मुख्यमंत्री धामी का कड़ा रुख: भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम
हल्द्वानी: आचरण नियमों के उल्लंघन पर पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार निलंबित उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार विकास को कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में की गई है, जिसके […] The post मुख्यमंत्री सख्त: भ्रष्ट अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई first appeared on Vision 2020 News.

मुख्यमंत्री धामी का कड़ा रुख: भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम
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हल्द्वानी: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाए गए कदमों ने राज्य में एक नई हलचल पैदा कर दी है। हाल ही में उन्होंने पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार को कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस फैसले से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू करने का मन बना लिया है।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
सुप्रसिद्ध पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने एक निजी फर्म के पंजीकरण और उससे जुड़े विभागीय कार्यों के बदले में ₹10 लाख की अवैध धनराशि स्वीकार की। यह राशि जुलाई 2022 में शिकायतकर्ता संजय कुमार द्वारा फर्म हर्ष इंटरप्राइजेज के खाते से फर्म कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज के खाते में ट्रांसफर की गई थी। दिलचस्प यह है कि अभियंता की पत्नी रंजु कुमारी इस फर्म की साझेदार हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर बनता है।
पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेष बगोली ने इस मामले की गहराई को देखते हुए सुजीत कुमार को विभागीय जांच के दौरान 15 दिनों का समय दिया था ताकि वह अपने बचाव में स्पष्टीकरण दे सकें। लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्होंने समयसीमा के अंदर कोई भी उत्तर नहीं दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उनकी स्थिति विभागीय कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
मुख्यमंत्री का दृढ़ नेतृत्व
मुख्यमंत्री धामी ने अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को प्रदर्शित करते हुए स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार से जुड़े किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। यह निलंबन केवल एक औपचारिक कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री के दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक भी है। उनका मानना है कि राज्य में सभी सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाना उनकी प्राथमिकता है।
यह निलंबन उत्तराखंड पेयजल निगम की अनुशासन एवं अपील विनियमावली के अंतर्गत किया गया है। निलंबन की अवधि के दौरान सुजीत कुमार को रूड़की स्थित महाप्रबंधक (प्रशिक्षण) के कार्यालय से संबद्ध किया गया है, जो यह दर्शाता है कि इस कार्रवाई का संदेश स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।
निर्णायक भूमिका और भविष्य के संकेत
इस प्रकार की कार्रवाई न केवल नागरिकों के विश्वास को मजबूत करती है, बल्कि यह एक मजबूत और स्वस्थ शासन प्रणाली की नींव भी रखती है। मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से आशा की जा रही है कि अन्य विभागों में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निलंबन राज्य सरकार की दृढ़ता और वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है कि वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त उपाय करने के लिए हमेशा तत्पर हैं।
आगे देखने वाली बात यह होगी कि क्या अन्य किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी इस कड़ी कार्रवाई से सबक लेंगे।
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Team India Twoday - राधिका शर्मा
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