुपए मांगने पर पिता ने लगाई थी डांट रामपाल कहते हैं कि कुलदीप को रीवा से सिंगरौली खेलने के लिए जाना था। उसने मुझसे सीधे आकर बात नहीं की। उसने अपनी मां से कहा- मुझे मैच खेलने के लिए सिंगरौली जाना है, पापा से 500 रुपए दिलवा दो। मेरी बाल काटने की छोटी सी गुमटी हुआ करती थी। दिनभर में 500 रुपए की कमाई नहीं हो पाती। एक-एक रुपए का बड़ा महत्व होता था। मुझे लगा कि हम स्कूल में इसे पढ़ने के लिए भेजते हैं लेकिन ये पढ़ने की जगह खेलने में समय दे रहा है। ऊपर से अब खेल के चक्कर में पैसा भी बर्बाद होगा, जिसके बाद मैंने उसे जमकर डांटा था। बनना चाहते थे बल्लेबाज, बन गए तेज गेंदबाज कुलदीप अपने कोच एरिल एंथोनी से बल्लेबाजी सीखने के लिए गए थे लेकिन एरिल ने उन्हें सलाह दी कि तुम्हें गेंदबाजी करनी चाहिए। कोच की सलाह को मानते हुए उन्होंने गेंदबाजी शुरू की और इसमें माहिर हो गए। कोच ने बताया कि कुलदीप गरीब परिवार से आते थे। इस कारण उन्होंने फीस नहीं ली। कुलदीप सेन को चेन्नई सुपर किंग्स अपनी टीम में शामिल करने के लिए बोली लगा रही थी लेकिन उससे बड़ी बोली पंजाब किंग्स ने लगाई। इससे पहले कुलदीप ने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। 2018 में रणजी से हुई थी शुरुआत कुलदीप सेन 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करने में माहिर हैं। अपने लंबे कद और फास्ट बॉलर होने के कारण मैदान में चर्चा का विषय रहते हैं। कुलदीप ने बांग्लादेश के खिलाफ दिसंबर 2022 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था। उन्हें रीवांचल एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करने वाले कुलदीप सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1996 को रीवा जिले के ग्राम हरिहरपुर में हुआ था। उन्होंने 13 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। रीवा डिवीजन के कोच एरिल एंथोनी के मार्गदर्शन में कुलदीप ने अपनी गेंदबाजी की धार तेज की। संभागीय मैचों में शानदार प्रदर्शन करने पर नवंबर 2018 में मध्यप्रदेश की रणजी टीम में स्थान मिला था। पिता बोले- जीवन ऐसे ही बिताऊंगा कुलदीप के पिता रामपाल सेन का कहना है कि मेरा बेटा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है, लेकिन मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगता कि मैं बहुत बड़ा आदमी हो गया हूं। मैंने हमेशा गरीबी और कम संसाधनों में अपना जीवन काटा है। आज भी सादगी से जीना पसंद करता हूं। बेटा कितने भी बड़े स्तर पर पहुंच जाए लेकिन मैं अपनी दुकान बंद नहीं करने वाला। आज भी अपने हाथों से हेयर कटिंग और सेविंग करता हूं। कम दाम में ही काम करने की कोशिश करता हूं। मुझे ऐसा ही जीवन जीना पसंद है। मैंने बेटे से भी कहा है कि मैं अपने लोगों के बीच पहले की तरह ही रहने वाला हूं।

Nov 29, 2024 - 07:55
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500 रुपए के लिए डांट खाई, 80 लाख में बिके:IPL में पंजाब टीम से खेलेंगे रीवा के कुलदीप; पिता 70 रुपए में कटिंग करते हैं
रीवा से आने वाले अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाज कुलदीप सेन को IPL 2025 ऑक्शन में पंजाब की टीम ने 80 लाख रुपए में खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया है। ऑक्शन में कुलदीप की बेस प्राइस 75 लाख थी। कुलदीप के पिता रामपाल सेन रीवा में छोटा सा सैलून चलाते हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा कितने भी बड़े मुकाम पर पहुंच जाए या फिर कितना भी पैसा कमा ले, मैं अपना काम नहीं छोड़ूंगा। मेरा बेटा भले ही 80 लाख में पंजाब की टीम में शामिल हुआ हो, मैं आज भी 70 रुपए में हेयर कटिंग करता हूं और 50 रुपए में सेविंग। मैं अपनी सादगी को जीवनभर बरकरार रखना चाहता हूं। एक आम आदमी की तरह जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा- कुलदीप ने एक साल तक घर में क्रिकेट खेलने के बारे में नहीं बताया था। वो चुपचाप स्कूल से चला जाता था। जब उसका चयन जिला स्तरीय टूर्नामेंट में अंडर-19 के लिए हुआ तो उसने घर में बताया। अचानक हम सब को यह बात बताई तो हमें हैरानी हुई। उसी समय हमें उसके क्रिकेट के प्रति रुझान की जानकारी हुई। 500 रुपए मांगने पर पिता ने लगाई थी डांट रामपाल कहते हैं कि कुलदीप को रीवा से सिंगरौली खेलने के लिए जाना था। उसने मुझसे सीधे आकर बात नहीं की। उसने अपनी मां से कहा- मुझे मैच खेलने के लिए सिंगरौली जाना है, पापा से 500 रुपए दिलवा दो। मेरी बाल काटने की छोटी सी गुमटी हुआ करती थी। दिनभर में 500 रुपए की कमाई नहीं हो पाती। एक-एक रुपए का बड़ा महत्व होता था। मुझे लगा कि हम स्कूल में इसे पढ़ने के लिए भेजते हैं लेकिन ये पढ़ने की जगह खेलने में समय दे रहा है। ऊपर से अब खेल के चक्कर में पैसा भी बर्बाद होगा, जिसके बाद मैंने उसे जमकर डांटा था। बनना चाहते थे बल्लेबाज, बन गए तेज गेंदबाज कुलदीप अपने कोच एरिल एंथोनी से बल्लेबाजी सीखने के लिए गए थे लेकिन एरिल ने उन्हें सलाह दी कि तुम्हें गेंदबाजी करनी चाहिए। कोच की सलाह को मानते हुए उन्होंने गेंदबाजी शुरू की और इसमें माहिर हो गए। कोच ने बताया कि कुलदीप गरीब परिवार से आते थे। इस कारण उन्होंने फीस नहीं ली। कुलदीप सेन को चेन्नई सुपर किंग्स अपनी टीम में शामिल करने के लिए बोली लगा रही थी लेकिन उससे बड़ी बोली पंजाब किंग्स ने लगाई। इससे पहले कुलदीप ने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। 2018 में रणजी से हुई थी शुरुआत कुलदीप सेन 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करने में माहिर हैं। अपने लंबे कद और फास्ट बॉलर होने के कारण मैदान में चर्चा का विषय रहते हैं। कुलदीप ने बांग्लादेश के खिलाफ दिसंबर 2022 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था। उन्हें रीवांचल एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करने वाले कुलदीप सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1996 को रीवा जिले के ग्राम हरिहरपुर में हुआ था। उन्होंने 13 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। रीवा डिवीजन के कोच एरिल एंथोनी के मार्गदर्शन में कुलदीप ने अपनी गेंदबाजी की धार तेज की। संभागीय मैचों में शानदार प्रदर्शन करने पर नवंबर 2018 में मध्यप्रदेश की रणजी टीम में स्थान मिला था। पिता बोले- जीवन ऐसे ही बिताऊंगा कुलदीप के पिता रामपाल सेन का कहना है कि मेरा बेटा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है, लेकिन मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगता कि मैं बहुत बड़ा आदमी हो गया हूं। मैंने हमेशा गरीबी और कम संसाधनों में अपना जीवन काटा है। आज भी सादगी से जीना पसंद करता हूं। बेटा कितने भी बड़े स्तर पर पहुंच जाए लेकिन मैं अपनी दुकान बंद नहीं करने वाला। आज भी अपने हाथों से हेयर कटिंग और सेविंग करता हूं। कम दाम में ही काम करने की कोशिश करता हूं। मुझे ऐसा ही जीवन जीना पसंद है। मैंने बेटे से भी कहा है कि मैं अपने लोगों के बीच पहले की तरह ही रहने वाला हूं।

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