अमेरिका को अपना खनिज भंडार नहीं देगा यूक्रेन:जेलेंस्की बोले- अमेरिका हमारे आधे संसाधन लेकर जंग में मदद देगा, इसकी गारंटी नहीं
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने युद्ध में दी गई मदद के बदले यूक्रेन के खनिज भंडार में हिस्सा मांगने के ऑफर को ठुकरा दिया है। यह जानकारी रविवार को अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दी। इस डील के तहत अमेरिका ने यूक्रेन के ग्रेफाइट, लिथियम और यूरेनियम समेत सारे खनिज भंडारों में 50% हिस्सेदारी की मांग रखी थी। अमेरिका का कहना था कि अब तक जो भी मदद यूक्रेन को दी गई है उसके बदले में यूक्रेन के रेअर अर्थ मटेरियल को हमसे बांटे। हालांकि इस डील में ये नहीं बताया गया था कि 50% खनिज लेने के बाद अमेरिका सैन्य और आर्थिक मदद देना जारी रखेगा या नहीं। इलेक्ट्रॉनिक्स से IT तक में रेयर अर्थ मटेरियल का इस्तेमाल रेयर अर्थ मटेरियल 17 एलिमेंट्स का एक ग्रुप है, जो कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर मिलिट्री इक्विपमेंट तक में इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग IT इंडस्ट्रीज, सौर ऊर्जा, केमिकल इंडस्ट्रीज के अलावा आधुनिक तकनीकी ऑयल रिफाइनरी में और कई अन्य इंडस्ट्रीज में होता है। US ट्रेजरी सेक्रेटरी कीव में जेलेंस्की को दिया था प्रस्ताव 12 फरवरी को अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कीव में जेलेंस्की से मुलाकात की थी। तब उन्होंने देश के आधे खनिजों की मांग की थी। यह ट्रम्प प्रशासन के किसी अधिकारी की पहली यूक्रेन यात्रा थी। एक क्लोज डोर मीटिंग में यूक्रेनी राष्ट्रपति इस डील से इनकार कर दिया था। यूक्रेन के एक अधिकारी और एनर्जी एक्सपर्ट ने रविवार को बताया कि अमेरिका न सिर्फ यूक्रेन के खनिज में हिस्सेदारी मांग रहा था, बल्कि तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों को भी हथियाना चाह रहा था। अगर ये डील फाइनल हो जाती तो यूक्रेन के संसाधनों से हुई आधी कमाई पर भी अमेरिका का हक हो जाता। इस डील को रिजेक्ट करने को लेकर जेलेस्की ने कहा- इस डील में ऐसी कोई गारंटी नहीं दी गई कि हमारे संसाधन लेकर अमेरिका हमें रूस के खिलाफ जंग में सुरक्षा मुहैया कराता रहेगा। हालांकि, एक अन्य यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि डील पूरी तरह खारिज नहीं हुई है। इस पर बातचीत जारी है। ट्रम्प ने 3 फरवरी को यूक्रेन से डील करने की बात कही थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 3 फरवरी को कहा था कि वे यूक्रेन से जंग में मदद जारी रखने के बदले रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ मृदा संसाधन) को लेकर समझौता करना चाहते हैं। ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में मीडिया से कहा था कि अमेरिका ने यूक्रेन को अपने यूरोपीय सहयोगियों के मुकाबले ज्यादा सैन्य और आर्थिक सहायता भेजी है। ट्रम्प ने कहा- हम यूक्रेन के साथ एक ऐसा समझौता करना चाहते हैं कि जिसके तहत वो अपने रेयर अर्थ मटेरियल और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की सुरक्षा करेगा। ट्रम्प ने बताया कि कि उन्हें यूक्रेनी सरकार से यह मैसेज मिला है कि वे अमेरिका को आधुनिक तकनीकी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए रेयर अर्थ मटेरियल को लेकर एक समझौता करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं रेयर अर्थ मटेरियल की सुरक्षा चाहता हूं। हम सैकड़ों अरब डॉलर लगा रहे हैं। उनके पास बहुत बढ़िया रेयर अर्थ मटेरियल है। ट्रम्प ने कहा- बेतुकी जंग को खत्म करने जा रहे हैं इससे पहले ट्रम्प ने कहा था कि यूक्रेन में संघर्ष को खत्म करने के लिए चर्चा जारी है। हम जल्द ही जंग खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा- हमने रूस और यूक्रेन के मामले में काफी प्रगति की है। हम देखेंगे कि क्या होता है। हम उस बेतुकी जंग को रोकने जा रहे हैं। जंग शुरू होने के बाद से अमेरिका यूक्रेन को करीब 63 अरब डॉलर (5.45 लाख करोड़ रुपए) की मदद दे चुका है। ट्रम्प अपने इलेक्शन कैंपेन के दौरान भी एक दिन में यूक्रेन वॉर खत्म कराने की बात कह चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसके बारे में कोई डिटेल नहीं दी थी।

अमेरिका को अपना खनिज भंडार नहीं देगा यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में अमेरिका के साथ अपने खनिज भंडार को साझा करने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमारे आधे संसाधन लेकर जंग में मदद करेगा, लेकिन इसकी कोई ठोस गारंटी नहीं है। यह बयान यूक्रेन की संकट की स्थिति को दर्शाता है, जहां युद्ध की स्थिति में बाहरी संलग्नता और संसाधनों की साझा आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
यूक्रेन के खनिज भंडार की स्थिति
यूक्रेन के पास महत्वपूर्ण खनिज बुनियादी ढांचे का एक बड़ा भंडार है, जो न केवल उसके लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। अमेरिकन सेना की तोड़फोड़ को नकारते हुए, जेलेंस्की ने यह भी बताया कि कैसे इस साझेदारी से उनके देश की संप्रभुता को खतरा हो सकता है। यह देखते हुए, यूक्रेन ने अपनी खनिज संपदा को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है।
अमेरिका और यूक्रेन के बीच संबंध
अमेरिका ने यूक्रेन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, विशेष रूप से रूस के साथ चल रहे विवाद के मद्देनजर। हालांकि, जेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को यूक्रेन के संसाधनों की आवश्यकता उसके लिए एक जटिल स्थिति तैयार करती है। उन्हें यह चिंता है कि यदि यूक्रेन अपने खनिज भंडार को साझा करता है, तो इससे उनकी वैश्विक रणनीतियों पर असर पड़ेगा।
सुरक्षा और सहयोग के मुद्दे
यूक्रेन का यह निर्णय न केवल उसकी आंतरिक सुरक्षा की भावना को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के पहलुओं पर भी प्रकाश डालता है। जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका की मदद से यूक्रेन की स्थिति मजबूत होगी, लेकिन उन्हें यह भी यकीन नहीं है कि वे क्या करेंगे। यह एक ऐसी स्थिति है जो यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और रणनीति में गहराई से प्रभावित करती है।
अंततः, जेलेंस्की का यह बयान यूक्रेन और अमेरिका के बीच के संबंधों में जटिलताओं को उजागर करता है। यूक्रेन को अपने खनिज भंडार की सुरक्षा समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ेंगे, जिससे न केवल उनकी आंतरिक सुरक्षा प्रभावित होगी, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी असर पड़ेगा।
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