अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा दावा, भारत टैरिफ घटाने को राजी:कल से 'जैसे को तैसा टैक्स' लगाएगा US; चीन, जापान, साउथ कोरिया इसके खिलाफ एकजुट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कल यानी 2 अप्रैल से दुनियाभर में जैसे को तैसा टैक्स लगाने वाले हैं। इस बीच ट्रम्प ने दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ को काफी हद तक कम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कई देश अपने टैरिफ कम कर देंगे क्योंकि उन्हें पता है कि वे अमेरिका के साथ गलत रहे हैं। यूरोपीय संघ पहले ही अपने टैरिफ 2.5% तक घटा चुका है। मुझे हाल ही में पता चला कि भारत भी अपने टैरिफ को काफी हद तक घटाने जा रहा है। दरअसल ट्रम्प ने 2 अप्रैल को मुक्ति दिवस यानी लिबरेशन डे का नाम दिया है। इसी दिन से वे भारत समेत कई अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं। वहीं, चीन, जापान और साउथ कोरिया ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। चीनी स्टेट मीडिया CCTC से जुड़े एक सोशल मीडिया अकाउंट की तरफ से किए गए पोस्ट में ये दावा किया गया है। चीन, जापान, साउथ कोरिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर सकते हैं चीन, जापान और साउथ कोरिया ने पांच साल बाद रविवार को आर्थिक चर्चा की। इस चर्चा के दौरान तय किया गया ट्रम्प की तरफ से अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा के बीच तीनों एशियाई देश आपसी ट्रेड को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा तीनों देशों के ट्रेड मिनिस्टर्स ने आपस में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी जताई है। भारत अमेरिका के ऐसे दावों को पहले खारिज कर चुका करीब तीन हफ्ते पहले भी ट्रम्प ने भारत को लेकर ऐसा ही दावा किया था। तब भारत सरकार ने इस दावे को खारिज कर दिया था। भारतीय कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने संसदीय पैनल को बताया था कि भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ में कटौती को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं दिया है। विदेश मामलों की संसदीय समिति को जानकारी देते हुए सुनील बर्थवाल ने उस वक्त साफ किया था कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अभी भी जारी है और किसी ट्रेड एग्रीमेंट को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। बर्थवाल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। किसी भी व्यापार वार्ता में भारत के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। ट्रम्प ने कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है दरअसल ट्रम्प ने 7 मार्च को कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। हालांकि भारत अब अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता है, क्योंकि हम उनके किए की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा- हमारे देश को हर किसी ने लूटा है, लेकिन अब यह बंद हो गया है। मैंने अपने पहले कार्यकाल में इसे बंद करवाया था। अब हम इसे पूरी तरह से बंद करने जा रहे हैं, क्योंकि यह बहुत गलत है। अमेरिका को आर्थिक, वित्तीय और व्यापार की नजर से दुनिया के लगभग हर देश ने लूटा है। ट्रम्प ने कहा था- एक अप्रैल से टैरिफ लगाता तो लोग अप्रैल फूल समझते ट्रम्प ने 5 मार्च को संसद के जॉइंट सेशन में रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया था। भाषण की शुरुआत अमेरिका इज बैक, यानी 'अमेरिका का दौर लौट आया है' से की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने 43 दिन में जो किया है वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा था- 2 अप्रैल से अमेरिका में ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लागू होगा। यानी वे हम पर जितना टैरिफ लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही लगाएंगे। वे हम पर जितना टैक्स लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रम्प ने हंसते हुए कहा कि मैं इसे 1 अप्रैल को लागू करना चाहता था, लेकिन फिर लोग इसे 'अप्रैल फूल' समझते। ट्रम्प ने कहा था कि उनके प्रशासन के तहत, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्रोडक्ट नहीं बनाएगी, तो उसे टैरिफ देना होगा। कुछ मामलों में, यह टैरिफ बहुत बड़ा होगा। दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका उन पर बहुत कम लगाता है। यह बहुत अन्यायपूर्ण है। दूसरे देश दशकों से हम पर टैरिफ लगाते आ रहे हैं, अब हमारी बारी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा दावा, भारत टैरिफ घटाने को राजी
News by indiatwoday.com
संक्षिप्त विवरण
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत टैरिफ घटाने को राजी हो गया है। अमेरिका की योजना इसके जवाब में 'जैसे को तैसा टैक्स' लगाने की है। इस कदम को लेकर चीन, जापान और साउथ कोरिया जैसे देश एकजुट हो गए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध
भारत और अमेरिका के बीच का व्यापार लंबे समय से महत्वपूर्ण रहा है। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रकार के कदम से उम्मीद है कि व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। अमेरिका की इस नई नीति से भारत को भी लाभ हो सकता है, बशर्ते कि टैरिफ में कटौती के परिणामस्वरूप वस्त्र और अन्य उत्पादों की कीमतें घटें।
टैक्स के प्रभाव
जैसे को तैसा टैक्स प्रणाली का उद्देश्य होगा कि अमेरिका उन देशों को जवाब दे सके, जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगा रहे हैं। इससे भारत के साथ-साथ चीन, जापान और साउथ कोरिया पर भी प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से वैश्विक व्यापार में अस्थिरता आ सकती है।
चीन, जापान, और साउथ कोरिया की एकजुटता
इस मुद्दे पर चीन, जापान, और साउथ कोरिया ने एक साथ आकर अमेरिकी नीतियों का सामना करने का निर्णय लिया है। यह एकजुटता दर्शाती है कि वैश्विक व्यापारिक नीतियों को लेकर किस तरह के बदलाव आ रहे हैं। इन देशों का मानना है कि अमेरिका का यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
अगर अमेरिका और भारत के बीच सहयोग बढ़ता है, तो यह दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। हालांकि, वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा और व्यापारिक तनाव को कम करने के लिए सभी पक्षों को एक खुली चर्चा की आवश्यकता है। व्यापारिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
निष्कर्ष
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह दावा भारत के आर्थिक विकास के लिए नया मोड़ हो सकता है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए समय लगेगा। सभी संबंधित देशों को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
संदर्भ
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: अमेरिकी राष्ट्रपति, भारत टैरिफ, जैसे को तैसा टैक्स, चीन, जापान, साउथ कोरिया, व्यापारिक संबंध, वैश्विक व्यापार, टैक्स प्रणाली, आर्थिक विकास, व्यापारिक नीतियाँ
What's Your Reaction?






