BJP द्वारा पूर्व विधायक सुरेश राठौर का निष्कासन, दो पत्नियों के मामले और UCC पर बयान ने किया प्रभावित

देहरादून : भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। निर्णय का कारण बना राठौर का व्यक्तिगत और सार्वजनिक आचरण, जिसने पार्टी की छवि को गहरा आघात पहुंचाया। पूर्व विधायक सुरेश राठौर …

Jun 28, 2025 - 18:27
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BJP द्वारा पूर्व विधायक सुरेश राठौर का निष्कासन, दो पत्नियों के मामले और UCC पर बयान ने किया प्रभावित
देहरादून : भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी से बाहर का रास

BJP द्वारा पूर्व विधायक सुरेश राठौर का निष्कासन, दो पत्नियों के मामले और UCC पर बयान ने किया प्रभावित

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देहरादून: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ज्वालापुर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय राठौर के व्यक्तिगत और सार्वजनिक आचरण के कारण लिया गया है, जिसने पार्टी की छवि को गंभीर रूप से आघात पहुँचाया है।

विवादास्पद बयानों का जाल

हाल ही में, सुरेश राठौर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर ऐसे बयान दिए थे, जो न केवल विवादास्पद थे, बल्कि पार्टी की नीति के खिलाफ भी थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपनी पहली पत्नी और परिवार की उपस्थिति में दूसरी महिलाए से विवाह किया और उसे सार्वजनिक रूप से पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। यह मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।

सुरेश राठौर का विवादों से गहरा रिश्ता

सुरेश राठौर का नाम फिल्मों की अदाकारा उर्मिला सनावर के साथ भी विवादों में रहा है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई बार कानूनी कदम उठाए हैं। हाल ही में, राठौर ने उर्मिला से विवाह किया, जिससे मामला और बढ़ गया। इस विवाह के वीडियो ने पार्टी के नेतृत्व को सख्त कार्रवाई की दिशा में प्रेरित किया।

पार्टी का निर्णय और नोटिस की प्रक्रिया

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर, पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें उनके अनुशासनहीन आचरण का उल्लेख किया गया और उन्हें सात दिन में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया। नोटिस में उल्लेख किया गया कि राठौर की गतिविधियाँ पार्टी के मानकों और अनुशासन के खिलाफ जा रही थीं, जिससे भाजपा की छवि को नुकसान हुआ। संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण, पार्टी ने उन्हें छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।

भविष्य में पार्टी की दिशा

भाजपा द्वारा लिए गए इस निर्णय से पार्टी की छवि पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा। यह कदम यह दर्शाता है कि भाजपा अपने सदस्यों के आचरण को लेकर कितनी गंभीर है और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करती। ऐसे उपाय भविष्य में राजनीतिक नैतिकता की परीक्षा लेंगे और पार्टी की नीतियों में धार्मिकता बनाए रखने का प्रयास करेंगे। यह घटनाक्रम यह भी दिखाता है कि यदि कोई नेता पार्टी की विचारधारा का उल्लंघन करता है, तो उसे किसी भी स्थिति में बक्शा नहीं जाएगा।

इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि भाजपा अपने सदस्यों के व्यक्तिगत जीवन में अनुशासन और नीतियों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में पार्टी इस मामले में क्या कदम उठाएगी।

इस तरह की घटनाएँ राजनीतिक परिदृश्य में क्या बदलाव ला सकती हैं, इस पर एक विस्तृत विश्लेषण की आवश्यकता होगी। इसलिए सभी राजनीतिक गतिविधियों पर नजर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

कम शब्दों में कहें तो, भाजपा ने सुरेश राठौर पर कार्रवाई कर यह साबित कर दिया है कि पार्टी अनुशासन और नैतिकता के प्रति कितनी गंभीर है।

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सादर,
टीम इंडिया टुडे - साक्षी शर्मा

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