ADG ने कहा- CBI, IB कभी वीडियो कॉल नहीं करते:सतर्कता से बचे, डिजिटल अरेस्ट होने पर पुलिस को बताए

साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने साइबर ठगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन साइबर ठगी की शिकायतों को दर्ज किया जा रहा है। एक लाख रुपए से अधिक की ठगी होने वाले मामलों में पुलिस बेहद गंभीर है। ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज कर साइबर अपराधियों का पता लगाया जा रहा है। मेरठ जोन के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि साइबर ठगी से बचने का पहला उपाय सतर्कता और समझदारी है। अगर साइबर ठगी का शिकार हुए हैं तो पुलिस को तुरंत सूचित कर मुकदमा कराएं। पढ़िए पूरी बातचीत... सतर्कता ही साइबर ठगी से बचाव का पहला कदम एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है। पीएम मोदी भी अपने मन की बात कार्यक्रम में इसका उल्लेख कर चुके हैं। साइबर फ्रॉड से बचना ही सबसे बड़ी सावधानी है। साइबर फ्रॉड आपको डराकर, धमकाकर, प्रलोभन देकर हो रहा है। कहा कि जनता को डराने के तमाम तरीके हैं। आपको अंजान नंबर से कॉल करके, अपराध में शामिल होने की बात कहकर साइबर ठग डराते हैं, इसके बाद पैसे ऐंठते हैं। आपके किसी फैमिली मेंबर ने क्राइम कर दिया है इससे डराकर भय के माहौल में लाकर मैटर समझौता कराने के नाम पर पैसे ठगते हैं। पुलिस कभी ऑनलाइन कॉल नहीं करती एडीजी ने कहा कि कोई भी लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी चाहे पुलिस हो या सीबीआई, क्राइम ब्रांच, आईबी कभी वीडियो कॉल नहीं करती न ही नेट से कॉल करती है। लेकिन साइबर ठग हमेशा नेट कॉल या वॉट्सऐप कॉल करके डराते हैं। ट्राय से भी नंबर ब्लॉक के नाम पर कॉल करते हैं। इस तरह के कॉल को जारी न रखें न ही उनको अपनी निजी जानकारियां साझा करें। अपने आपको सतर्क रखें और सावधान रहें। 1930 पर करें शिकायत अगर किसी तरह से आप ठगी का शिकार होते हैं तो 1930 पर कॉल करें या पुलिस को बताएं। कहा कि साइबर फ्रॉड की जो शिकायतें आ रही हैं वो 1930 एनसीआरपी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर आ रही है। इसमें एक लाख रुपयों से अधिक के साइबर फ्रॉड की शिकायतों के मुकदमे दर्ज कर हम लोग उसमें अपराधियों की पहचान कर उन पर एक्शन कर रहे हैं। ऐसे मोबाइल नंबरों, एटीएम पर पुलिस की नजर थानों पर भी जो साइबर फ्रॉड के मामले आ रहे हैं उनके भी मुकदमे लिखकर अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। एनसीआरपी के जरिए तीन स्तर पर काम हो रहा लगातार यूज होने वाले नंबर और जिन एटीएम से लगातार धनराशि निकाली जा रही है, जिन बैंक अकाउंट्स में वो राशि जा रही है जिन नंबरों को लगातार यूज किया जा रहा है उनको ट्रेस कर लगातार एक्शन लिया जा रहा है। ऐसे नंबरों को बंद कर रहे हैं और ऐसे खातों को भी सीज किया जा रहा है ये खबर भी पढिए... मेरठ पुलिस की वसूली से खाकी पर दाग:ADG बोले- पुलिसवाले भक्षक नहीं रक्षक बनें, कोई रिश्वत मांगे तो हमें बताएं

Nov 23, 2024 - 05:20
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ADG ने कहा- CBI, IB कभी वीडियो कॉल नहीं करते:सतर्कता से बचे, डिजिटल अरेस्ट होने पर पुलिस को बताए
साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने साइबर ठगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन साइबर ठगी की शिकायतों को दर्ज किया जा रहा है। एक लाख रुपए से अधिक की ठगी होने वाले मामलों में पुलिस बेहद गंभीर है। ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज कर साइबर अपराधियों का पता लगाया जा रहा है। मेरठ जोन के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि साइबर ठगी से बचने का पहला उपाय सतर्कता और समझदारी है। अगर साइबर ठगी का शिकार हुए हैं तो पुलिस को तुरंत सूचित कर मुकदमा कराएं। पढ़िए पूरी बातचीत... सतर्कता ही साइबर ठगी से बचाव का पहला कदम एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है। पीएम मोदी भी अपने मन की बात कार्यक्रम में इसका उल्लेख कर चुके हैं। साइबर फ्रॉड से बचना ही सबसे बड़ी सावधानी है। साइबर फ्रॉड आपको डराकर, धमकाकर, प्रलोभन देकर हो रहा है। कहा कि जनता को डराने के तमाम तरीके हैं। आपको अंजान नंबर से कॉल करके, अपराध में शामिल होने की बात कहकर साइबर ठग डराते हैं, इसके बाद पैसे ऐंठते हैं। आपके किसी फैमिली मेंबर ने क्राइम कर दिया है इससे डराकर भय के माहौल में लाकर मैटर समझौता कराने के नाम पर पैसे ठगते हैं। पुलिस कभी ऑनलाइन कॉल नहीं करती एडीजी ने कहा कि कोई भी लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी चाहे पुलिस हो या सीबीआई, क्राइम ब्रांच, आईबी कभी वीडियो कॉल नहीं करती न ही नेट से कॉल करती है। लेकिन साइबर ठग हमेशा नेट कॉल या वॉट्सऐप कॉल करके डराते हैं। ट्राय से भी नंबर ब्लॉक के नाम पर कॉल करते हैं। इस तरह के कॉल को जारी न रखें न ही उनको अपनी निजी जानकारियां साझा करें। अपने आपको सतर्क रखें और सावधान रहें। 1930 पर करें शिकायत अगर किसी तरह से आप ठगी का शिकार होते हैं तो 1930 पर कॉल करें या पुलिस को बताएं। कहा कि साइबर फ्रॉड की जो शिकायतें आ रही हैं वो 1930 एनसीआरपी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर आ रही है। इसमें एक लाख रुपयों से अधिक के साइबर फ्रॉड की शिकायतों के मुकदमे दर्ज कर हम लोग उसमें अपराधियों की पहचान कर उन पर एक्शन कर रहे हैं। ऐसे मोबाइल नंबरों, एटीएम पर पुलिस की नजर थानों पर भी जो साइबर फ्रॉड के मामले आ रहे हैं उनके भी मुकदमे लिखकर अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। एनसीआरपी के जरिए तीन स्तर पर काम हो रहा लगातार यूज होने वाले नंबर और जिन एटीएम से लगातार धनराशि निकाली जा रही है, जिन बैंक अकाउंट्स में वो राशि जा रही है जिन नंबरों को लगातार यूज किया जा रहा है उनको ट्रेस कर लगातार एक्शन लिया जा रहा है। ऐसे नंबरों को बंद कर रहे हैं और ऐसे खातों को भी सीज किया जा रहा है ये खबर भी पढिए... मेरठ पुलिस की वसूली से खाकी पर दाग:ADG बोले- पुलिसवाले भक्षक नहीं रक्षक बनें, कोई रिश्वत मांगे तो हमें बताएं

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