मौलानाओं ने BJP को डराया, सीसामऊ उपचुनाव पर अल्पसंख्यक मोर्चा की चुनौती - भाजपा नेता ने बताया बड़ा खुलासा | Indiatwoday

यूपी में सीसामऊ उपविधानसभा चुनाव में BJP और सपा की सीधी टक्कर मानी जा रही है। सपा ने नसीम सोलंकी पर दांव खेला, BJP ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया है। क्या BJP सीसामऊ में मुस्लिम चेहरे को सियासी मैदान में उतार सकती है। BJP के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री अनस उस्मानी से दैनिक भास्कर ने बात की। वह कहते हैं - यह सब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करता है कि प्रत्याशी कौन होगा। मगर मुस्लिम समाज के डेवलपमेंट के लिए अगर कोई मजबूत चेहरा उतारा जाता है, तो यह रिजल्ट जरूर बेहतर हो सकते हैं। मुस्लिम BJP का साथ देकर अपनी लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे, मुख्य धारा से सीधे जुड़ेंगे। मगर विरोधी दलों ने मुस्लिम समाज के अंदर BJP का डर पैदा करके वोट हासिल करने का काम हमेशा किया है। हम लोग लगातार मुस्लिम समाज के लोगों से संपर्क में रहते हैं। उन तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाते हैं। पढ़िए पूरी बातचीत... सवाल : मुस्लिम समाज BJP को वोट क्यों करेगा? अनस उस्मानी : मुस्लिम समाज को अगर राजनीतिक हिस्सेदारी बनानी है, तो उन्हें आगे आकर बीजेपी के कैंडिडेट को वोट भी करना होगा। इससे उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी बढ़ेगी और पार्टी में पद और प्रतिष्ठा के साथ समाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है। सबका साथ सबका विकास के नारे के मुताबिक मुस्लिम समाज तक हर सरकारी लाभ पहुंचाया हैं। इसलिए मुस्लिम समाज को भी इस बात पर गौर करना चाहिए की सत्ता का लाभ लिया है तो वोट भी किया जाए। सवाल : तो मुस्लिम BJP को वोट करने से कतरा क्यों रहा है? अनस उस्मानी : आलिम मौलाना और उलेमा उन्हें भारतीय जनता पार्टी का डर दिखाते हैं ,जिसकी वजह से वो बीजेपी को वोट नहीं करते। सवाल : आप मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं? अनस उस्मानी : लगातार मुस्लिम समाज के बीच जाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार की योजनाओं को और उन्हें मिलने वाले लाभ को बताया जाता है। लेकिन चुनाव के आखिर में विरोधी दल उनमें बीजेपी का डर दिखाकर उनसे वोट हासिल करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता तनवीर हैदर उस्मानी भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे पार्टी ने उन्हें पद प्रतिष्ठा के साथ सम्मान दिया। उन्हें एमएलसी बनाया अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और सरकार में मंत्री भी बनाया। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ और सबके विकास के साथ आगे बढ़ने का काम कर रही है। अब पढ़िए कि सीसामऊ सीट के लोग क्या कहते हैं... BJP बताए कि कितने मुस्लिमों को टिकट दिया बेकनगंज में कारोबार करने वाले अकील अली ने कहा - इस विधानसभा सीट पर सेक्युलर पार्टी और सेकुलर कैंडिडेट की जीत होगी। प्रत्याशी कोई हो लेकिन उसका जहन सेक्युलर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बात हिंदू और मुसलमान प्रत्याशी की नहीं है। क्योंकि इसी सीट पर कांग्रेस के संजीव दरियाबादी भी विधायक रह चुके हैं, जिन्हें मुसलमान ने ही वोट देकर जिताया था। रही बात बीजेपी के मुस्लिम कैंडिडेट के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी से पूछिए कि कितने मुसलमान को टिकट दिया है, तो उन्हें मुसलमान वोट कैसे करें ऐसा कैसे हो सकता है की पार्टी मुसलमान के खिलाफ एजेंडा चलाएं और मुसलमान बीजेपी कैंडिडेट को ढूंढ कर वोट करें । सेकुलर कैंडिडेट को लोग करेंगे पसंद मुस्लिम सामाजिक संस्था चलाने वाले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के पदाधिकारी हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा की सीसामऊ में विधानसभा सीट का ज्यादातर हिस्सा पहले आर्य नगर विधानसभा सीट में होता था, तब यहां यही मुस्लिम वोटर भारतीय जनता पार्टी के सलिल बिश्नोई को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करते थे। इसी सीसामऊ विधानसभा सीट से संजीव दरयाबादी कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे, इन्हीं क्षेत्रों में परिसीमन के दौरान हाफिज उमर, महेश वाल्मीकि, सलिल बिश्नोई, संजीव दरयाबादी अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़े और यहां से विधायक हुए। इसलिए सपा ,बसपा, कांग्रेस पार्टी कोई भी हो सेक्युलर कैंडिडेट को ज्यादा तवज्जो देगा। बीजेपी के मुस्लिम कैंडिडेट के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां हिंदू मुस्लिम कैंडिडेट का कोई मतलब नहीं बनता कैंडिडेट सेक्युलर हो तो ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने कहा जिस तरह से अखिलेश यादव और योगी दोनों ही हिंदू हैं, लेकिन एक हिंदू, मुस्लिम बौद्ध, सिख, ईसाई सबको साथ लेकर चलना चाहता है, तो कोई सनातनी तहजीब का सबको गुलाम बना देना चाहता है। कैंडिडेट के आइडियोलॉजी पर होगी वोटिंग बेकनगंज के ही रहने वाले इमरान ने कहा- पार्टी की आईडियोलॉजी बहुत महत्व रखती है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी मुस्लिम कैंडिडेट उतरे तो वह जीत जाए। लेकिन हां कैंडिडेट हिंदू हो या मुस्लिम उसकी पहचान और आईडियोलॉजी बेहतर होगी, तो पार्टी कोई भी हो वोटर उसे पसंद करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इसमें बीजेपी की तरफ से अजय कपूर का नाम सामने आ रहा है, जैसा कि माना जाता है कि कि मुसलमानों में उनकी लोकप्रियता है, अगर भाजपा उन्हें टिकट देगी तो वह जीत सकते हैं। इसी तरह से आर्यनगर विधानसभा सीट इसका उदाहरण है, जहां अमिताभ बाजपेई दो बार से विधायक है, जबकि वहां भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है।

Oct 20, 2024 - 14:15
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मौलानाओं ने BJP को डराया, सीसामऊ उपचुनाव पर अल्पसंख्यक मोर्चा की चुनौती - भाजपा नेता ने बताया बड़ा खुलासा | Indiatwoday
यूपी में सीसामऊ उपविधानसभा चुनाव में BJP और सपा की सीधी टक्कर मानी जा रही है। सपा ने नसीम सोलंकी पर दांव खेला, BJP ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया है। क्या BJP सीसामऊ में मुस्लिम चेहरे को सियासी मैदान में उतार सकती है। BJP के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री अनस उस्मानी से दैनिक भास्कर ने बात की। वह कहते हैं - यह सब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करता है कि प्रत्याशी कौन होगा। मगर मुस्लिम समाज के डेवलपमेंट के लिए अगर कोई मजबूत चेहरा उतारा जाता है, तो यह रिजल्ट जरूर बेहतर हो सकते हैं। मुस्लिम BJP का साथ देकर अपनी लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे, मुख्य धारा से सीधे जुड़ेंगे। मगर विरोधी दलों ने मुस्लिम समाज के अंदर BJP का डर पैदा करके वोट हासिल करने का काम हमेशा किया है। हम लोग लगातार मुस्लिम समाज के लोगों से संपर्क में रहते हैं। उन तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाते हैं। पढ़िए पूरी बातचीत... सवाल : मुस्लिम समाज BJP को वोट क्यों करेगा? अनस उस्मानी : मुस्लिम समाज को अगर राजनीतिक हिस्सेदारी बनानी है, तो उन्हें आगे आकर बीजेपी के कैंडिडेट को वोट भी करना होगा। इससे उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी बढ़ेगी और पार्टी में पद और प्रतिष्ठा के साथ समाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है। सबका साथ सबका विकास के नारे के मुताबिक मुस्लिम समाज तक हर सरकारी लाभ पहुंचाया हैं। इसलिए मुस्लिम समाज को भी इस बात पर गौर करना चाहिए की सत्ता का लाभ लिया है तो वोट भी किया जाए। सवाल : तो मुस्लिम BJP को वोट करने से कतरा क्यों रहा है? अनस उस्मानी : आलिम मौलाना और उलेमा उन्हें भारतीय जनता पार्टी का डर दिखाते हैं ,जिसकी वजह से वो बीजेपी को वोट नहीं करते। सवाल : आप मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं? अनस उस्मानी : लगातार मुस्लिम समाज के बीच जाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार की योजनाओं को और उन्हें मिलने वाले लाभ को बताया जाता है। लेकिन चुनाव के आखिर में विरोधी दल उनमें बीजेपी का डर दिखाकर उनसे वोट हासिल करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता तनवीर हैदर उस्मानी भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे पार्टी ने उन्हें पद प्रतिष्ठा के साथ सम्मान दिया। उन्हें एमएलसी बनाया अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और सरकार में मंत्री भी बनाया। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ और सबके विकास के साथ आगे बढ़ने का काम कर रही है। अब पढ़िए कि सीसामऊ सीट के लोग क्या कहते हैं... BJP बताए कि कितने मुस्लिमों को टिकट दिया बेकनगंज में कारोबार करने वाले अकील अली ने कहा - इस विधानसभा सीट पर सेक्युलर पार्टी और सेकुलर कैंडिडेट की जीत होगी। प्रत्याशी कोई हो लेकिन उसका जहन सेक्युलर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बात हिंदू और मुसलमान प्रत्याशी की नहीं है। क्योंकि इसी सीट पर कांग्रेस के संजीव दरियाबादी भी विधायक रह चुके हैं, जिन्हें मुसलमान ने ही वोट देकर जिताया था। रही बात बीजेपी के मुस्लिम कैंडिडेट के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी से पूछिए कि कितने मुसलमान को टिकट दिया है, तो उन्हें मुसलमान वोट कैसे करें ऐसा कैसे हो सकता है की पार्टी मुसलमान के खिलाफ एजेंडा चलाएं और मुसलमान बीजेपी कैंडिडेट को ढूंढ कर वोट करें । सेकुलर कैंडिडेट को लोग करेंगे पसंद मुस्लिम सामाजिक संस्था चलाने वाले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के पदाधिकारी हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा की सीसामऊ में विधानसभा सीट का ज्यादातर हिस्सा पहले आर्य नगर विधानसभा सीट में होता था, तब यहां यही मुस्लिम वोटर भारतीय जनता पार्टी के सलिल बिश्नोई को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करते थे। इसी सीसामऊ विधानसभा सीट से संजीव दरयाबादी कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे, इन्हीं क्षेत्रों में परिसीमन के दौरान हाफिज उमर, महेश वाल्मीकि, सलिल बिश्नोई, संजीव दरयाबादी अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़े और यहां से विधायक हुए। इसलिए सपा ,बसपा, कांग्रेस पार्टी कोई भी हो सेक्युलर कैंडिडेट को ज्यादा तवज्जो देगा। बीजेपी के मुस्लिम कैंडिडेट के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां हिंदू मुस्लिम कैंडिडेट का कोई मतलब नहीं बनता कैंडिडेट सेक्युलर हो तो ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने कहा जिस तरह से अखिलेश यादव और योगी दोनों ही हिंदू हैं, लेकिन एक हिंदू, मुस्लिम बौद्ध, सिख, ईसाई सबको साथ लेकर चलना चाहता है, तो कोई सनातनी तहजीब का सबको गुलाम बना देना चाहता है। कैंडिडेट के आइडियोलॉजी पर होगी वोटिंग बेकनगंज के ही रहने वाले इमरान ने कहा- पार्टी की आईडियोलॉजी बहुत महत्व रखती है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी मुस्लिम कैंडिडेट उतरे तो वह जीत जाए। लेकिन हां कैंडिडेट हिंदू हो या मुस्लिम उसकी पहचान और आईडियोलॉजी बेहतर होगी, तो पार्टी कोई भी हो वोटर उसे पसंद करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इसमें बीजेपी की तरफ से अजय कपूर का नाम सामने आ रहा है, जैसा कि माना जाता है कि कि मुसलमानों में उनकी लोकप्रियता है, अगर भाजपा उन्हें टिकट देगी तो वह जीत सकते हैं। इसी तरह से आर्यनगर विधानसभा सीट इसका उदाहरण है, जहां अमिताभ बाजपेई दो बार से विधायक है, जबकि वहां भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है।

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