आपको कैंसर है...4 से 5 दिन बची है जिंदगी:आगरा के व्यक्ति को आई खांसी को बता दिया कैंसर, पीड़ित बोला-लगा जिंदगी खत्म हो गई

मेरा पूरा परिवार हिल गया। मेरी पत्नी खाट पर पड़ गई। मुझसे ज्यादा तबीयत उसकी खराब हो गई। बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया। लगा बस, अब जिंदगी खत्म हो गई। कितना कुछ सोचा था, अब क्या होगा। बच्चों की पढ़ाई, शादी, भविष्य...डॉक्टर के उन शब्दों ने खत्म कर दिए। जैसे ही डॉक्टर ने कहा- आपको कैंसर है, मेरी सांसे थम सी गईं। यह दर्द उस व्यक्ति का, जिसे हल्की सी खांसी की शिकायत में डॉक्टर ने कैंसर बता दिया था। झूठी रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन कराने को कहा। बोला- 4-5 दिन के मेहमान हो। लेकिन व्यक्ति ने जब मुंबई और दिल्ली में जांच कराई तो कुछ नहीं निकला। 21 महीने बाद व्यक्ति की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ। आइए जानते हैं पूरी कहानी पीड़ित की जुबानी अछनेरा के रहने वाले किसान राजकुमार (48 साल) ने बताया- मुझे खांसी की शिकायत थी। मैं 17 जनवरी 2023 को एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. टीपी सिंह को उनके घर पर दिखाने गए। वहां उन्होंने देखा और दवा के साथ जांच कराने की बात कही। मैं जांच के बाद वो दोबारा दिखाने गया तो खून की उल्टी हो गई। यह बात बताने पर डॉक्टर ने फेफड़ों की जांच के लिए डॉ. मुकेश शर्मा के पास भेजा। डॉ. मुकेश शर्मा ने अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर शांति मधुवन प्लाजा में उनकी जांच की। जांच रिपोर्ट न्यू आगरा स्थिति क्लीनिकल पैथोलॉजी लैब से मिली। रिपोर्ट देखने के बाद डॉ. मुकेश शर्मा ने फेफड़ों का कैंसर बताया। कहा कि जल्दी इलाज नहीं कराया तो 4-5 दिन के मेहमान हो। राजकुमार ने बताया- कैंसर का नाम सुनकर मैं घबरा गया। सोच रहा था क्या करूं। फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मुझे सेकेंड ओपिनियन लेना है। तो मुझे पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी कैंसर एंड रिसर्च सेंटर हास्पिटल में भेज दिया गया। वहां पर डॉ. संदीप अग्रवाल ने जांच की। उसके बाद कैंसर बताया गया। फिर डॉ. मुकेश शर्मा को दिखाया तो ऑपरेशन का खर्चा 8 लाख बताया। नहीं मिला एम्स में अप्वॉइंटमेंट पीड़ित राजकुमार ने बताया- मेरे पास इलाज के लिए इतने रुपए नहीं थे। मैंने डॉक्टर से एम्स रेफर करने को कहा। AIIMS में अप्वाइंटमेंट नहीं मिला। उसके बाद 13 फरवरी 2023 को टाटा मैमोरियल कैंसर हॉस्पीटल पहुंचे। वहां 10 दिन भर्ती रहे। हर तरह की जांच हुई। जांच रिपोर्ट आने के बाद वहां के डॉक्टरों ने कहा कि कैंसर नहीं है। टाटा मैमोरियल के डॉक्टर ने पुरानी रिपोर्ट देखकर कहा कि आगरा की जिस लैब में सैंपल दिए थे, वहां से सैंपल लेकर आना। आगरा में उन्होंने लैब पर संपर्क किया तो उन्होंने सैंपल नहीं होने की बात कही। नरक से थे तीन महीने राजकुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि जिस दिन डॉक्टर ने कहा कि कैंसर है। मुझे लगा कि मेरी सांसें, दिल की धड़कन रूक गई है। दिमाग में पूरी जिंदगी चल गई। बच्चों का भविष्य, पत्नी की स्थिति, घर का हाल आंखों के सामने रील सा गुजरा। राजकुमार की 20 साल की बेटी, 18 साल का बेटा है। पत्नी राधा की हालत इतनी खराब हो गई कि वो बीमार हो गईं। दो-तीन महीने खाट से नहीं उठीं। घरवालों की हालत बहुत खराब हो गई। पूरा दिन, पूरी रात सभी रोते रहते थे। खाना नहीं खाते थे। बेटा बीटेक कर रहा है। बेटी ने अग्निवीर में भाग लिया था, जिसमें एयरफोर्स में सिलेक्शन हो गया है। वो इस समय पश्चिम बंगाल में है। 24 घंटे में कम हुआ 11 किलो वजन राजकुमार बताते हैं कि आगरा में उनका वजन नापा गया था। वो लगभग 70 किलो के थे। राजकुमार दावा करते हैं कि कैंसर की खबर मिलने के बाद उनका वजन 11 किलो कम हो गया। पहले 3 किलो में 5 किलो वजन कम हुआ। फिर मुंबई में वजन हुआ तो 11 किलो कम निकला। जांच ही जांच में 8 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। रिश्तेदार साथ में जाते थे। कई-कई दिन मुंबई और नोएडा में रूके। राजकुमार का इलाज मेदांता में चल रहा है। डॉ. गुरौलिया ने जांच के बाद बताया कि नसें सिकुड़ रही हैं, इसलिए खांसी आती है। दवा से अब फिट हूं। लौटने के बाद की शिकायत राजकुमार ने नोएडा से लौटने के बाद डॉ. टीपी सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संदीप अग्रवाल, क्लीनिकल पैथोलॉजी के डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ अनिल अग्रवाल पर साजिश के तहत कैंसर की झूठी रिपोर्ट देने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। राजकुमार का कहना था कि उनकी रिपोर्ट से पीड़ित और उनका पूरा परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। टहलाती रही पुलिस राजकुमार कहते हैं कि 21 महीने बाद बाद एफआईआर हुई है। पुलिस टालती रही। कभी कोई कागज मांगती कभी कोई। कहते थे तुम्हारे केस में कुछ नहीं होगा। फिर राजकुमार ने सीएमओ के यहां धरना दिया। सीएमओ ने 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई। टीम ने स्लाइड मंगवाई। स्लाइड को फिर से जांच के लिए एम्स भेजा गया। वहां से रिपोर्ट आई कि कैंसर नहीं है।

Oct 27, 2024 - 09:40
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आपको कैंसर है...4 से 5 दिन बची है जिंदगी:आगरा के व्यक्ति को आई खांसी को बता दिया कैंसर, पीड़ित बोला-लगा जिंदगी खत्म हो गई
मेरा पूरा परिवार हिल गया। मेरी पत्नी खाट पर पड़ गई। मुझसे ज्यादा तबीयत उसकी खराब हो गई। बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया। लगा बस, अब जिंदगी खत्म हो गई। कितना कुछ सोचा था, अब क्या होगा। बच्चों की पढ़ाई, शादी, भविष्य...डॉक्टर के उन शब्दों ने खत्म कर दिए। जैसे ही डॉक्टर ने कहा- आपको कैंसर है, मेरी सांसे थम सी गईं। यह दर्द उस व्यक्ति का, जिसे हल्की सी खांसी की शिकायत में डॉक्टर ने कैंसर बता दिया था। झूठी रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन कराने को कहा। बोला- 4-5 दिन के मेहमान हो। लेकिन व्यक्ति ने जब मुंबई और दिल्ली में जांच कराई तो कुछ नहीं निकला। 21 महीने बाद व्यक्ति की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ। आइए जानते हैं पूरी कहानी पीड़ित की जुबानी अछनेरा के रहने वाले किसान राजकुमार (48 साल) ने बताया- मुझे खांसी की शिकायत थी। मैं 17 जनवरी 2023 को एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. टीपी सिंह को उनके घर पर दिखाने गए। वहां उन्होंने देखा और दवा के साथ जांच कराने की बात कही। मैं जांच के बाद वो दोबारा दिखाने गया तो खून की उल्टी हो गई। यह बात बताने पर डॉक्टर ने फेफड़ों की जांच के लिए डॉ. मुकेश शर्मा के पास भेजा। डॉ. मुकेश शर्मा ने अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर शांति मधुवन प्लाजा में उनकी जांच की। जांच रिपोर्ट न्यू आगरा स्थिति क्लीनिकल पैथोलॉजी लैब से मिली। रिपोर्ट देखने के बाद डॉ. मुकेश शर्मा ने फेफड़ों का कैंसर बताया। कहा कि जल्दी इलाज नहीं कराया तो 4-5 दिन के मेहमान हो। राजकुमार ने बताया- कैंसर का नाम सुनकर मैं घबरा गया। सोच रहा था क्या करूं। फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मुझे सेकेंड ओपिनियन लेना है। तो मुझे पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी कैंसर एंड रिसर्च सेंटर हास्पिटल में भेज दिया गया। वहां पर डॉ. संदीप अग्रवाल ने जांच की। उसके बाद कैंसर बताया गया। फिर डॉ. मुकेश शर्मा को दिखाया तो ऑपरेशन का खर्चा 8 लाख बताया। नहीं मिला एम्स में अप्वॉइंटमेंट पीड़ित राजकुमार ने बताया- मेरे पास इलाज के लिए इतने रुपए नहीं थे। मैंने डॉक्टर से एम्स रेफर करने को कहा। AIIMS में अप्वाइंटमेंट नहीं मिला। उसके बाद 13 फरवरी 2023 को टाटा मैमोरियल कैंसर हॉस्पीटल पहुंचे। वहां 10 दिन भर्ती रहे। हर तरह की जांच हुई। जांच रिपोर्ट आने के बाद वहां के डॉक्टरों ने कहा कि कैंसर नहीं है। टाटा मैमोरियल के डॉक्टर ने पुरानी रिपोर्ट देखकर कहा कि आगरा की जिस लैब में सैंपल दिए थे, वहां से सैंपल लेकर आना। आगरा में उन्होंने लैब पर संपर्क किया तो उन्होंने सैंपल नहीं होने की बात कही। नरक से थे तीन महीने राजकुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि जिस दिन डॉक्टर ने कहा कि कैंसर है। मुझे लगा कि मेरी सांसें, दिल की धड़कन रूक गई है। दिमाग में पूरी जिंदगी चल गई। बच्चों का भविष्य, पत्नी की स्थिति, घर का हाल आंखों के सामने रील सा गुजरा। राजकुमार की 20 साल की बेटी, 18 साल का बेटा है। पत्नी राधा की हालत इतनी खराब हो गई कि वो बीमार हो गईं। दो-तीन महीने खाट से नहीं उठीं। घरवालों की हालत बहुत खराब हो गई। पूरा दिन, पूरी रात सभी रोते रहते थे। खाना नहीं खाते थे। बेटा बीटेक कर रहा है। बेटी ने अग्निवीर में भाग लिया था, जिसमें एयरफोर्स में सिलेक्शन हो गया है। वो इस समय पश्चिम बंगाल में है। 24 घंटे में कम हुआ 11 किलो वजन राजकुमार बताते हैं कि आगरा में उनका वजन नापा गया था। वो लगभग 70 किलो के थे। राजकुमार दावा करते हैं कि कैंसर की खबर मिलने के बाद उनका वजन 11 किलो कम हो गया। पहले 3 किलो में 5 किलो वजन कम हुआ। फिर मुंबई में वजन हुआ तो 11 किलो कम निकला। जांच ही जांच में 8 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। रिश्तेदार साथ में जाते थे। कई-कई दिन मुंबई और नोएडा में रूके। राजकुमार का इलाज मेदांता में चल रहा है। डॉ. गुरौलिया ने जांच के बाद बताया कि नसें सिकुड़ रही हैं, इसलिए खांसी आती है। दवा से अब फिट हूं। लौटने के बाद की शिकायत राजकुमार ने नोएडा से लौटने के बाद डॉ. टीपी सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संदीप अग्रवाल, क्लीनिकल पैथोलॉजी के डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ अनिल अग्रवाल पर साजिश के तहत कैंसर की झूठी रिपोर्ट देने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। राजकुमार का कहना था कि उनकी रिपोर्ट से पीड़ित और उनका पूरा परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। टहलाती रही पुलिस राजकुमार कहते हैं कि 21 महीने बाद बाद एफआईआर हुई है। पुलिस टालती रही। कभी कोई कागज मांगती कभी कोई। कहते थे तुम्हारे केस में कुछ नहीं होगा। फिर राजकुमार ने सीएमओ के यहां धरना दिया। सीएमओ ने 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई। टीम ने स्लाइड मंगवाई। स्लाइड को फिर से जांच के लिए एम्स भेजा गया। वहां से रिपोर्ट आई कि कैंसर नहीं है।

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