भाजपा सरकार पर करन माहरा का आरोप: लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल द्वारा प्रमुख विपक्षी दल को समय न देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं की सीधी अवहेलना है। राजीव भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में माहरा …

भाजपा सरकार पर करन माहरा का आरोप: लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है
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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल द्वारा प्रमुख विपक्षी दल को समय न देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास लोकतांत्रिक परंपराओं की सीधी अवहेलना है।
राज्यपाल की अनुपस्थिति पर उठाए सवाल
राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में करन माहरा ने कहा कि भाजपा पंचायत चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, जो कि राजनीतिक स्थिरता के लिए खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त उच्च न्यायालय के आदेशों की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं। इसके चलते कांग्रेस ने बार-बार राज्यपाल से मुलाकात कर निर्वाचन आयुक्त की बर्खास्तगी की मांग की, परंतु राज्यपाल ने अभी तक इस पर कोई उत्तर नहीं दिया। माहरा ने कहा, “यह राज्य के लोकतंत्र की अवहेलना और विपक्ष के प्रति अनादर की भावना को दर्शाता है।”
कांवड़ यात्रा पर उठाए काँटे
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर कांवड़ यात्रा को एक राजनीतिक दिखावा बनाने का भी आरोप लगाया। “मुख्यमंत्री और मंत्री एक ओर फूल बरसा रहे हैं, तो वहीं कुछ कांवड़िए महिलाओं का उत्पीड़न कर रहे हैं और वाहनों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। ऐसे में जो ईमानदार पुलिसकर्मी कार्रवाई करना चाहते हैं, उन्हें रोकने का प्रयास किया जा रहा है,” उन्होंने कहा। कांग्रेस इस विषय में पुलिसकर्मियों के समर्थन में खड़ी है।
राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाएँ
माहरा ने बताया कि हरियाणा नंबर की एक गाड़ी में सवार व्यक्ति ने एक गुर्जर युवक को गोली मारी, और वैभव रावत को धमकी दी गई। उन्होंने कहा कि हमलावर को भाजपा का संरक्षण प्राप्त है, और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह स्थिति केवल चिंताजनक नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी खतरा है।
बीकेटीसी अध्यक्ष पर तंज
केदारनाथ यात्रा से जुड़े हेलीकॉप्टर हादसों पर भी माहरा ने बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी करना गंभीर विषय है और यूकाडा को स्पष्ट करना चाहिए कि द्विवेदी को किस आधार पर अनुमति दी गई। उन्होंने मांग की है कि बीकेटीसी अध्यक्ष सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण दें और मुख्यमंत्री से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही।
राजनीतिक संवाद की कमी
माहरा ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राजनीतिक संवाद का अभाव लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है। राज्यपाल का लगातार विपक्ष की अनदेखी करना इस बात का संकेत है कि सत्ता पक्ष विपक्ष के विचारों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। इससे न केवल लोकतंत्र की मजबूती पर असर पड़ रहा है, बल्कि आम जनता की आवाज़ को दबाने का प्रयास भी हो रहा है।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश अध्यक्ष के सलाहकार अमरजीत सिंह, महामंत्री नवीन जोशी, देहरादून महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, एवं वरिष्ठ नेता गिरिराज किशोर हिंदवाण भी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
करन माहरा का यह बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल विपक्ष की आवाज को उठाता है, बल्कि लोकतंत्र की आवश्यकताओं को भी स्पष्ट करता है। भाजपा सरकार की इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल राजनीतिक स्थिति प्रभावित हो रही है, बल्कि यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला भी बन सकता है। इसके अलावा, विपक्ष के साथ संवाद स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन हो सके। आम जनता को भी इस बारे में जागरूक होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए।
कम शब्दों में कहें तो, राज्यपाल की अनुपस्थिति कांग्रेस की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है एवं भाजपा को अपनी कार्यशैली पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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सादर, टीम इंडिया टुडेज, शकुंतला देवी
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