अयोध्या में 100 महिलाओं को बताया कैसे रोके एनीमिया:'फोर्टीफाइड चावल' विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी
सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के अंतर्गत “एनीमिया रोकथाम हेतु फोर्टीफाइड चावल” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में देवरिया, अयोध्या सहित आसपास की लगभग 100 महिलाएं मौजूद रहीं जिन्हें एनीमिया से रोकथाम के लिए जागरूक किया गया। विटामिन सी में रोगरोधक क्षमता होती है महिलाओं को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए दैनिक दिनचर्या एवं पौष्टिक आहार में बदलाव लाने की जरूरत है। कहा कि हमें एनीमिया को दूर करने के लिए खट्टे फलों को अपने भोजन में शामिल करना होगा। विटामिन सी में रोगरोधक क्षमता होती है जो इंसान को विभिन्न रोगों से बचाती है। महिलाओं में विटामिन सी का विशेष महत्व है। कुलपति ने कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं को अपने भोजन का विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों को जन्म से लगभग तीन वर्षों तक विटामिन व खनिज लवणयुक्त पौष्टिक भोजन मिले तो वह जीवनभर स्वस्थ रहेगा। उन्होंने भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए जैविक खेती पर भी जोर दिया। 19 करोड़ लोगों को फोर्टीफाइड चावल दिया जा रहा संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुख्य सहायक मयंक भूषण ने कहा कि विभाग द्वारा 19 करोड़ लोगों को फोर्टीफाइड चावल दिया जा रहा है। उन्होंने फोर्टीफाइड चावल से जुड़ी भ्रांतियों से भी महिलाओं को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि महिलाएं फोर्टीफाइड चावल को प्लास्टिक का चावल न समझें। कहा कि अधिकतम पौष्टिक लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए। फोर्टीफाइड चावल को हर बार प्रयोग करने के बाद साफ और बंद डिब्बे में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण के दरों में कमी लाने के लिए भारत में चावल के अलावा नमक, तेल और दूध को भी फोर्टीफाइड किया जाता है। भीमराव अंबेडकर विवि के खाद्य एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीतू सिंह अधिष्ठाता डॉ. साधना सिंह डॉ. श्वेता चौधरी व डॉ तृप्ति वर्मा समेत वि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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